परमेश्वर के दैनिक वचन : परमेश्वर के कार्य को जानना | अंश 183

यीशु पृथ्वी पर साढ़े तैंतीस साल तक था, वह सलीब पर चढ़ने के कार्य को करने के लिए आया था, और सलीब पर चढ़ने के माध्यम से परमेश्वर ने एक भाग की महिमा प्राप्त की है। जब परमेश्वर देह में आया तो वह विनम्र और छुपा रहने में ही समर्थ था और भयानक पीड़ा सहन कर सकता था। यद्यपि वह परमेश्वर स्वयं था, तब भी उसने हर अपमान और हर दुर्वचन को सहन किया और छुटकारे के कार्य को पूरा करने के लिए सलीब पर चढ़ाए जाने में भयानक दर्द सहा। कार्य के इस चरण का समापन हो जाने के बाद, यद्यपि लोगों ने देखा कि परमेश्वर ने महान महिमा प्राप्त कर ली थी, फिर भी यह उसकी महिमा की सम्पूर्णता नहीं थी; यह उसकी महिमा का केवल एक भाग था, जिसे उसने यीशु से प्राप्त किया था। यद्यपि यीशु हर प्रकार की कठिनाई को सहने में, विनम्र और छुपे रहने में, परमेश्वर के लिए सलीब पर चढ़ाए जाने में समर्थ था, फिर भी परमेश्वर ने अपनी महिमा के केवल एक भाग को ही प्राप्त किया और उसकी महिमा इस्राएल में प्राप्त हुई थी। अभी भी परमेश्वर के पास महिमा का एक अन्य भाग हैः पृथ्वी पर वास्तव में कार्य करने के लिए आना और लोगों के एक समूह को पूर्ण बनाना। यीशु के कार्य के चरण के दौरान, उसने कुछ अलौकिक चीज़ें की, लेकिन कार्य का वह चरण किसी भी तरह में सिर्फ चिन्हों और चमत्कारों को दिखाने के लिए नहीं था। यह प्राथमिक रूप से इस बात को दिखाने के लिए था कि यीशु पीड़ा सहन कर सकता था और परमेश्वर के लिए सलीब पर चढ़ाया जा सकता था, यह कि यीशु भयानक पीड़ा को सहन करने में समर्थ था क्योंकि वह परमेश्वर से प्रेम करता था और यह कि यद्यपि परमेश्वर ने उसे त्याग दिया, तब भी वह परमेश्वर की इच्छा के लिए अपना जीवन बलिदान करने का इच्छुक था। इस्राएल में जब परमेश्वर ने अपने कार्य को समाप्त कर लिया और यीशु को सलीब पर चढ़ा दिया गया उसके बाद परमेश्वर की महिमा हुई और परमेश्वर ने शैतान के सामने गवाही दी। तुम लोग न तो जानते हो और न ही तुम लोगों ने देखा है कि परमेश्वर चीन में कैसे देहधारी बन गया, तो तुम लोग कैसे देख सकते हो कि परमेश्वर की महिमा की गई है? जब परमेश्वर तुम लोगों में विजय का बहुत सा कार्य करता है और तुम लोग अडिग रहते हो, तब परमेश्वर का यह कार्य सफल होता है और यह परमेश्वर की महिमा का एक भाग है। तुम लोग केवल इसे ही देखते हो और तुम लोगों को परमेश्वर द्वारा अभी पूर्ण बनाया जाना है और अभी अपना हृदय पूर्णतः परमेश्वर को देना है। तुम लोगों को अभी उसकी महिमा की सम्पूर्णता को देखना है; तुम लोग सिर्फ यह देखते हो कि परमेश्वर ने पहले से ही तुम लोगों के हृदय को जीत लिया है, यह कि तुम लोग उसे कभी नहीं छोड़ सकते हो और तुम लोग बिल्कुल अंत तक परमेश्वर का अनुसरण करोगे और तुम लोगों का हृदय नहीं बदलेगा। परमेश्वर की महिमा इसी प्रकार की है। तुम लोग किस चीज में परमेश्वर की महिमा देखते हो? लोगों में उसके कार्य के प्रभावों में। लोग यह देखते हैं कि परमेश्वर बहुत प्यारा है, परमेश्वर उनके हृदय में है तथा वे उसको छोड़ने को तैयार नहीं हैं, और यह परमेश्वर की महिमा है। जब कलीसिया में भाईयों एवं बहनों की संख्या बढ़ती है, और वे अपने हृदयों से परमेश्वर से प्रेम कर सकते हैं परमेश्वर के द्वारा किए गए कार्य की सर्वोच्च शक्ति को और उसके वचनों की अतुलनीय शक्ति को देख सकते हैं, जब वे देखते हैं कि उसके वचनों में अधिकार है और यह कि वह चीन की मुख्य भूमि के भुतहा नगर में अपने कार्य की शुरूआत कर सकता है, जब, यद्यपि लोग कमज़ोर हैं, उनके हृदय परमेश्वर के सामने झुक जाते हैं और वे परमेश्वर के वचनों को स्वीकार करने को तैयार हैं और जब, यद्यपि वे कमज़ोर और अयोग्य हैं, वे इस बात को देखने में समर्थ हैं कि परमेश्वर के वचन बहुत प्यारे हैं और उनके पालन पोषण के लिए बहुत योग्य हैं, तब यही परमेश्वर की महिमा है। जब वह दिन आता है जब लोग परमेश्वर के द्वारा पूर्ण बनाए जाते हैं और उसके सामने आत्मसमर्पण करने में समर्थ होते हैं, और पूरी तरह से परमेश्वर का आज्ञापालन कर सकते हैं, और अपने भविष्य की संभावनाओं और भाग्य को परमेश्वर के हाथों में छोड़ सकते हैं, तब परमेश्वर की महिमा के दूसरे भाग को पूरी तरह से प्राप्त कर लिया गया होगा। कहने का अर्थ है कि जब व्यावहारिक परमेश्वर के कार्य को पूर्णतः पूरा कर लिया जाता है, तो चीन की मुख्य भूमि में उसका कार्य समाप्त हो जाएगा; दूसरे शब्दों में, जब जो परमेश्वर के द्वारा पूर्व-नियत किए और चुने गये थे उन्हें पूर्ण बना लिया जाता है, तो परमेश्वर की महिमा होगी। परमेश्वर ने कहा कि वह अपनी महिमा के दूसरे भाग को पूर्व दिशा में ले आया है, फिर भी यह नंगी आँखों के लिए अदृश्य है। परमेश्वर अपने कार्य को पूर्व दिशा में ले आया हैः वह पहले से ही पूर्व दिशा में आ चुका है और यह परमेश्वर की महिमा है। आज, यद्यपि उसके कार्य को अभी भी पूरा किया जाना है, क्योंकि परमेश्वर ने कार्य करने का निर्णय लिया है, इसलिए इसे निश्चित रूप से पूरा किया जाएगा। परमेश्वर ने निर्णय लिया है कि वह इस कार्य को चीन में पूरा करेगा और उसने तुम लोगों को पूर्ण बनाने का संकल्प किया है। इस प्रकार वह तुम लोगों को बाहर निकलने का कोई मार्ग नहीं देता है—उसने पहले से ही तुम्हारे हृदयों को जीत लिया है और भले ही तुम चाहो या न चाहो तुम्हें आगे बढ़ना है और जब तुम परमेश्वर के द्वारा प्राप्त कर लिए जाते हो, तो परमेश्वर की महिमा होती है। आज, परमेश्वर की सम्पूर्ण महिमा अभी होनी है, क्योंकि तुम्हें अभी पूर्ण बनाया जाना है, और यद्यपि तुम लोगों के हृदय परमेश्वर की ओर लौट चुके हैं, फिर भी तुम्हारी देह में अभी भी कई कमजोरियाँ हैं, तुम लोग परमेश्वर को संतुष्ट करने में अक्षम हो, तुम लोग परमेश्वर की इच्छा के प्रति ध्यान देने में असमर्थ हो, और बहुत सी नकारात्मक चीज़ें हैं जिनसे तुम लोगों को छुटकारा पाना है।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, “सहस्राब्दि राज्य आ चुका है” के बारे में एक संक्षिप्त वार्ता

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