Hindi Christian Testimony Video | क्या यह नजरिया सत्य के अनुरूप है कि "इंसान को गुण का न सही, उसकी मेहनत का श्रेय मिलना ही चाहिए"?
22 दिसम्बर, 2024
यह देखकर कि जिस इंसान ने वर्षों से परमेश्वर में विश्वास किया था, हमेशा त्याग किया और खुद को खपाया, उसे कलीसिया से निकाल दिया गया, उसके लिए इसे स्वीकार करना मुश्किल था। उसने सोचा, "इंसान को गुण का न सही, उसकी मेहनत का श्रेय मिलना ही चाहिए; उन्हें निकाला कैसे जा सकता है?" संगति और अपनी अगुआ की मदद से उसे शीघ्र ही पूरी तरह समझ आ गया और वह उस व्यक्ति को पहचान सकी जिसे निकाला गया था। सत्य की खोज करके, उसे यह समझ आया कि लोगों को बचाया जा सकता है या नहीं, यह उनके त्याग और सतही स्तर पर खुद को खपाने पर निर्भर नहीं करता है, बल्कि इस पर करता है कि वे सत्य का अनुसरण करते हैं या नहीं और अपना जीवन स्वभाव बदलते हैं या नहीं।
परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?
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