Hindi Christian Testimony Video | अति ईर्ष्यालु होने के दुष्परिणाम

21 मार्च, 2025

वह ईसाई है, जो दूसरों को अपने से बेहतर करता देखकर विनम्रतापूर्वक उनकी खूबियों से नहीं सीख पाती। इसके बजाय वह ईर्ष्यालु हो जाती है, उन्हें साथ में शामिल नहीं करती है और यहाँ तक कि उनकी पीठ पीछे उनके खिलाफ बोलती है, जिससे कलीसिया का कार्य गड़बड़ हो जाता है। बाद में वह आत्म-चिंतन कैसे करती है और ईर्ष्या के बंधन से कैसे मुक्त होती है?

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परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

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