Christian Song | इंसान को बचाने के लिये ख़ामोशी से कार्य करता है देहधारी परमेश्वर
24 जून, 2025
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परमेश्वर एक साधारण व्यक्ति के रूप में देहधारी होता है, लोगों के बीच में छिपकर हमें बचाने का नया कार्य करता है। वह हमें कोई सफाई नहीं देता, न ही वह हमें यह बताता है कि वह क्यों आया है, बल्कि जो करने का उसका इरादा होता है उस काम को अपनी योजना और प्रक्रिया के अनुसार करता है। उसके वचन और कथन और भी ज्यादा बार होते हैं। सांत्वना देने, प्रोत्साहित करने, याद दिलाने और चेतावनी देने से लेकर फटकारने और अनुशासित करने तक; दयालु और नरम स्वर से लेकर प्रचंड और प्रतापी वचनों तक—यह सब मनुष्य को महान दया और घोर आतंक का अनुभव करवाता है। जो कुछ भी वह कहता है, वह हमारे अंदर गहरे छिपे रहस्यों पर सीधे चोट करता है; उसके वचन हमारे हृदयों में डंक मारते हैं, हमारी आत्माओं में डंक मारते हैं, और हमें असहनीय शर्म से भर देते हैं, हम समझ नहीं पाते कि कहाँ मुँह छिपाएँ।
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उससे हम जीवित जल की अंतहीन आपूर्ति का आनंद लेते हैं, और उसके माध्यम से हम परमेश्वर के आमने-सामने रहते हैं। फिर भी हम केवल स्वर्ग में मौजूद प्रभु यीशु के अनुग्रह के लिए धन्यवाद देते हैं, और हमने कभी इस साधारण व्यक्ति की भावनाओं पर ध्यान नहीं दिया, जो दिव्यता से युक्त है। फिर भी वह पहले की तरह विनम्रता से देह में छिपे रहकर अपना कार्य करता है, अपने हृदय की वाणी को अभिव्यक्ति देता है, मानो वह इंसान की अस्वीकृति से बेख़बर हो, मानो वह इंसान के बचकानेपन और अज्ञानता को हमेशा के लिए क्षमा कर रहा हो, और अपने प्रति इंसान के अपमानजनक रवैये के प्रति हमेशा के लिए सहिष्णु हो।
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परमेश्वर के वचनों में जीवन-सामर्थ्य है, वे हमें वह मार्ग देते हैं जिस पर हमें चलना चाहिए और हमें यह अच्छी तरह से समझने में सक्षम बनाते हैं कि सत्य वास्तव में क्या है। वह हमारे लिए अपना दिल न्योछावर कर देता है, हमारी चिंता में वह खा या सो नहीं पाता, हमारे लिए रोता है, हमारे लिए आहें भरता है, हमारे लिए बीमारी में कराहता है; वह हमारे गंतव्य और उद्धार के लिए अपमान सहता है; और हमारी संवेदनहीनता और विद्रोहशीलता के कारण उसका हृदय खून और आँसू बहाता है। किसी साधारण व्यक्ति के पास यह अस्तित्व और ये गुण नहीं हैं, न ही ये किसी भ्रष्ट मनुष्य में हो सकते हैं, न वह उन्हें हासिल कर सकता है। उसमें ऐसी सहनशीलता और धैर्य है जो किसी साधारण मनुष्य में नहीं होता है और उसके जैसा प्रेम भी किसी सृजित प्राणी में नहीं होता है।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परिशिष्ट 4: परमेश्वर के प्रकटन को उसके न्याय और ताड़ना में देखना
परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?
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