01सच्चे मार्ग की जांच-पड़ताल करते समय सबसे आसानी से हो सकने वाली गलती

क्या आप जानते हैं कि क्यों शैतान हव्वा को धोखा देने और उसके ऊपर से परमेश्वर का आशीष हटाने में कामयाब हो पाया? क्या आप जानते हैं कि क्यों आम यहूदी लोग प्रभु का विरोध करने के लिए फ़रीसियों के साथ मिल गये और इस तरह प्रभु के उद्धार को गँवा बैठे? इसका मुख्य कारण यह था कि उन्होंने परमेश्वर के वचनों को नहीं सुना, बल्कि केवल शैतान की अफ़वाहों और झूठ को सुनते रहे। प्रभु काफ़ी समय पहले लौट आया है : वह सत्य को व्यक्त करता है और परमेश्वर के घर से शुरू होने वाला न्याय का कार्य करता है, बहुत से लोग आज उसी ग़लती को दोहरा रहे हैं जो हव्वा और आम यहूदी लोगों ने की थी। वे धार्मिक दुनिया के पादरियों और एल्डर की उन भ्रांतियों और झूठों पर आँखें बंद करके विश्वास कर लेते हैं, जो प्रभु के वचनों के विरुद्ध होते हैं, जैसे कि "ऐसा कोई भी उपदेश जो कहता है कि परमेश्वर ने देहधारण किया है, गलत है।" वे यह सुनना ही नहीं चाहते कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है, जैसा कि अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्त किया गया है। क्या ऐसे संभ्रमित, अविवेकी लोग प्रभु के आगमन पर उसका स्वागत कर सकते हैं?

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"यहोवा परमेश्‍वर ने जितने बनैले पशु बनाए थे, उन सब में सर्प धूर्त था; उसने स्त्री से कहा, 'क्या सच है कि परमेश्‍वर ने कहा, "तुम इस वाटिका के किसी वृक्ष का फल न खाना"?' स्त्री ने सर्प से कहा, 'इस वाटिका के वृक्षों के फल हम खा सकते हैं; पर जो वृक्ष वाटिका के बीच में है, उसके फल के विषय में परमेश्‍वर ने कहा है कि न तो तुम उसको खाना और न उसको छूना, नहीं तो मर जाओगे।' तब सर्प ने स्त्री से कहा, 'तुम निश्‍चय न मरोगे! वरन् परमेश्‍वर आप जानता है कि जिस दिन तुम उसका फल खाओगे उसी दिन तुम्हारी आँखें खुल जाएँगी, और तुम भले बुरे का ज्ञान पाकर परमेश्‍वर के तुल्य हो जाओगे'" (उत्पत्ति 3:1-5)

"तुम अपने पिता शैतान से हो और अपने पिता की लालसाओं को पूरा करना चाहते हो। वह तो आरम्भ से हत्यारा है और सत्य पर स्थिर न रहा, क्योंकि सत्य उसमें है ही नहीं। जब वह झूठ बोलता, तो अपने स्वभाव ही से बोलता है; क्योंकि वह झूठा है वरन् झूठ का पिता है" (यूहन्ना 8:44)

"जो परमेश्‍वर से होता है, वह परमेश्‍वर की बातें सुनता है; और तुम इसलिये नहीं सुनते कि परमेश्‍वर की ओर से नहीं हो" (यूहन्ना 8:47)

02सच्चे मार्ग की जांच-पड़ताल करते समय शैतान की अफ़वाहों और झूठों पर विश्वास करने का परिणाम

सच्चे मार्ग की जांच-पड़ताल करने में सबसे महत्वपूर्ण बात केवल परमेश्वर की वाणी को सुनना और शैतान की अफवाहों और झूठों को पूरी तरह से अनसुना करना है; सच्चे मार्ग की जांच-पड़ताल करने के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत है, इसका हमारे परिणाम और अंतिम मंजिल पर सीधा असर पड़ता है। अगर लोग केवल सीसीपी सरकार के साथ-साथ पादरियों और एल्डर की अफ़वाहों और झूठों को सुनते रहें और उन बातों को न सुनें जो कि आत्मा कलीसियाओं से कहता है, तो फ़िर उनका क्या होगा?

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"मेरे ज्ञान के न होने से मेरी प्रजा नष्‍ट हो गई" (होशे 4:6)

"परन्तु मूढ़ लोग निर्बुद्धि होने के कारण मर जाते हैं" (नीतिवचन 10:21)

03सच्चे मार्ग की जांच-पड़ताल करते समय केवल परमेश्वर की वाणी को सुनें

प्रकाशितवाक्य की पुस्तक यह भविष्यवाणी करती है, "देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूँ; यदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूँगा और वह मेरे साथ" (प्रकाशितवाक्य 3:20)। सर्वशक्तिमान परमेश्वर—अंत के दिनों का मसीह—अपने कथनों के माध्यम से मनुष्य के सामने प्रकट होता है। बुद्धिमान कुंवारियाँ सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को सुनती हैं और उन्हें सत्य यानी परमेश्वर की वाणी मानती हैं। वे किसी भी अफ़वाह या झूठ से लेशमात्र भी धोखा नहीं खाती हैं और वे सर्वशक्तिमान परमेश्वर का दृढ़ता से अनुसरण करती हैं। फिर वे प्रभु का स्वागत करने, मेमने की दावत में शामिल होने और अंत के दिनों के परमेश्वर का उद्धार प्राप्त करने में सक्षम होती हैं। यह स्पष्ट है कि परमेश्वर की वाणी को सुनना ही सच्चे मार्ग की जांच-पड़ताल करने और प्रभु का स्वागत करने का एकमात्र रास्ता है।

संदर्भ के लिए बाइबल के पद

"यीशु ने उससे कहा, 'मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ'" (यूहन्ना 14:6)

"मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती हैं; मैं उन्हें जानता हूँ, और वे मेरे पीछे पीछे चलती हैं" (यूहन्ना 10:27)

"देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूँ; यदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूँगा और वह मेरे साथ" (प्रकाशितवाक्य 3:20)

"जिसके कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है" (प्रकाशितवाक्य 2:7)

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संदर्भ के लिए लेख

सच्चे मार्ग की जांच-पड़ताल करते समय केवल परमेश्वर की वाणी को ही सुनें—आपको शैतान की अफ़वाहों और झूठों को नहीं सुनना चाहिए

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