Hindi Christian Testimony Video | छोटे और बड़े दोनों मामलों में जीवन प्रवेश संभव है
10 अप्रैल, 2025
वह कलीसिया में पाठ-आधारित कर्तव्य करती है और मानती है कि हर दिन कई लोगों के साथ संवाद न करना या विशेष घटनाओं का अनुभव न करना उसके जीवन की प्रगति में रुकावट बनेगा। इस विचार ने उसे हताशा की भावनाओं में जीने और पाठ-आधारित कर्तव्यों के प्रति प्रतिरोधी होने के लिए मजबूर कर दिया। बाद में एक बहन के मार्गदर्शन और मदद से वह सचेत होकर सत्य खोजने लगी। परमेश्वर के वचन पढ़ने के माध्यम से उसे अपने गलत नजरियों की कुछ समझ मिली और जीवन प्रवेश के लिए अभ्यास का एक मार्ग मिला।
परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?
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