Hindi Christian Play | मनोरोगी वार्ड में मेरी आपबीती | Based on a True Story

20 मई, 2022

परमेश्वर के बिना दिनों में, जीवन अंधकारमय और पीड़ा से भर जाता है। क्या आप परमेश्वर के वचनों को सीखने के इच्छुक हैं ताकि उसके करीब आ सकें और उससे आनंद और शांति प्राप्त कर सकें?

ली आइझेन के एक विश्वासी होने और सुसमाचार साझा करने की शिकायत मिलने के बाद, एक स्थानीय सरकारी अधिकारी उसके पति यू झॉन्गमिन को धमकाता है कि अगर वह अपनी आस्था का अभ्यास करती रही, तो न सिर्फ उसे गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया जाएगा, बल्कि गांव के मुखिया की उसकी नौकरी भी छिन जाएगी। अपनी पत्नी को मिलने वाले कानूनी परिणामों और उनके खुद के फंस जाने के डर से, यू झॉन्गमिन और उसके बेटे मिलकर उसकी इच्छा के विरुद्ध उसे एक मनोरोगी वार्ड में बंद करवा देते हैं, इस उम्मीद में कि वह अपनी आस्था छोड़ देगी। इससे भी बुरा होता है जब वार्ड के डॉक्टर, सिर्फ उसके परमेश्वर में विश्वास रखने के कारण, बिना किसी जांच-परीक्षण के उसे मानसिक रोगी बता देते हैं। वे उसे हर दिन मनोरोग की दवाइयाँ देते हैं, और उसके दिमाग को नास्तिक प्रचार से भर देते हैं, जबर्दस्ती करते हैं कि वह परमेश्वर को नकार कर उसे धोखा दे दे। इस अमानवीय यातना और क्रूरता के कारण तन-मन को होने वाला नुकसान ली आइझेन के लिए बेहद दर्दनाक होता है। क्या अंत में वह अपनी आस्था में मजबूती से टिकी रह पाती है? जानने के लिए देखिए मनोरोगी वार्ड में मेरी आपबीती।

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परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

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