Hindi Christian Testimony Video | 21 साल की एक लड़की का मुश्किल फैसला

13 दिसम्बर, 2024

वह बचपन से ही अपने परिवार के नक्शेकदम पर चलते हुए परमेश्वर में विश्वास करने लगी। जब वह बड़ी हुई तो वह सांसारिक प्रवृत्तियों, भविष्य की संभावनाओं और अपनी पढ़ाई में लग गई और इस तरह परमेश्वर से दूर हो गई। महामारी के दौरान उसने परमेश्वर के वचनों का एक अंश पढ़ा और मानव जीवन का अर्थ और मूल्य समझा और वह अपना कर्तव्य निभाना और सार्थक जीवन जीना चाहती है। हालाँकि यह निर्णय उसकी माँ को बहुत दुखी करता है। अपनी माँ से लगातार उत्पीड़न और बाधाएँ झेलते वह कमजोर और नकारात्मक हो जाती है। बार-बार परमेश्वर के वचन उसे शैतान के प्रलोभनों पर विजय पाने, अपनी गवाही में दृढ़ रहने और जीवन में सही मार्ग चुनने में मदद करते हैं।

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परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

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