Christian Song | लोगों को समझना चाहिए जीवित होने का अर्थ और मूल्य
22 जून, 2025
1
बिल्कुल शून्य से जीवन आरंभ करने वाली एक एकाकी आत्मा को सृष्टिकर्ता की संप्रभुता और पूर्वनियति-निर्धारण के कारण माता-पिता और परिवार मिलता है, मानवजाति का सदस्य बनने का अवसर मिलता है, मानव जीवन का अनुभव करने और मानव जगत की यात्रा करने का अवसर मिलता है; इसे सृष्टिकर्ता की संप्रभुता का अनुभव करने, सृष्टिकर्ता की सृष्टि की अद्भुतता को जानने और इससे भी बढ़कर, सृष्टिकर्ता के अधिकार को जानने और इसके प्रति आत्मसमर्पण करने का अवसर भी मिलता है। फिर भी अधिकतर लोग वास्तव मे इस दुर्लभ और क्षणभंगुर अवसर को नहीं लपकते हैं। लोग भाग्य के विरुद्ध लड़ते हुए अपने पूरे जीवन भर की ऊर्जा खपा देते हैं, अपने परिवारों का भरण-पोषण करने की कोशिश में दौड़-भाग करते हुए और प्रतिष्ठा और लाभ की खातिर दौड़-धूप करते हुए अपना सारा जीवन बिता देते हैं।
2
जिन चीजों को लोग सँजोकर रखते हैं, वे हैं पारिवारिक प्रेम, पैसा, शोहरत और लाभ, वे इन्हें जीवन में सबसे मूल्यवान चीजों के रूप में देखते हैं। सभी लोग अपना भाग्य खराब होने के बारे में शिकायत करते हैं, फिर भी वे अपने दिमाग में उन प्रश्नों को पीछे धकेल देते हैं जिन्हें सबसे ज्यादा समझना और टटोलना चाहिए : मनुष्य जीवित क्यों है, मनुष्य को कैसे जीना चाहिए और मानव जीवन का मूल्य और अर्थ क्या है। उनका जीवन चाहे जितना भी लंबा हो, जब तक कि उनकी युवावस्था उनका साथ नहीं छोड़ देती, उनके बाल सफेद नहीं हो जाते और उनकी त्वचा पर झुर्रियाँ नहीं पड़ जातीं, वे अपना सारा जीवन शोहरत और लाभ के पीछे भागने में ही लगा देते हैं, तब जाकर उन्हें एहसास होता है कि शोहरत और लाभ उन्हें बूढ़ा होने से नहीं रोक सकते हैं, धन हृदय के खालीपन को नहीं भर सकता है; तब जाकर वे समझते हैं कि कोई भी व्यक्ति जन्म, उम्र के बढ़ने, बीमारी और मृत्यु के नियमों से बच नहीं सकता है और नियति के आयोजनों से कोई बच नहीं सकता है।
3
जब लोगों का संसार से विदा लेने का समय करीब आ जाता है, तो उन्हें धीरे-धीरे इस बात का एहसास होता है कि संसार की हर चीज दूर हो रही है, उनमें अब ऐसी किसी भी चीज को थामे रखने की शक्ति नहीं है जो मूल रूप से उनकी थी; इस समय उन्हें सचमुच यह लगता है कि वे बिल्कुल एक नवजात की तरह हैं, आखिरकार रोते हुए शिशु की तरह, जिसके पास अभी कुछ भी नहीं है, जिसके पास अभी कुछ भी नहीं है। इस मोड़ पर वे यह सोचना शुरू करने को बाध्य होते हैं कि उन्होंने अपने जीवन में क्या किया है, जीवित होने का क्या मोल है, जीवित होने का अर्थ क्या है और लोग इस संसार में क्यों आए हैं। और ठीक इसी मोड़ पर वे और भी अधिक जानना चाहते हैं कि वास्तव में कोई अगला जन्म है भी या नहीं, वास्तव में स्वर्ग है भी या नहीं, वास्तव में प्रतिफल मिलता है या नहीं...।
4
जब कोई वास्तव में इस मोड़ पर पहुँचता है केवल तभी उसे एहसास होता है कि जब कोई व्यक्ति इस संसार में कदम रखता है, तो सबसे पहली बात जो उसे अवश्य समझनी चाहिए, वह है कि मानव कहाँ से आता है, लोग जीवित क्यों हैं, कौन मनुष्य के भाग्य पर संप्रभुता रखता है, कौन मानव के अस्तित्व के लिए प्रावधान करता है और इसके ऊपर किसकी संप्रभुता है—यह ज्ञान ही वह पूँजी है जिसके द्वारा कोई व्यक्ति जीवन जीता है, और यह व्यक्ति के जीवित रहने के लिए आवश्यक आधार है। यद्यपि जीवित बचे रहने के जिन विभिन्न कौशलों पर महारत हासिल करने के लिए लोग अपना जीवन गुजार देते हैं वे उन्हें भरपूर भौतिक सुख दे सकते हैं, लेकिन वे कौशल किसी मनुष्य के हृदय में कभी भी सच्ची तसल्ली और स्थिरता नहीं ला सकते हैं। इसके बजाय वे लोगों को निरंतर उनकी दिशा से भटकाते हैं, लोगों के लिए स्वयं पर नियंत्रण रखना कठिन बनाते हैं और उन्हें जीवन का अर्थ सीखने के एक के बाद एक अवसर से वंचित कर देते हैं, और वे लोगों के अंदर इस बारे में छिपी हुई परेशानियाँ खड़ी करते हैं कि किस प्रकार सही ढंग से मृत्यु का सामना करें—लोगों के जीवन इस तरह बर्बाद हो जाते हैं, लोगों के जीवन इस तरह बर्बाद हो जाते हैं।
—वचन, खंड 2, परमेश्वर को जानने के बारे में, स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III
परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?
अन्य प्रकार की वीडियो