पवित्र आत्मा का अनुशासन क्या है?इंसानी इच्छा से उपजा दोष क्या है?पवित्र आत्मा का मार्गदर्शन क्या है?परिवेश की व्यवस्था क्या है?ईश-वचन भीतर क्या प्रबुद्ध करते हैं?अगर इन बातों पर तुम न हो साफ़,तो तुममें विवेक नहीं होगा।ईश्…
मानव, जिन्होंने त्यागा है सर्वशक्तिमान का दिया जीवन,अस्तित्व में क्यों वे हैं जानें ना, फिर भी डरते हैं मृत्यु से।न कोई सहारा, न मदद,फिर भी मानव आँखों को बंद करने में अनिच्छुक है,ज़ुर्रत कर, दिखाता है एक अशोभनीय अस्तित्व,…
क्योंकि विश्वास तुम ईश्वर में करते हो,दे दो उसे अपना दिल।अर्पित कर दो अपना दिल, उसके शुद्ध होने पर,न इनकार करोगे, न छोड़ोगे तुम ईश्वर को।ईश्वर से रिश्ता तुम्हारासामान्य हो जाएगा।और परमेश्वर से तुम्हारी बातपहले से कहीं ज़्य…
ओ... ओ... ओ... ओ...पवित्र आत्मा के काम पर चलने का मतलबपरमेश्वर की आज की इच्छा को समझना,परमेश्वर की मांग के अनुसार कार्य करना,आज के परमेश्वर के पीछे चलना,उसकी वर्तमान अपेक्षाओं को मानना,उसके नवीनतम कथनों में प्रवेश करना।ऐ…
आदम और हव्वा की आने वाली संतानेंनहीं रहेंगी अब शैतान के अधीन,बल्कि ये बचाई गई,शुद्ध की गई मानवजाति होगी।न्याय हुआ है इस मानवता का, ताड़ना दी गई है इसे,पवित्र मानवता है ये।आदम और हव्वा की पुरानी मानवजाति से जुदा है ये,इतनी…
कोई न जाने परमेश्वर के आगमन को, कोई नहीं करता स्वागत परमेश्वर के आगमन का।यहाँ तक कि, कोई नहीं जानता वह सब जो करेगा परमेश्वर।कोई नहीं जानता वह सब जो करेगा परमेश्वर।मानव का जीवन रहता है अपरिवर्तित;वैसा ही हृदय, जो धड़कता ह…
कि परमेश्वर ने किया है देहधारण हिल उठता है धार्मिक संसार,होती है परेशान धार्मिक व्यवस्था,और उन सभी की आत्मा होती है उद्वेलितजिनको है अभिलाषा परमेश्वर के प्रकटन की।होता मोहित इस पर कौन नहीं?कौन न करता अभिलाषा परमेश्वर के …
इस देहधारण के दौरान धरती पर,इंसानों में अपना काम करता परमेश्वर।इन सारे कामों का मकसद, है शैतान की हार।जीतकर इंसान को, बनाकर पूरा तुम लोगों को,हराएगा परमेश्वर शैतान को।दोगे जब तुम मज़बूत गवाही,तो इससे भी साबित होगी शैतान क…
हो सकता है लोग परवाह न करें जो ईश्वर कहता है,पर वो फिर भी कहना चाहता हैहरेक तथाकथित संत से जो यीशु का अनुसरण करता है।जब तुम लोग यीशु को बादल पर उतरते हुए अपनी आँखों से देखोगे,ये धार्मिकता के सूर्य का सार्वजनिक प्रकटन होग…
देहधारण कर, बरसों काम किया है,बहुत-सी बातें कही हैं परमेश्वर ने,वो शुरू करता है "सेवाकर्मियों के परीक्षण" से,फिर वो भविष्यवाणी और न्याय करना शुरू करता है,शुद्धिकरण के लिये मृत्यु-परीक्षण का उपयोग करता है।फिर वो वचन बोलते…
मौन है परमेश्वर, सामने हमारे कभी प्रकट हुआ नहीं,फिर भी कार्य उसका कभी रुका नहीं।नज़र रखता है पूरी धरती पर, नियंत्रित करता है हर चीज़ को।देखता है इंसान के सभी शब्दों को और काम को।उसकी योजना के मुताबिक पूरा होता है धीरे-धीरे…
देहधारी परमेश्वर नहीं कोई आम इंसान।अंत के दिनों में परमेश्वर का कार्यकिया जाता है पूरा इस आम इंसान के ज़रिए।वो अर्पित करे तुम्हारे लिए सब कुछ;उसके हाथों की हथेली में है तुम्हारा सब कुछ।क्या इस तरह का इंसान जैसा मानते हो …
अगर तुम ईश्वर से सही रिश्ता रखना चाहो,तो अपना दिल उसकी ओर झुकाओ,तब लोगों से भी रिश्ते तुम्हारेवैसे ही होंगे जैसे होने चाहिए।अगर ईश्वर से रिश्ता सही न हो,तो दूसरों से रिश्ता बनाने के लिएचाहे तुम कुछ भी कर लो,ये जीने का इं…
परमेश्वर के अंतिम दिनों के काम का परिणाम वचन से मिलता है।वचन से मानव राज़ और पूरे इतिहास में परमेश्वर का काम जान पाता है।वचन से मानव पवित्र आत्मा का प्रबोधन,और सदियों बंद रहे राज़ का ज्ञान पाता है।वचन नबियों और प्रेरितों क…