Hindi Christian Testimony Video Based on a True Story | मेरे डैड के निष्कासन के बाद

17 दिसम्बर, 2021

उसने हमेशा अपने डैड को एक दयालु और दूसरों की मदद करने के वाले इंसान के तौर पर देखा। जब उसे पता चला कि उन्हें कलीसिया से निकाल दिया गया है, तो उसे पहले-पहल इस बात को स्वीकार करने में मुश्किल हुई। वह मानती थी कि उसके डैड में इंसानियत है, वह यह भी जानती है कि उन्हें सुसमाचार साझा करने के दौरान बहुत-सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा—उसे लगता है कि उन्हें बाहर नहीं निकालाजाना चाहिए था। लेकिन फिर कुछ समय अवलोकन करने और सत्य की खोज के बाद, उसके विचार बदल गए। वह सत्य के सिद्धांतों के आधार पर अपने डैड का आकलन कैसे करती है और उनके प्रति क्या दृष्टिकोण अपनाती है? जब वास्तविक स्थिति से अनजान एक बहन उसके पिता को वापस लाने का सुझाव देती है, तो वह क्या विकल्प चुनती है? जानने के लिए देखिए।

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