Hindi Christian Testimony Video | रुतबे की चाह छोड़कर मैं आज़ाद हो गई

17 सितम्बर, 2021

मुख्य किरदार कलीसिया की एक अगुआ है। जब उसे पता चलता है कि बहन हान की सहभागिता बहुत अच्छी है, यहाँ तक कि उसकी खुद की सहभागिता से भी बेहतर है, तो उसे अपने पद पर खतरा मंडराता दिखने लगता है, इसलिए वह बहन हान के ख़िलाफ़ काम करना शुरू कर देती है। फ़िर सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़कर, उसे यह एहसास होता है कि वो हमेशा अपने कर्तव्य में दिखावा करने की कोशिश करती है, ताकि लोग उसके बारे में ऊँचा सोचें; उसे पता चलता है कि अपने रुतबे और सत्ता को बचाने की खातिर दूसरों को निष्काषित करना और उन पर दबाव बनाना एक मसीह विरोधी स्वभाव की अभिव्यक्ति है। परमेश्वर को यह सब बहुत घिनौना और निंदनीय लगता है। उसे बहुत पछतावा होता है, इसलिए वह परमेश्वर के सामने आकर प्रार्थना और पश्चाताप करती है। बाद में जब वह भाई-बहनों से दोबारा मिलती है, तब अपनी गलती स्वीकार करके उनके अच्छे सुझावों को मान लेती है; अब वह अपने नाम और फायदे के लिए लड़ना बंद कर देती है। उसे एहसास होता है कि रुतबे की बेड़ियों में जकड़े बिना अपना कर्तव्य निभाना किस कदर आज़ादी और सुकून भरा अनुभव है।

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