01क्या अनुग्रह के युग के प्रायश्चित के मार्ग को स्वीकार करने का अर्थ अनंत जीवन का मार्ग प्राप्त करना है?

प्रभु में विश्वास करने और उसके समक्ष अपने पापों को स्वीकार करने पर हमें हमारे पापों के लिए क्षमा कर दिया जाता है और हम परमेश्वर के अनुग्रह और आशीष का आनंद ले पाते हैं। यह हमें अनंत जीवन की आशा प्रदान करता है, कई लोग मानते हैं कि यही अनंत जीवन का मार्ग प्राप्त करना है। किन्तु क्या यह वास्तव में सच है? हम सब जानते हैं कि प्रभु यीशु ने अनुग्रह के युग में छुटकारे का कार्य किया था, जिसमें उसने मानवजाति को परमेश्वर के समक्ष अपने पाप कबूल करना और प्रायश्चित करना, सभी चीजों के प्रति विनम्र और सहिष्णु होना, अपनी सलीब को धारण करना और बहुत कुछ सिखाया। यह सब छुटकारे के कार्य के दौरान व्यक्त सत्यों के चारों ओर केंद्रित है, और ये सत्य ही प्रायश्चित का मार्ग हैं। प्रायश्चित के इस मार्ग को स्वीकार करने पर हम अपने पापों से मुक्त हो जाते हैं और अपने व्यवहार में कुछ सकारात्मक बदलाव देखते हैं। हालांकि अब भी हमारे भीतर अपनी पापमय प्रकृति की वास्तविक समझ का अभाव होता है, हममें इस सत्य की वास्तविक समझ का भी अभाव होता है कि लोग पाप से मुक्त और शुद्ध कैसे बन सकते हैं। हमारी पापमय प्रकृति दृढ़ता से बनी रहती है, और हम स्वयं को पाप करने, परमेश्वर का प्रतिरोध करने और उसके विरुद्ध विद्रोह करने से रोक नहीं पाते। यह अनंत जीवन का मार्ग प्राप्त करना कैसे हो सकता है?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद

"मन फिराओ क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आया है" (मत्ती 4:17)।

"मैं तुम से सच सच कहता हूँ कि जो कोई पाप करता है वह पाप का दास है। दास सदा घर में नहीं रहता; पुत्र सदा रहता है" (यूहन्ना 8:34-35)।

"वैसे ही मसीह भी बहुतों के पापों को उठा लेने के लिये एक बार बलिदान हुआ; और जो लोग उसकी बाट जोहते हैं उनके उद्धार के लिये दूसरी बार बिना पाप उठाए हुए दिखाई देगा" (इब्रानियों 9:28)।

02अनंत जीवन का मार्ग क्या है?

अनंत जीवन का मार्ग उतना सरल नहीं है जितना हमसे बस पाप कबूल प्रायश्चित करवा लेना, और फिर कुछ अच्छा बाहरी व्यवहार करवा लेना है। यह सत्य का मार्ग ही है जिसकी बदौलत हम अनंत जीवन जी पाते हैं। इसका अर्थ है हमारी पापमय प्रकृति का सम्पूर्ण समाधान करना, हमें शैतान के प्रभाव से बचाना, और हमारे भ्रष्ट शैतानी स्वभाव को उखाड़ फेंकना, ताकि हमें परमेश्वर द्वारा शुद्ध करके पूर्णतः बचाया जा सके। फिर यह सत्य ही हमारा जीवन बन जाता है, हम परमेश्वर के प्रति सच्चे अर्थ में समर्पित हो पाते हैं, उसका आदर और उससे प्रेम कर पाते हैं, हम परमेश्वर के अनुरूप बन जाते हैं, और हमें परमेश्वर द्वारा पूरी तरह प्राप्त कर लिया जाता है। यही अनंत जीवन का मार्ग है।

संदर्भ के लिए बाइबल के पद

"मुझे तुम से और भी बहुत सी बातें कहनी हैं, परन्तु अभी तुम उन्हें सह नहीं सकते। परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा परन्तु जो कुछ सुनेगा वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा" (यूहन्ना 16:12-13)।

"जो मुझे तुच्छ जानता है और मेरी बातें ग्रहण नहीं करता है उसको दोषी ठहरानेवाला तो एक है: अर्थात् जो वचन मैं ने कहा है, वही पिछले दिन में उसे दोषी ठहराएगा" (यूहन्ना 12:48)।

"फिर मैं ने एक और स्वर्गदूत को आकाश के बीच में उड़ते हुए देखा, जिसके पास पृथ्वी पर के रहनेवालों की हर एक जाति, और कुल, और भाषा, और लोगों को सुनाने के लिये सनातन सुसमाचार था। उसने बड़े शब्द से कहा, 'परमेश्‍वर से डरो, और उसकी महिमा करो, क्योंकि उसके न्याय करने का समय आ पहुँचा है; और उसका भजन करो, जिसने स्वर्ग और पृथ्वी और समुद्र और जल के सोते बनाए'" (प्रकाशितवाक्य 14:6-7)।

"ये वे हैं जो स्त्रियों के साथ अशुद्ध नहीं हुए, पर कुँवारे हैं; ये वे ही हैं कि जहाँ कहीं मेम्ना जाता है, वे उसके पीछे हो लेते हैं; ये तो परमेश्‍वर के निमित्त पहले फल होने के लिये मनुष्यों में से मोल लिए गए हैं। उनके मुँह से कभी झूठ न निकला था, वे निर्दोष हैं" (प्रकाशितवाक्य 14:4-5)।

03हम अनंत जीवन का मार्ग कैसे प्राप्त कर सकते हैं?

मानवजाति के उद्धार के लिए परमेश्वर द्वारा सत्य व्यक्त करने की एक योजना है और इसके कई चरण हैं। प्रभु यीशु ने छुटकारे का कार्य अनुग्रह के युग में किया; उसने प्रायश्चित का मार्ग बताया, मनुष्य के पापों को क्षमा किया और हमें शैतान के चंगुल से छुड़ाया। अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर, द्वारा किया गया कार्य न्याय का कार्य है, और वह जो सत्य व्यक्त करता है, वे लोगों को सदा के लिए शुद्ध करके बचा पाते हैं। यह हमें पाप की बेड़ियों से छूटने, शुद्ध होने और परमेश्वर द्वारा प्राप्त किए जाने देता है। ये सत्य अनंत जीवन का मार्ग हैं जो परमेश्वर ने मानवजाति को प्रदान किया है। यही कारण है कि अनंत जीवन का मार्ग प्राप्त करने के लिए हमें अंत के दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्त सारे सत्यों को स्वीकार करना चाहिए।

संदर्भ के लिए बाइबल के पद

"देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूँ; यदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूँगा और वह मेरे साथ" (प्रकाशितवाक्य 3:20)।

"जिसके कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है। जो जय पाए, मैं उसे उस जीवन के पेड़ में से जो परमेश्‍वर के स्वर्गलोक में है, फल खाने को दूँगा" (प्रकाशितवाक्य 2:7)।

"आत्मा और दुल्हिन दोनों कहती हैं, 'आ!' और सुननेवाला भी कहे, 'आ!' जो प्यासा हो वह आए, और जो कोई चाहे वह जीवन का जल सेंतमेंत ले" (प्रकाशितवाक्य 22:17)।

"मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती हैं; मैं उन्हें जानता हूँ, और वे मेरे पीछे पीछे चलती हैं; और मैं उन्हें अनन्त जीवन देता हूँ। वे कभी नष्‍ट न होंगी, और कोई उन्हें मेरे हाथ से छीन न लेगा" (यूहन्ना 10:27-28)।

"धन्य वे हैं, जो अपने वस्त्र धो लेते हैं, क्योंकि उन्हें जीवन के वृक्ष के पास आने का अधिकार मिलेगा, और वे फाटकों से होकर नगर में प्रवेश करेंगे" (प्रकाशितवाक्य 22:14)।

संदर्भ के लिए लेख

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