परमेश्वर के दैनिक वचन : परमेश्वर के कार्य को जानना | अंश 225

इस तथ्य के बावजूद कि राज्य का निर्माण औपचारिक रूप से आरंभ हो गया है, राज्य के लिए सलामी अभी तक औपचारिक रूप से बजनी है—अभी यह केवल उसकी भविष्यवाणी है जो आना है। जब सभी लोगों को पूर्ण बना लिया गया होगा और पृथ्वी के सभी राष्ट्र मसीह का राज्य बन गए होंगे, तब वह समय होगा जब गर्जन के सात शब्द सुनाई देते हैं। वर्तमान दिन उस चरण की दिशा में आगे एक लंबा कदम है, आने वाले समय पर आवेश उन्मुक्त कर दिया गया है। यह परमेश्वर की योजना है—निकट भविष्य में इसका एहसास हो जाएगा। हालाँकि, परमेश्वर ने जो कुछ भी कहा है, वह सब पहले ही पूरा कर दिया है। इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि धरती के देश केवल रेत के किले हैं जो ज्वार आने पर काँप जाते हैं: अंत का दिन सन्निकट है और बड़ा लाल अजगर परमेश्वर के वचन के नीचे गिर जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि परमेश्वर की योजना को सफलतापूर्वक पूरा किया जाता है, परमेश्वर को संतुष्ट करने के लिए अपना पूरा प्रयास करते हुए, स्वर्ग के स्वर्गदूत पृथ्वी पर उतर गए हैं। स्वयं देहधारी परमेश्वर दुश्मन से लड़ाई करने के लिए युद्ध के मैदान में तैनात हुआ है। जहाँ कहीं भी देहधारण प्रकट होता है, उस जगह से दुश्मन नष्ट हो जाता है। परमेश्वर के हाथ से सर्वनाश किए जाने वालों, बर्बाद किए जाने वालों में चीन सबसे पहला है। परमेश्वर चीन पर बिल्कुल भी दया नहीं दिखाता है। बड़े लाल अजगर के उत्तरोत्तर ढहने का सबूत लोगों की निरंतर परिपक्वता में देखा जा सकता है। इसे किसी के भी द्वारा स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। लोगों की परिपक्वता दुश्मन की मृत्यु का संकेत है यह इस बात का भी थोड़ा सा स्पष्टीकरण है जो "युद्ध करने" का अर्थ है। इस लिए, परमेश्वर ने अवधारणाओं की हैसियत, मनुष्यों के हृदय में बड़े लाल अजगर की कुरूपता को नष्ट करने के लिए, परमेश्वर की खूबसूरत गवाहियाँ देने के लिए, कई अवसरों पर लोगों को याद दिलाया। परमेश्वर मनुष्य के विश्वास में जीवन डालने के लिए इस तरह के अनुस्मारकों का उपयोग करता है और, ऐसा करने में, अपने कार्य में उपलब्धियाँ प्राप्त करता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि परमेश्वर ने कहा है कि, "मनुष्य क्या करने में सक्षम है? उसके बजाए क्या यह वह नहीं है जिसे मैं स्वयं करता हूँ?" संपूर्ण मानवजाति ऐसी ही है। न केवल वे अक्षम हैं, बलिक् वे आसानी से निरुत्साहित और निराश हो जाते हैं। इस कारण से, वे परमेश्वर को जानने में अक्षम हैं। परमेश्वर न केवल मनुष्यों के विश्वास को पुनर्जीवित करता है, बल्कि वह मनुष्य को गुप्त रूप से लगातार शक्ति से प्रेरित भी कर रहा है।

इसके बाद, परमेश्वर ने पूरे ब्रह्मांड से बात करना शुरू कर दिया। परमेश्वर ने न केवल चीन में अपना नया कार्य आरंभ किया, बल्कि उसने पूरे विश्व में आज का नया कार्य करना आरंभ कर दिया। कार्य के इस चरण में, क्योंकि परमेश्वर अपने सभी कर्मों को पृथ्वी पर प्रकट करना चाहता है ताकि संपूर्ण मानवजाति जिसने उसके साथ विश्वासघात किया है, पुनः उसके सिंहासन के समक्ष झुक कर समर्पित होने के लिए आ जाए, इसलिए परमेश्वर के न्याय के अंदर अभी भी परमेश्वर की दया और अनुकम्पा है। परमेश्वर दुनिया भर की वर्तमान घटनाओं का उपयोग ऐसे अवसरों के तौर पर करता है जिससे मनुष्य घबरा जाएँ, उन्हें परमेश्वर की तलाश करने के लिए प्रेरित करता है ताकि वे उसके समक्ष लौट सकें। इस प्रकार परमेश्वर कहता है, "यह एक तरीका है जिसके तहत मैं काम करता हूँ, और यह निःसन्देह मनुष्य के उद्धार का एक कार्य है, और जो मैं उसको देता हूँ वह अब भी एक प्रकार का प्रेम है।"

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, “संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के वचनों” के रहस्यों की व्याख्या, अध्याय 10

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