Christian Dance | परमेश्‍वर आज भी हमसे प्रेम करता है | Praise Song

25 दिसम्बर, 2024

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परमेश्वर देहधारी बनकर मनुष्य के बीच आया है,

कई वर्षों से विनम्रता और गुप्त रूप से काम कर रहा है।

वह मानवजाति को बचाने के लिए सत्य व्यक्त करता है

और उसने विजेताओं का एक समूह बनाया है।

अब उसे सिय्योन लौटना है,

हमारे लगाव की भावनाएँ शब्दों से परे हैं।

हमारे साथ बिताए दिन बहुत कम रहे हैं

और हमारे पुनर्मिलन का दिन अज्ञात है।

परमेश्वर हमारे बीच रहता है,

कई सर्दियों, वसंत, गर्मियों और शरद ऋतुओं से गुजरकर।

उसने कई क्लेशों, खतरों और प्रलोभनों से

गुजरने में हमारा मार्गदर्शन किया है।

अगर परमेश्वर की दया और सुरक्षा न होती

तो हम बहुत पहले ही शैतान द्वारा खाए और रौंदे जा चुके होते।

सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने मुझे बचाया है

और उसका महान प्रेम हमेशा मेरे दिल में रहेगा।

मेरे मन में परमेश्वर का आदेश होने पर

मैं परमेश्वर को कैसे निराश कर सकता हूँ?

मैं अपना शरीर और हृदय परमेश्वर को अर्पित करता हूँ

और उसकी अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए

अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करता हूँ।

मैं न तो नकारात्मक हूँ और न ही कमजोर

क्योंकि परमेश्वर के वचन

परीक्षणों और क्लेशों से गुजरने में मेरा मार्गदर्शन करते हैं।

मैं अपना कर्तव्य निष्ठा से पूरा करूँगा

और मजबूत और शानदार गवाही दूँगा।

2

परमेश्वर मानवजाति के लिए रात-दिन मेहनत करता है,

अपना खून, पसीना और आँसू बहाते हुए हृदय से काम करता है।

परमेश्वर के स्नेहमय और प्रेमपूर्ण आलिंगन में

हमारा जीवन धीरे-धीरे बढ़ता है।

मेरी कमजोरी में परमेश्वर के वचन मेरा साथ देते हैं

और मेरे दुखों में परमेश्वर मुझे दिलासा देता है।

मेरी निराशा में परमेश्वर के वचन मुझे प्रोत्साहित करते हैं,

मुझे कदम दर कदम उस जगह तक लाते हैं जहाँ मैं आज हूँ।

अतीत को भूलाना मुश्किल है

और कोई भी शब्द परमेश्वर के भरपूर प्रेम को

पूरी तरह से व्यक्त नहीं कर सकते।

कितनी बार उसके कठोर वचनों ने

मेरे शैतानी स्वभाव का न्याय किया है

और कितनी बार उसकी कोमलता और विचारशीलता ने

मुझे पश्चात्ताप करने का मौका दिया है।

मैंने परमेश्वर के प्रेम का इतना आनन्द लिया है

और परमेश्वर के प्रेम का बदला चुकाने के लिए

मैं अपना जीवन समर्पित करने को तैयार हूँ।

मेरे मन में परमेश्वर का आदेश होने पर

मैं परमेश्वर को कैसे निराश कर सकता हूँ?

मैं अपना शरीर और हृदय परमेश्वर को अर्पित करता हूँ

और उसकी अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए

अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करता हूँ।

मैं न तो नकारात्मक हूँ और न ही कमजोर

क्योंकि परमेश्वर के वचन

परीक्षणों और क्लेशों से गुजरने में मेरा मार्गदर्शन करते हैं।

मैं अपना कर्तव्य निष्ठा से पूरा करूँगा

और मजबूत और शानदार गवाही दूँगा।

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परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

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