परमेश्वर के दैनिक वचन : धर्म-संबंधी धारणाओं का खुलासा | अंश 291

16 अप्रैल, 2021

आज तुम पर विजय प्राप्त करने का उद्देश्य यही है कि तुम स्वीकार करो कि परमेश्वर तुम्हारा परमेश्वर है और वह दूसरों का भी परमेश्वर है, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वह उन सभी का परमेश्वर है जो उससे प्यार करते हैं, वह सारी सृष्टि का परमेश्वर है। वह इस्राएलियों का परमेश्वर है और मिस्र के लोगों का भी परमेश्वर है। वह अंग्रेज़ों का भी परमेश्वर है और अमेरीकियों का भी परमेश्वर है। वह केवल आदम और हव्वा का परमेश्वर नहीं है, बल्कि उनके सभी वंशजों का भी परमेश्वर है। वह स्वर्ग और पृथ्वी की हर चीज़ का परमेश्वर है। इस्राएली परिवार और अन्य-जाति परिवार सभी एक ही परमेश्वर के हाथों में हैं। उसने न केवल कई हज़ार सालों तक इस्राएल में कार्य किया था और कभी यहूदिया में पैदा हुआ था, बल्कि आज वह चीन में अवतरित हो रहा है, वह जगह जहां बड़ा लाल अजगर कुंडली मारे बैठा है। यदि यहूदिया में पैदा होना उसे यहूदियों का राजा बना देता है, तो क्या तुम सभी के बीच में आज उसका अवतरण उसे तुम लोगों का परमेश्वर नहीं बना देता है? उसने इस्राएलियों की अगुवाई की और यहूदिया में पैदा हुआ, और वह एक अन्य-जाति भूमि में भी पैदा हुआ है। क्या उसका सभी कार्य उस मानवजाति के लिए नहीं किया जाता जिसकी उसने रचना की है? क्या वह इस्राएलियों को सौ गुना चाहता है और अन्य-जाति लोगों से एक हज़ार गुना घृणा करता है? क्या यह तुम्हारी अवधारणा नहीं है? ऐसा नहीं है कि परमेश्वर कभी तुम्हारा परमेश्वर था ही नहीं, बल्कि बात केवल इतनी है कि तुम उसे स्वीकारते नहीं; ऐसा नहीं है कि परमेश्वर तुम लोगों का परमेश्वर बनने के लिए तैयार नहीं है, बल्कि तुम लोग परमेश्वर को ठुकराते हो। सृजित प्राणियों में ऐसा कौन है जो सर्वशक्तिमान के हाथों में नहीं है? आज तुम लोगों पर विजय पाने के लिए, क्या यही लक्ष्य नहीं है कि तुम लोग मानो कि परमेश्वर तुम लोगों का ही परमेश्वर है? यदि तुम अभी भी यही मानते हो कि परमेश्वर केवल इस्राएलियों का परमेश्वर है, इस्राएल में दाऊद का घर ही परमेश्वर का जन्म-स्थान है और इस्राएल के अलावा कोई भी राष्ट्र परमेश्वर को "उत्पन्न" करने के योग्य नहीं है, और तो और, कोई अन्य-जाति परिवार यहोवा के कार्यों को निजी तौर पर प्राप्त करने के लिए सक्षम नहीं है—अगर तुम अभी भी इस तरह सोचते हो, तो क्या यह तुम्हें एक ज़िद्दी विरोधी नहीं बनाता? हमेशा इस्राएल पर मत अटके रहो। परमेश्वर तुम लोगों के बीच अभी उपस्थित है। स्वर्ग की ओर भी देखते मत रहो। स्वर्ग के अपने परमेश्वर के लिए तड़पना बंद करो! परमेश्वर तुम लोगों के बीच आ गया है, तो वह स्वर्ग में कैसे हो सकता है? परमेश्वर में तुम्हारी आस्था बहुत पुरानी नहीं है, फिर भी उसके बारे में तुममें बहुत सारी अवधारणाएं हैं, इस हद तक कि तुम लोग इस बारे में एक क्षण के लिए भी यह सोचने की हिम्मत नहीं करते कि इस्राएलियों का परमेश्वर अपनी उपस्थिति से तुम लोगों पर अनुग्रह करेगा। यह जानते हुए कि तुम कितने अधिक अपवित्र हो, तुम लोग इस बारे में सोचने की हिम्मत तो बिल्कुल नहीं करते कि तुम कैसे परमेश्वर को व्यक्तिगत रूप से प्रकट होते हुए देख सकते हो। न ही तुम लोगों ने कभी यह सोचा है कि कैसे एक अन्य-जाति भूमि में परमेश्वर व्यक्तिगत रूप से अवतरित हो सकता है। उसे तो सिनाई पर्वत पर या जैतून पर्वत पर अवतरित होकर इस्राएलियों के समक्ष प्रकट होना चाहिए। क्या अन्य-जाति (यानी इस्राएल से बाहर के लोग) के सभी लोग उसकी घृणा के पात्र नहीं हैं? वह व्यक्तिगत रूप से उनके बीच कैसे काम कर सकता है? इन सभी अवधारणाओं ने बरसों से तुम्हारे अंदर गहरी जड़ें जमा ली हैं। आज तुम लोगों पर विजय प्राप्त करने का उद्देश्य है तुम लोगों की इन अवधारणाओं को ध्वस्त करना। इस तरह तुम लोग परमेश्वर को व्यक्तिगत रूप से अपने बीच में प्रकट होते हुए देखते हो—सिनाई पर्वत पर या जैतून पर्वत पर नहीं, बल्कि उन लोगों के बीच जिनकी उसने पहले कभी अगुवाई नहीं की है। जब परमेश्वर ने इस्राएल में अपने दो चरणों का कार्य कर लिया, तो इस्राएलियों और अन्य-जातियों ने समान रूप से यह अवधारणा अपना ली कि हालाँकि यह सच है कि परमेश्वर ने सभी चीज़ें बनाई हैं, लेकिन वह केवल इस्राएलियों का ही परमेश्वर बनने को तैयार है, अन्य-जातियों का नहीं। इस्राएली मानते हैं कि परमेश्वर केवल हमारा परमेश्वर हो सकता है, तुम सभी अन्य-जातियों का नहीं, और क्योंकि तुम लोग यहोवा का सम्मान नहीं करते, इसलिए यहोवा—हमारा परमेश्वर—तुम लोगों से घृणा करता है। उन यहूदियों का यह भी मानना है : प्रभु यीशु ने हम यहूदियों की छवि ग्रहण की थी और वह ऐसा परमेश्वर है जिस पर यहूदियों का चिह्न है। परमेश्वर हमारे बीच ही कार्य करता है। परमेश्वर की छवि और हमारी छवि समान है; हमारी छवि परमेश्वर के करीब है। प्रभु यीशु हम यहूदियों का राजा है; अन्यजातियाँ ऐसा महान उद्धार प्राप्त करने के योग्य नहीं हैं। प्रभु यीशु हम यहूदियों के लिए पापबलि है। कार्य के केवल इन दो चरणों के आधार पर ही इस्राएलियों और यहूदियों ने ये सारी अवधारणाएं बना ली थीं। वे रोब से स्वयं के लिए परमेश्वर पर दावा करते हैं, और यह नहीं मानते कि परमेश्वर अन्य-जातियों का भी परमेश्वर है। इस प्रकार, परमेश्वर अन्य-जातियों के दिल में एक रिक्त स्थान बन गया। क्योंकि हर कोई यह मानने लगा था कि परमेश्वर अन्य-जातियों का परमेश्वर नहीं बनना चाहता, वह केवल इस्राएलियों को ही पसंद करता है—जो उसके चुने हुए लोग हैं—और वह यहूदियों को पसंद करता है, विशेषकर उन अनुयायियों को जो उसका अनुसरण करते हैं। क्या तुम नहीं जानते कि यहोवा और यीशु ने जो कार्य किया, वह सारी मानवजाति के अस्तित्व के लिए किया था? क्या तुम लोग अब स्वीकारते हो कि परमेश्वर उन सभी लोगों का परमेश्वर है जो इस्राएल से बाहर पैदा हुए? क्या आज परमेश्वर तुम्हारे बीच नहीं है? यह कोई सपना नहीं है, है न? क्या तुम लोग इस वास्तविकता को नहीं स्वीकारते? तुम लोग इस पर विश्वास करने की या इसके बारे में सोचने की हिम्मत नहीं करते। तुम लोग इसे जैसे चाहे देखो, लेकिन क्या परमेश्वर तुम लोगों के बीच यहाँ नहीं है? क्या तुम लोग अभी भी इन शब्दों पर विश्वास करने से डरते हो? इस दिन से, क्या वे सभी जिन पर विजय प्राप्त कर ली गई है और जो लोग परमेश्वर के अनुयायी बनना चाहते हैं, वे परमेश्वर के चुने हुए लोग नहीं हैं? क्या तुम सभी, जो आज अनुयायी हो, इस्राएल के बाहर चुने हुए लोग नहीं हो? क्या तुम लोगों का दर्जा इस्राएलियों के बराबर नहीं है? क्या यह सब तुम लोगों को पहचान नहीं लेना चाहिए? क्या तुम लोगों पर विजय पाने के कार्य का यही उद्देश्य नहीं है? क्योंकि तुम लोग परमेश्वर को देख सकते हो, तो वह हमेशा ही तुम लोगों का परमेश्वर रहेगा, शुरू से लेकर भविष्य तक। जब तक तुम लोग उसका अनुसरण करने, उसके वफ़ादार और आज्ञाकारी सृजित प्राणी बने रहने के लिए तैयार रहोगे, तब तक वह तुम लोगों को अकेला नहीं छोड़ेगा।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, विजय के कार्य की आंतरिक सच्चाई (3)

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