01अगर हम हमेशा झूठे मसीहों से अपने बचाव की कोशिशों में लगे रहेंगे, तो क्या हम प्रभु की वापसी का स्वागत कर पाएंगे?

प्रभु यीशु ने एक बार भविष्यवाणी की थी कि अंत के दिनों में जब वह प्रकट होकर अपना कार्य करने के लिए लौटेगा, तो लोगों को धोखा देने के लिए झूठे मसीह और झूठे नबी भी सामने आएंगे। अंत के दिन अब ख़त्म होने वाले हैं, प्रभु यीशु काफ़ी पहले ही सत्य व्यक्त करने और परमेश्वर के घर से शुरू होने वाला न्याय का कार्य करने के लिए देहधारण करके लौट आया है। फिर भी कुछ लोगों को झूठे मसीहों द्वारा गुमराह किये जाने का डर है, इसलिए वे लगातार नकारात्मक रहकर अपना बचाव करते रहते हैं, वे अंत के दिनों में परमेश्वर के प्रकटन और कार्य की खोज या जांच-पड़ताल करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं, यहां तक कि वे झूठे मसीहों से अपना बचाव करने को सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण मानते हैं। लेकिन ऐसा करके, वे प्रभु की वापसी का स्वागत कैसे कर पाएंगे?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद

"माँगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूँढ़ो तो तुम पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा" (मत्ती 7:7)।

"हे प्रियो, हर एक आत्मा की प्रतीति न करो, वरन् आत्माओं को परखो कि वे परमेश्‍वर की ओर से हैं कि नहीं; क्योंकि बहुत से झूठे भविष्यद्वक्‍ता जगत में निकल खड़े हुए हैं" (1 यूहन्ना 4:1)।

"अत: विश्‍वास सुनने से और सुनना मसीह के वचन से होता है" (रोमियों 10:17)।

02सच्चे मसीह और झूठे मसीहों के बीच भेद करना

अगर हम प्रभु यीशु की वापसी का स्वागत करना चाहते हैं, तो बहुत ज़रूरी है कि हम सच्चे मसीह और झूठे मसीहों के बीच भेद करने का तरीका जानें, क्योंकि इसका सीधा प्रभाव इस बात पर पड़ता है कि हम परमेश्वर के सिंहासन के सामने लाये जा सकते हैं या नहीं। अगर हम यह पहचान नहीं पाते हैं, तो हम झूठे मसीहों द्वारा आसानी से धोखा खा जाएंगे और हम मसीह के आगमन को अस्वीकार करके उसकी निंदा करेंगे। अंत में, हम ऐसी मूर्ख कुंवारियां बन जाएंगे जिन्हें प्रभु द्वारा त्याग दिया जाता है। ऐसे में, हम स्वर्ग के राज्य में लाये जाने का अपना अवसर गँवा देंगे। हम सच्चे मसीह और झूठे मसीहों के बीच का अंतर कैसे बता सकते हैं?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद

"यीशु ने उससे कहा, 'मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ'" (यूहन्ना 14:6)।

"मुझे तुम से और भी बहुत सी बातें कहनी हैं, परन्तु अभी तुम उन्हें सह नहीं सकते। परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा" (यूहन्ना 16:12-13)।

"यदि कोई मेरी बातें सुनकर न माने, तो मैं उसे दोषी नहीं ठहराता; क्योंकि मैं जगत को दोषी ठहराने के लिये नहीं, परन्तु जगत का उद्धार करने के लिये आया हूँ। जो मुझे तुच्छ जानता है और मेरी बातें ग्रहण नहीं करता है उसको दोषी ठहरानेवाला तो एक है: अर्थात् जो वचन मैं ने कहा है, वही पिछले दिन में उसे दोषी ठहराएगा" (यूहन्ना 12:47-48)।

"यीशु ने उनको उत्तर दिया, सावधान रहो! कोई तुम्हें न भरमाने पाए, क्योंकि बहुत से ऐसे होंगे जो मेरे नाम से आकर कहेंगे, 'मैं मसीह हूँ', और बहुतों को भरमाएँगे" (मत्ती 24:4-5)।

"क्योंकि झूठे मसीह और झूठे भविष्यद्वक्‍ता उठ खड़े होंगे, और बड़े चिह्न, और अद्भुत काम दिखाएँगे कि यदि हो सके तो चुने हुओं को भी भरमा दें" (मत्ती 24:24)।

03परमेश्वर की वाणी सुनें और प्रभु का स्वागत करें

मसीह देहधारी परमेश्वर है; उसके पास एक दिव्य सार है; वह कभी भी और कहीं भी सत्य व्यक्त कर सकता है और परमेश्वर की वाणी जारी कर सकता है। इसलिए, प्रभु की वापसी पर उसका स्वागत करने में यह जानना महत्वपूर्ण है कि परमेश्वर की वाणी कैसे सुनें। जब हम किसी को यह गवाही देते हुए सुनते हैं कि प्रभु लौट आया है, तो हमें बुद्धिमान कुंवारियों की तरह इसकी खोज और जांच-पड़ताल करने की कोशिश करनी चाहिए। फिर जैसे ही हम परमेश्वर की वाणी को पहचान लेते हैं, हमें इसे स्वीकार करके इसका अनुसरण करना चाहिए। इस तरह हम प्रभु का स्वागत कर सकते हैं और उसके साथ भोज में शामिल हो सकते हैं।

संदर्भ के लिए बाइबल के पद

"देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूँ; यदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूँगा और वह मेरे साथ" (प्रकाशितवाक्य 3:20)।

"आधी रात को धूम मची : 'देखो, दूल्हा आ रहा है! उससे भेंट करने के लिये चलो'" (मत्ती 25:6)।

"मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती हैं; मैं उन्हें जानता हूँ, और वे मेरे पीछे पीछे चलती हैं" (यूहन्ना 10:27)।

"जिसके कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है" (प्रकाशितवाक्य 2:7)।

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संदर्भ के लिए लेख

सच्चे मसीह और झूठे मसीहों में भेद करना और प्रभु की वापसी का स्वागत करना

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