परमेश्वर के दैनिक वचन : परमेश्वर का प्रकटन और कार्य | अंश 48

विजयी राजा अपने शानदार सिंहासन पर बैठता है। उसने छुटकारा दिलाने का कार्य पूरा कर लिया है और महिमा में प्रकट होने के लिए अपने सभी लोगों की अगुआई की है। वह ब्रह्मांड को अपने हाथों में धारण करता है और अपने दिव्य ज्ञान और पराक्रम से उसने अटल सिय्योन का निर्माण किया है। अपने प्रताप से वह पापी दुनिया का न्याय करता है; उसने सभी देशों और सभी लोगों, पृथ्वी और समुद्र और उनमें रहने वाले सभी जीवों पर, और साथ ही स्वच्छंद भोग की मदिरा के नशे में डूबे लोगों पर फैसला सुनाया है। परमेश्वर उनका न्याय ज़रूर करेगा, और वह निश्चित रूप से उन पर क्रोधित होगा और इसमें परमेश्वर की महिमा प्रकट होगी, जिसका न्याय तत्क्षण होता है और अविलंब प्रदान किया जाता है। उसके क्रोध की अग्नि उनके घृणित अपराधों को भस्म कर देगी और किसी भी क्षण उन पर विपत्ति टूटेगी; उन्हें बच निकलने के लिए किसी भी मार्ग और छिपने के किसी भी स्थान का पता नहीं होगा, वे रोएँगे और अपने दाँत पीसेंगे, और अपने ऊपर विनाश ले आएँगे।

परमेश्वर के प्यारे विजयी पुत्र निश्चित रूप से सिय्योन में रहेंगे, उससे कभी विदा नहीं होंगे। बड़ी संख्या में लोग करीब से उसकी आवाज़ सुनेंगे, वे सावधानी से उसके कार्यों पर ध्यान देंगे, और उनकी प्रशंसा की आवाजें कभी बंद नहीं होंगी। एक सच्चा परमेश्वर प्रकट हुआ है! हम आत्मा में उसके बारे में निश्चित होंगे और ध्यानपूर्वक उसका अनुसरण करेंगे; हम अपनी पूरी ताकत से आगे बढ़ेंगे और अब और नहीं झिझकेंगे। दुनिया का अंत हमारे सामने प्रकट हो रहा है; चर्च के एक उपयुक्त जीवन के साथ-साथ लोग, कामकाज और चीजें, जिनसे हम घिरे हैं, हमारे प्रशिक्षण को घनीभूत कर रही हैं। आओ, जल्दी से अपने हृ्दयों को वापस लें, जो दुनिया से बहुत प्रेम करते हैं! आओ, जल्दी से अपनी दृष्टि वापस लें, जो इतनी धुँधली है! आओ, अपने कदम रोक लें, ताकि हम सीमाएँ न लाँघ जाएँ। आओ, अपना मुँह बंद करें, ताकि हम परमेश्वर के वचन में जा सकें, और अब अपनी लाभ-हानियों पर झगड़ा न करें। आह, धर्मनिरपेक्ष दुनिया और धन-दौलत के प्रति तुम्हारा लालची शौक—इसे त्याग दो! पतियों, बेटियों और बेटों के साथ तुम्हारा अडिग लगाव—इससे अपने को मुक्त करो! आह, तुम्हारे दृष्टिकोण और पूर्वाग्रह—इनसे पीठ मोड़ लो! आह, जागो; समय कम है! आत्मा के भीतर से देखो, ऊपर देखो, और परमेश्वर को नियंत्रण करने दो। कुछ भी हो जाए, लूत की दूसरी पत्नी न बनो। बेकार समझकर छोड़ दिया जाना कितना दयनीय होता है! सचमुच, कितना दयनीय! आह, जागो!

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, आरंभ में मसीह के कथन, अध्याय 3

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