देहधारी परमेश्वर के प्रकटन और कार्य से संबंधित वचन

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परमेश्वर के प्रासंगिक वचन

यह क्यों कहा जाता है कि परमेश्वर के दो देहधारण, देहधारण का अर्थ पूरा करते हैं

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन : प्रथम देहधारण मनुष्य को पाप से छुटकारा देने के लिए था, उसे यीशु की देह के माध्यम से छुटकारा देने के लिए था, अर्थात् यीशु न…

यह क्यों कहा जाता है कि भ्रष्ट मानवजाति को देहधारी परमेश्वर के उद्धार की अधिक आवश्यकता है

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन : परमेश्वर द्वारा मनुष्य को सीधे पवित्रात्मा की पद्धति और पवित्रात्मा की पहचान का उपयोग करके नहीं बचाया जाता, क्योंकि उसके प…

देहधारण और उसका सार क्या है

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन : "देहधारण" परमेश्वर का देह में प्रकट होना है; परमेश्वर सृष्टि के मनुष्यों के मध्य देह की छवि में कार्य करता है। इसलिए, परमे…

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अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य से संबंधित सत्य

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परमेश्वर के प्रासंगिक वचन

अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य का अर्थ कैसे जानें

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन : युग का समापन करने के अपने अंतिम कार्य में, परमेश्वर का स्वभाव ताड़ना और न्याय का है, जिसमें वह वो सब प्रकट करता है जो अधार…

अंत के दिनों में परमेश्वर का न्याय का कार्य मानवजाति को किस तरह शुद्ध करता और बचाता है

संदर्भ के लिए बाइबल के पद : "यदि कोई मेरी बातें सुनकर न माने, तो मैं उसे दोषी नहीं ठहराता; क्योंकि मैं जगत को दोषी ठहराने के लिये नहीं, परन्तु जगत का …

अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य को स्वीकार न करने के प्रभाव और परिणाम

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन : न्याय का कार्य परमेश्वर का अपना कार्य है, इसलिए स्वाभाविक रूप से इसे परमेश्वर द्वारा ही किया जाना चाहिए; उसकी जगह इसे मनुष…

अंत के दिनों में परमेश्वर का न्याय का कार्य महान श्वेत सिंहासन का न्याय का कार्य है

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन : बीते समय में जो यह कहा गया था कि न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होगा, उन वचनों में "न्याय" उस फैसले को संदर्भित करता है, जो …

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मानवजाति के उद्धार के लिए परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों से संबंधित वचन

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परमेश्वर के प्रासंगिक वचन

परमेश्वर का तीन चरणों का कार्य कैसे क्रमशः गहन होता जाता है, ताकि लोगों को बचाकर उन्हें पूर्ण किया जा सके

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन : परमेश्वर का संपूर्ण प्रबंधन तीन चरणों में विभाजित है, और प्रत्येक चरण में मनुष्य से यथोचित अपेक्षाएँ की जाती हैं। इसके अति…

परमेश्वर के कार्य के तीनों चरणों के बीच संबंध

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन : यहोवा के कार्य से लेकर यीशु के कार्य तक, और यीशु के कार्य से लेकर इस वर्तमान चरण तक, ये तीन चरण परमेश्वर के प्रबंधन के पूर…

परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों में से प्रत्येक का उद्देश्य और अर्थ

(1) व्यवस्था के युग में परमेश्वर के कार्य का उद्देश्य और अर्थ परमेश्वर के प्रासंगिक वचन : यहोवा ने जो कार्य इस्राएलियों पर किया, उसने मानव-जाति के बीच…

मानवजाति के प्रबंधन के लिए परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों का उद्देश्य

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन : मेरी संपूर्ण प्रबंधन योजना, छह-हज़ार-वर्षीय प्रबंधन योजना, के तीन चरण या तीन युग हैं : आरंभ में व्यवस्था का युग; अनुग्रह का…

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धर्मोपदेश लेख

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परमेश्वर के अंत के दिनों का न्याय कार्य मनुष्य को कैसे शुद्ध करके बचाता है?

लोगों को यह एहसास हो गया है कि बड़ी आपदाएँ हम तक आ गयी हैं, और प्रभु के बादल पर आने की आस लगाए हुए लोग सांस रोक कर प्रतीक्षा करते रहे हैं। वर्षों क…

क्या आस्था द्वारा उद्धार परमेश्वर के राज्य में प्रवेश दिलाता है?

महामारी लगातार फैल रही है, भूकंप, बाढ़, कीटों का झुंड, अकाल आने शुरू हो गए हैं। बहुत लोग लगातार बेचैनी की स्थिति में जी रहे हैं, विश्वासी उत्सुकता…

जब उद्धारकर्ता वापस आएगा, क्या वह तब भी यीशु ही कहलाएगा?

अंत के दिनों में उद्धारकर्ता सर्वशक्तिमान परमेश्वर पहले ही पृथ्वी पर आ चुका है, वो सत्य व्यक्त करते हुए मानव-जाति को पूरी तरह से बचाने के लिए काम …

अंत के दिनों में परमेश्वर देहधारी होकर क्यों आता है, आत्मा के रूप में क्यों नहीं?

जबसे उद्धारकर्ता सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने अंत के दिनों के अपने न्याय-कार्य के लिए सत्य व्यक्त किए हैं, बहुत लोगों ने सच्चे मार्ग की खोज और पड़ताल की…

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10 प्रश्न प्रभु यीशु ने कहा था, "परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूँगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा; वरन् जो जल मैं उसे दूँगा, वह उसमें एक सोता बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा" (यूहन्ना 4:14)। बाइबल भी ऐसा ही कहती है: "जो पुत्र पर विश्‍वास करता है, अनन्त जीवन उसका है; परन्तु जो पुत्र की नहीं मानता, वह जीवन को नहीं देखेगा, परन्तु परमेश्‍वर का क्रोध उस पर रहता है" (यूहन्ना 3:36)। हम मानते हैं कि प्रभु यीशु मसीह है, मनुष्य का पुत्र, और यह कि प्रभु यीशु का मार्ग अनंत जीवन का मार्ग है। हम मानते हैं कि जब तक हम प्रभु में विश्वास करते रहें, हम अनन्त जीवन पाने में सक्षम होंगे। परन्तु आप यह गवाही देते हैं कि केवल अंतिम दिनों का मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर, मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग प्रदान कर सकता है। क्या आप यह कह रहे हैं कि यदि हम प्रभु यीशु का अनुसरण करते हैं, तो हम अनंत जीवन का मार्ग प्राप्त करने में सक्षम नहीं होंगे? हमें अंतिम दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर, के वचनों और कार्यों को स्वीकार करने की आवश्यकता क्यों है?

धार्मिक जगत इतनी मेहनत लगाकर, सर्वशक्तिमान परमेश्वर और सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की निंदा और पागलों की तरह विरोध क्यों करता है?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद: "एक और दृष्‍टान्त सुनो : एक गृहस्वामी था, जिसने दाख की बारी लगाई, उसके चारों ओर बाड़ा बाँधा, उसमें रस का कुंड खोदा और गुम्…

सीसीपी सरकार, सर्वशक्तिमान परमेश्वर और सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का पागलों सा दमन और उन्हें क्रूरता से प्रताड़ित क्यों करती है?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद: "इस युग के लोग बुरे हैं" (लूका 11:29)। "और सारा संसार उस दुष्‍ट के वश में पड़ा है" (1 यूहन्ना 5:19)। "और दण्ड की आज्ञा क…

अफवाहें कहाँ से आती हैं और इन्हें कैसे बनाया जाता है?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद: "यहोवा परमेश्‍वर ने जितने बनैले पशु बनाए थे, उन सब में सर्प धूर्त था; उसने स्त्री से कहा, क्या सच है कि परमेश्‍वर ने कहा, …

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