Hindi Christian Testimony Video | क्या परमेश्वर पर विश्वास केवल शांति और आशीष के लिए है?
29 नवम्बर, 2024
बचनप से ही उसने अपनी माँ के साथ परमेश्वर पर विश्वास करना शुरू कर दिया और परमेश्वर की अनुग्रह का भरपूर आनन्द लिया। तब उसकी युवा आत्मा को लगा कि परमेश्वर पर विश्वास करना अच्छा है और जब भी उसे उसकी जरूरत होती है, परमेश्वर उसका सहारा बनता है। जब वह बड़ी हुई तो उसने अपना कर्तव्य निभाना शुरू कर दिया। उसने सोचा कि जब तक वह उत्साह से अपना कर्तव्य निभाती रहेगी, परमेश्वर जरूर सुनिश्चित करेगा कि वह और उसकी माँ एक शांतिपूर्ण, परेशानी रहित जीवन जिएँ। अचानक दिल की बीमारी से पीड़ित होने से उसकी धारणाएँ और कल्पनाएँ चकनाचूर हो गईं और वह निराश होकर शिकायतें करने लगी। परमेश्वर के वचनों के न्याय और प्रकाशन से उसने इस बात पर विचार करना शुरू किया कि उसे परमेश्वर में अपने विश्वास में क्या करना चाहिए।
परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?
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