Hindi Christian Testimony Video Based on a True Story | बीमारी के बीच आत्मचिंतन

02 दिसम्बर, 2021

उसने अपना घर-बार और काम छोड़ दिया, सुसमाचार साझा करने लगी, करीब एक दशक तक अपना कर्तव्य निभाती रही; इसलिए, उसका मानना है कि उसके त्यागों और कड़ी मेहनत के कारण उसे परमेश्वर की स्वीकृति और आशीष ज़रूर मिलेगी। मगर जब वह अचानक एक गंभीर बीमारी का सामना करती है, तो उसकी हैरानी का ठिकाना नहीं रहता। इस कठिन परीक्षा से गुजरते हुए वह निराशा में डूब जाती है; उसके मन में गलतफहमी पैदा हो जाती है और पर शिकायतें करने लगती है। मगर, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन पढ़कर, वह आत्मचिंतन करने लगती है। उसे पता चलता है कि इतने बरसों तक उसने जो भी त्याग किया वह दूषित था और उसके पीछे निजी मंशाएं छिपी हुई थीं, यह परमेश्वर की इच्छा के अनुरूप नहीं है। आत्मचिंतन से वह क्या सीखती है? अपने अनुभव से उसे क्या हासिल होता है? जानने के लिए देखें, "बीमारी के बीच आत्मचिंतन"।

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परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

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