Hindi Christian Testimony Video | क्या रुतबा होना उद्धार की गारंटी है?

13 मार्च, 2025

परमेश्वर में आस्था रखने के बाद वह कलीसिया अगुआ के रूप में सेवा करता है, जिससे उसमें श्रेष्ठता की भावना आ जाती है। वह मानता है कि उसका ओहदा जितना ऊँचा होगा, वह उद्धार के उतने ही करीब होगा। जब वह अपना कर्तव्य बदले जाने के कारण अगुआ का ओहदा खो देता है और बाद में कलीसिया के चुनाव में अगुआ चुने जाने में नाकाम रहता है तो वह अपने उद्धार के बारे में निराश हो जाता है और अपना कर्तव्य करने की प्रेरणा खो देता है। उसकी अवस्था कैसे बदलती है?

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परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

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