परमेश्वर के दैनिक वचन : परमेश्वर का स्वभाव और स्वरूप | अंश 233

मैंने उन लोगों को सज़ा देने का कार्य शुरू कर दिया है जो बुराई करते हैं, जो शक्ति का प्रयोग करते हैं, और जो परमेश्वर के पुत्रों पर अत्याचार करते हैं। अब से, जो भी अपने दिल में मेरा विरोध करता है, मेरे प्रशासनिक नियमों का हाथ हमेशा उसके ऊपर होगा। इसे जान लो! यह मेरे न्याय की शुरुआत है और किसी के प्रति कोई दया नहीं दिखाई जाएगी, न ही किसी को छोड़ा जाएगा, क्योंकि मैं निष्पक्ष परमेश्वर हूँ जो धार्मिकता का पालन करता है; इसे पहचान लेना तुम सभी के लिए अच्छा होगा।

ऐसा नहीं है कि मैं उन लोगों को दंडित करना चाहता हूँ जो बुराई करते हैं, बल्कि यह उनकी खुद की बुराई से उन्हीं पर लाया गया प्रतिशोध है। मैं किसी को दंडित करने के लिए जल्दबाज़ी नहीं करता हूँ, न ही मैं किसी के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार करता हूँ—मैं सभी के प्रति धार्मिकता का आचरण करता हूँ। मैं निश्चित रूप से अपने पुत्रों से प्रेम करता हूँ और मैं निश्चित रूप से उन दुष्टों से नफ़रत करता हूँ जो मेरी अवहेलना करते हैं; मेरे कार्यों के पीछे यह सिद्धांत है। तुम लोगों में से प्रत्येक को मेरे प्रशासनिक नियमों के बारे में अंतर्दृष्टि होनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं होगा, तो तुम लोगों को ज़रा भी भय न होगा और तुम सब मेरे सामने लापरवाह रहोगे, और तुम्हें पता नहीं होगा कि मैं क्या सिद्ध करना चाहता हूँ, मैं किसे पूर्ण करना चाहता हूँ, मैं क्या हासिल करना चाहता हूँ या किस तरह के व्यक्ति की मेरे राज्य को आवश्यकता है।

मेरे प्रशासनिक आदेश इस प्रकार हैं:

1. चाहे तुम कोई भी हो, यदि तुम अपने दिल में मेरा विरोध करते हो, तो तुम्हारा न्याय किया जाएगा।

2. जिन लोगों को मैंने चुना है, उन्हें किसी भी गलत विचार के लिए तुरंत अनुशासित किया जाएगा।

3. मैं उन लोगों को एक तरफ़ कर दूँगा जो मुझ पर विश्वास नहीं करते हैं। मैं उन्हें लापरवाही से बोलने और काम करने दूँगा और अंत में, मैं उन्हें पूरी तरह से दंडित करूँगा और उनसे निपटूंगा।

4. जो मुझ पर विश्वास करते हैं, मैं उनकी देखभाल करूँगा और हर समय उनकी रक्षा करूँगा। सदा के लिए मैं उद्धार के मार्ग का उपयोग करके उनके लिए जीवन की आपूर्ति करूँगा। इन लोगों के पास मेरा प्यार होगा और वे निश्चित रूप से न तो गिरेंगे, न ही अपनी राह से भटकेंगे। उनकी कोई भी कमज़ोरी अस्थायी होगी, और मैं निश्चित रूप से उसे याद नहीं रखूँगा।

5. वे लोग जो विश्वास करते हुए प्रतीत होते हैं लेकिन जो वास्तव में विश्वास नहीं करते हैं—अर्थात जो लोग विश्वास करते हैं कि एक परमेश्वर है, लेकिन जो मसीह की तलाश नहीं करते हैं, पर जो विरोध भी नहीं करते हैं—इस तरह के लोग सबसे दयनीय होते हैं, और अपने कार्यों के माध्यम से मैं उन्हें स्पष्ट रूप से दिखाऊंगा। अपने कार्यों के माध्यम से, मैं इस प्रकार के लोगों को बचाऊंगा और उन्हें वापस लाऊंगा।

6. ज्येष्ठ पुत्रों को, जो मेरे नाम को स्वीकार करने वाले पहले थे, आशीष मिलेगी! मैं निश्चित रूप से तुम सब को सबसे अच्छी आशीषें प्रदान करूँगा और तुम लोग जी भर कर आनंद लोगे; कोई भी इसमें बाधा डालने की हिम्मत नहीं करेगा। सब कुछ तुम्हारे लिए पूरी तरह से तैयार किया गया है, क्योंकि यह मेरा प्रशासनिक आदेश है।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, आरंभ में मसीह के कथन, अध्याय 56

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