फ़िलाडेल्फ़िया की कलीसिया ने अपना आकार ले लिया है, और यह पूरी तरह से परमेश्वर के अनुग्रह और दया के कारण हुआ है। परमेश्वर के लिए प्रेम अनेक संतों में जगता है जो बिना डगमगाए अपने आध्यात्मिक मार्ग पर चलते हैं। वे अपने इस विश्वास पर दृढ़ रहते हैं कि एकमात्र सच्चे परमेश्वर ने देहधारण किया है, कि वह ब्रह्मांड का मुखिया है जो सभी चीज़ों को नियंत्रित करता है : इसकी पुष्टि पवित्र आत्मा द्वारा की जा चुकी है और यह पर्वतों की तरह अचल है! यह कभी नहीं बदल सकता!
ओह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर! आज तुमने हमारी आध्यात्मिक आँखें खोल दी हैं, जिससे अंधे देख रहे हैं, लंगड़े चल रहे हैं, और कुष्ठरोगी चंगे हो रहे हैं। यह तुम ही हो जिसने स्वर्ग की ओर की खिड़की खोल दी है और इसके द्वारा हमें आध्यात्मिक दुनिया के रहस्यों को समझने दिया है। तुम्हारे पवित्र शब्द हमारे भीतर जज़्ब हो गए हैं, और शैतान द्वारा दूषित हमारी मानवता से हम बचा लिए गए हैं। यह तुम्हारा अपरिमेय महान काम है और तुम्हारी महान अपरिमेय दया है। हम तुम्हारे गवाह हैं!
तुम लंबे समय से विनम्रता और ख़ामोशी में छिपे रहे हो। तुम मृत्यु से पुनरुत्थित हुए हो और सूली पर चढ़ने की पीड़ा सहने का, मानव जीवन के सुखों और दुखों का, और साथ-साथ उत्पीड़न और विपत्ति का अनुभव किया है; तुमने मानव संसार के दर्द का अनुभव और स्वाद लिया है, और तुम्हें युग द्वारा त्यागा गया है। देहधारी परमेश्वर स्वयं परमेश्वर है। तुमने हमें परमेश्वर की इच्छा की खातिर मैले के ढेर से बचाया है, हमें अपने दाहिने हाथ से उठाया है और मुक्त रूप से अपना अनुग्रह हमें दिया है। कोई प्रयास बाकी न रखते हुए, तुमने अपना जीवन हममें गढ़ा है; अपने रक्त, पसीने, और आँसूओं से जो कीमत तुमने चुकाई है, वह संतों में ठोस रूप में उपस्थित है। हम तुम्हारे श्रमसाध्य प्रयासों के परिणाम[क] हैं; हम वह कीमत हैं जो तुमने चुकाई है।
ओह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर! तुम्हारी प्रेमपूर्ण दया और कृपा, तुम्हारी धार्मिकता और महिमा, तुम्हारी पवित्रता और नम्रता के कारण ही सभी लोग तुम्हारे सामने झुकेंगे और अनंत काल तक तुम्हारी आराधना करेंगे।
आज तुमने सभी कलीसियों को पूरा किया है—फ़िलाडेल्फ़िया की कलीसिया—और इस प्रकार अपनी 6,000 साल की प्रबंधन योजना को पूरा किया है। सभी संत अब नम्रता से तुम्हारे सामने समर्पित हो सकते हैं; वे एक दूसरे से आत्मा में जुड़े हुए हैं और एक दूसरे के साथ प्रेमपूर्वक आगे बढ़ते हैं। वे झरने के स्रोत से जुड़े हैं। जीवन का जीवित पानी निरंतर बहता है और वह कलीसिया की सभी गंदगी और कीचड़ को बहा ले जाता है, और एक बार फिर तुम्हारे मंदिर को शुद्ध करता है। हमने व्यावहारिक सच्चे परमेश्वर को जाना है, उसके वचनों में चले हैं, अपने कार्यों और कर्तव्यों को पहचाना है, और कलीसिया के लिए खुद को खपाने के लिए जो कुछ हम कर सकते थे वो हमने किया है। तुम्हारे सामने हर एक पल शांत रहते हुए, हमें पवित्र आत्मा के काम पर ध्यान देना चाहिए ताकि तुम्हारी इच्छा हमारे भीतर अवरुद्ध न हो। संतों के बीच आपसी प्रेम है, और कुछ की मज़बूतियां दूसरों की विफलताओं की भरपाई करेंगी। वे हर पल आत्मा में चल सकते हैं और पवित्र आत्मा द्वारा प्रबुद्ध और प्रकाशित किए गए हैं। सत्य समझने के तुरंत बाद वे उसे अभ्यास में ले आते हैं। वे नई रोशनी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हैं और परमेश्वर के पदचिह्नों का अनुसरण करते हैं।
सक्रिय रूप से परमेश्वर के साथ सहयोग करो; उसे नियंत्रण सौंपने का अर्थ है उसके साथ चलना। हमारे सभी विचार, धारणाएं, सोच और धर्मनिरपेक्ष उलझनें, धुएं की तरह हवा में गायब हो जाती हैं। हम परमेश्वर को अपनी आत्माओं पर शासन करने देते हैं, उसके साथ चलते हैं और इस तरह उत्थान हासिल करते हुए दुनिया पर विजय प्राप्त करते हैं, और हमारी आत्माएं मुक्त हो जाती हैं और रिहाई प्राप्त करती हैं : जब सर्वशक्तिमान परमेश्वर राजा बनेगा तो येपरिणाम होंगे। ऐसा कैसे हो सकता है कि हम नृत्य न करें और स्तुति में न गाएं, अपनी प्रशंसा भेंट न करें, और अपने नए भजन न पेश करें?
वास्तव में परमेश्वर की स्तुति करने के कई तरीके हैं : उसका नाम पुकारना, उसके पास आना, उसके बारे में सोचना, प्रार्थना करते हुए पढ़ना, साहचर्य में शामिल होना, चिंतन करना, सोच-विचार करना, प्रार्थना करना और प्रशंसा के गीत गाना। इस तरह की स्तुति में आनंद है, और अभिषेक है; स्तुति में शक्ति है और एक दायित्व भी है। स्तुति में विश्वास है, और एक नई अंतर्दृष्टि भी है।
सक्रिय रूप से परमेश्वर के साथ सहयोग करो, सेवा में समन्वय करो और एक हो जाओ, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की इच्छाओं को पूरा करो, एक पवित्र आध्यात्मिक शरीर बनने के लिए तत्पर रहो, शैतान को कुचलो, और उसकी नियति समाप्त करो। फ़िलाडेल्फ़िया की कलीसिया परमेश्वर के सामने आरोहित की गयी है और परमेश्वर की महिमा में प्रकट की जाती है।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, आरंभ में मसीह के कथन, अध्याय 2
फुटनोट :
क. मूल पाठ में, "के परिणाम" यह वाक्यांश नहीं है।
दुनिया के सभी राष्ट्रों और सभी स्थानों में भूकंप, अकाल, महामारियाँ और सभी प्रकार की आपदाएँ बार-बार होती हैं। जैसे-जैसे मैं सभी राष्ट्रों और सभी जगहों पर अपना महान कार्य करता हूँ, ये आपदाएँ दुनिया के निर्माण के बाद के किसी भी अन्य समय की तुलना में अधिक गंभीर रूप से उभरेंगी। यह सभी लोगों के बारे में मेरे न्याय की शुरुआत है; किंतु मेरे पुत्र आराम कर सकते हैं; तुम लोगों पर कोई आपदा नहीं पड़ेगी और मैं तुम लोगों की रक्षा करूँगा (जिसका अर्थ है कि तुम लोग बाद में शरीर में रहोगे, किंतु देह में नहीं, इसलिए तुम किसी भी आपदा की पीड़ा को नहीं भुगतोगे)। तुम लोग बस मेरे साथ राजाओं के रूप में शासन करोगे और ब्रह्मांड और पृथ्वी के अंतिम छोर तक हमेशा मेरे साथ अच्छे आशीषों का आनंद लेते हुए सभी राष्ट्रों और सभी लोगों का न्याय करोगे। ये सभी वचन पूरे होंगे और उन्हें शीघ्र ही तुम लोगों की आँखों के सामने प्राप्त कर लिया जाएगा। मैं न तो एक घंटा की देरी करता हूँ न एक दिन की, मैं चीजों को अविश्वसनीय रूप से शीघ्रता से करता हूँ। चिंतित या व्याकुल मत हो और जो आशीष मैं तुम्हें देता हूँ वह कुछ ऐसा है, जिसे कोई तुमसे दूर नहीं कर सकता है—यह मेरा प्रशासनिक आदेश है। मेरे कर्मों की वजह से सभी लोग मेरे प्रति आज्ञाकारी होंगे; वे जयजयकार ही जयजयकार करेंगे, बल्कि इससे भी अधिक खुशी से छलाँग पर छलाँग लगाएँगे।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, आरंभ में मसीह के कथन, अध्याय 92
जिन लोगों को परमेश्वर पूर्ण बनाने का इरादा रखता है, वे सब उसके आशीष और उसकी विरासत प्राप्त करेंगे। अर्थात्, वे वही ग्रहण करते हैं जो परमेश्वर के पास है और वह जो है, ताकि यह वह बन जाए जो उनके भीतर है; उनमें परमेश्वर के सारे वचन गढ़े हुए हैं; परमेश्वर जो है, तुम लोग उसे ठीक जैसा है वैसा लेने और इस प्रकार सत्य को जीवन में उतारने में सक्षम हो। ऐसे ही व्यक्ति को परमेश्वर द्वारा पूर्ण बनाया और प्राप्त किया जाता है। केवल इसी प्रकार का मनुष्य परमेश्वर द्वारा दिए जाने वाले आशीष पाने योग्य है :
1. परमेश्वर के संपूर्ण प्रेम को पाना।
2. सभी बातों में परमेश्वर की इच्छानुसार चलना।
3. परमेश्वर के मार्गदर्शन को पाना, परमेश्वर के प्रकाश में जीवन व्यतीत करना और परमेश्वर का प्रबोधन प्राप्त करना।
4. पृथ्वी पर परमेश्वर को प्रिय लगने वाली छवि जीना; परमेश्वर से सच्चा प्रेम करना जैसा कि पतरस ने किया, जिसे परमेश्वर के लिए सलीब पर चढ़ा दिया गया और जो परमेश्वर के प्रेम के प्रतिदान में मरने के लिए तैयार हो गया; पतरस के समान महिमा प्राप्त करना।
5. पृथ्वी पर सभी का प्रिय, सम्मानित और प्रशंसित बनना।
6. मृत्यु और पाताल के सारे बंधनों पर काबू पाना, शैतान को कार्य करने का कोई अवसर न देना, परमेश्वर के अधीन रहना, एक ताज़ा और जीवंत आत्मा के भीतर रहना, और हारा-थका नहीं रहना।
7. जीवन भर हर समय उत्साह और उमंग की एक अवर्णनीय भावना रखना, मानो परमेश्वर की महिमा के दिन का आगमन देख लिया हो।
8. परमेश्वर के साथ महिमा को जीतना और परमेश्वर के प्रिय संतों जैसा चेहरा रखना।
9. वह बनना जो पृथ्वी पर परमेश्वर को प्रिय है, अर्थात्, परमेश्वर का प्रिय पुत्र।
10. स्वरूप बदलना और परमेश्वर के साथ तीसरे स्वर्ग में आरोहण करना तथा देह के पार जाना।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, प्रतिज्ञाएँ उनके लिए जो पूर्ण बनाए जा चुके हैं