Hindi Christian Testimony Video | सुसमाचार फैलाने का मेरा कर्तव्य अडिग है
18 सितम्बर, 2024
बचपन से ही मुख्य किरदार का परिवार गरीब था और लोगों की धौंस सहता था। जब वह प्रतिष्ठा और रुतबे वाले लोगों को देखती तो उनसे बात करने से डरती थी। परमेश्वर में विश्वास करने के बाद, जब भी वह प्रतिष्ठा और रुतबे वाले लोगों के सामने सुसमाचार फैलाती, तो यह सोचकर बेबस महसूस करती थी कि उसका परिवार कितना गरीब है, कैसे उसके पास कोई ज्ञान और रुतबा नहीं है, और वह ऊँचे रुतबे वालों की बराबरी नहीं कर सकती। जब उसे पता चला कि एक संभावित सुसमाचार प्राप्तकर्ता ने उसके छोटे रुतबे और हैसियत के कारण उसे नीची नजर से देखा और उससे नहीं मिलना चाहा, तो वह परेशान हो गई और कर्तव्य से पीछे हटना चाहा। बाद में, परमेश्वर के वचन पढ़कर उसका दृष्टिकोण बदल गया, और अब वो सुसमाचार फैलाते समय रुतबे और हैसियत के सामने बेबस महसूस नहीं करती।
परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?
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