233 परमेश्वर के कार्य को समर्पित होने को मैं हूँ तैयार
आराधना गीत I हे परमेश्वर! करूँ प्रार्थना, तू मुझमें अपना कार्य कर, पूर्ण कर दे मुझको और मुझमें बदलाव कर, ताकि पालन करूँ और हर चीज़ में तेरी इच्छा जानूँ। तेरे द्वारा मेरे उद्धार में है, तेरा महान प्रेम और इच्छा तेरी। इंसान हालाँकि करता है विरोध और विद्रोह, इंसान की प्रकृति है हालाँकि विश्वासघाती, आज समझता हूँ मैं इंसान को बचाने की इच्छा तेरी। करूँगा सहयोग, मैं सहयोग तुझे। II हे परमेश्वर! दे और ऐसे हालात, परीक्षण और दुख-दर्द मुझे, ताकि होऊँ जब पीड़ा में तो हाथ तेरा मैं थाम सकूँ, विपत्तियों में घिरा होऊँ तो, तेरे कर्मों को देख सकूँ। करूँ प्रार्थना तुझसे, दे पोषण मेरे कद के अनुसार मुझे, ताकि समझूँ मैं इच्छा तेरी, चाहे कितने भी कष्ट सहूँ। न विद्रोह करूँ न करूँ शिकायत, करूँगा मैं संतुष्ट तुझे। मानूँगा मैं आज्ञा तेरी पूरी तरह, पूरी तरह। III हालाँकि तू लेता है इम्तहान बहुत, मैं जानूँ छोटा है मेरा कद। हालाँकि तू लेता है इम्तहान बहुत, मैं जानूँ छोटा है मेरा कद। करूँ प्रार्थना तुझसे, दे पोषण मेरे कद के अनुसार मुझे, ताकि समझूँ मैं इच्छा तेरी, चाहे कितने भी कष्ट सहूँ। न विद्रोह करूँ न करूँ शिकायत, करूँगा मैं संतुष्ट तुझे। मानूँगा मैं आज्ञा तेरी पूरी तरह, पूरी तरह। "मेमने का अनुसरण करना और नए गीत गाना" से