01बुद्धिमान कुंवारियाँ किस तरह दूल्हे का स्वागत करती हैं, और किस तरह मूर्ख कुंवारियों को हटा दिया जाता है

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"तब स्वर्ग का राज्य उन दस कुँवारियों के समान होगा जो अपनी मशालें लेकर दूल्हे से भेंट करने को निकलीं। उनमें पाँच मूर्ख और पाँच समझदार थीं। मूर्खों ने अपनी मशालें तो लीं, परन्तु अपने साथ तेल नहीं लिया; परन्तु समझदारों ने अपनी मशालों के साथ अपनी कुप्पियों में तेल भी भर लिया। जब दूल्हे के आने में देर हुई, तो वे सब ऊँघने लगीं और सो गईं। आधी रात को धूम मची : 'देखो, दूल्हा आ रहा है! उससे भेंट करने के लिये चलो'" (मत्ती 25:1-6)।

"मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती हैं; मैं उन्हें जानता हूँ, और वे मेरे पीछे पीछे चलती हैं" (यूहन्ना 10:27)।

"जो परमेश्‍वर से होता है, वह परमेश्‍वर की बातें सुनता है; और तुम इसलिये नहीं सुनते कि परमेश्‍वर की ओर से नहीं हो" (यूहन्ना 8:47)।

02परमेश्वर की वाणी को कैसे पहचानें और प्रभु की वापसी का स्वागत कैसे करें

अंत के दिनों का समापन अब निकट आ गया है और प्रभु की वापसी की सारी भविष्यवाणियाँ अधिकांशतः पूरी हो गई हैं। पूरे संसार में केवल सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया समूची मानवजाति के समक्ष खुलेआम गवाही देती है कि प्रभु यीशु देहधारी होकर लौट आया है, वह देहधारी सर्वशक्तिमान परमेश्वर है। सर्वशक्तिमान परमेश्वर मानवजाति को शुद्ध करने और बचाने के लिए सारे सत्य व्यक्त करता है—ये सत्य वे हैं जिन्हें पवित्र आत्मा अंत के दिनों में कलीसियाओं से कहता है। बुद्धिमान कुँवारियाँ परमेश्वर की वाणी सुनती हैं और मेमने के वैवाहिक भोज में भाग लेने के लिए उसके समक्ष बढ़ाई जाती हैं। हालांकि अब भी कुछ लोग ऐसे हैं जो नहीं जानते कि परमेश्वर की वाणी को कैसे पहचानें। हम परमेश्वर की वाणी को सचमुच कैसे पहचान सकते हैं और कैसे यक़ीन कर सकते हैं कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही लौटकर आया प्रभु यीशु है?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद

"यीशु ने उससे कहा, 'मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुँच सकता।'" (यूहन्ना 14:6)।

"मुझे तुम से और भी बहुत सी बातें कहनी हैं, परन्तु अभी तुम उन्हें सह नहीं सकते। परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा परन्तु जो कुछ सुनेगा वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा" (यूहन्ना 16:12-13)।

"क्योंकि परमेश्‍वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है; और प्राण और आत्मा को, और गाँठ-गाँठ और गूदे-गूदे को अलग करके आर-पार छेदता है और मन की भावनाओं और विचारों को जाँचता है" (इब्रानियों 4:12)।

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संदर्भ के लिए लेख

Gospel Message in Hindi: How to Be a Wise Virgin and Welcome the Bridegroom

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