Hindi Christian Movie | अंत के दिनों में परमेश्वर एक नया नाम क्यों लेता है? (चुनिंदा अंश)

14 नवम्बर, 2018

धार्मिक दुनिया के पादरी और एल्डर्स अक्सर विश्वासियों को यह उपदेश देते हैं कि प्रभु यीशु को हर किसी के पापों के लिए सूली पर चढ़ा दिया गया था और मनुष्य को पापों से छुटकारा मिल चुका है। वे ये उपदेश देते हैं कि अगर कोई प्रभु यीशु से विचलित होकर सर्वशक्तिमान परमेश्वर में विश्वास करता है, तो ऐसा करना प्रभु यीशु को धोखा देने और धर्म-त्याग करने के समान है। क्या सच्चाई वाकई ऐसी ही है? उस समय जब प्रभु यीशु अपना कार्य करने आये थे, तब क्‍या मंदिर से अलग होकर प्रभु यीशु के अनुयायी बनने वालों पर भी यहूदी फरीसियों ने परमेश्वर यहोवा को धोखा देने का दोष नहीं लगाया था? इसलिए क्या परमेश्वर के नये कार्य को स्वीकार करना धर्म-त्याग और परमेश्वर को धोखा देना है? या यह मेमने के पदचिन्‍हों के साथ तालमेल बैठाना और परमेश्वर से उद्धार प्राप्त करना है? इस लघु वीडियो में हम इन बातों की मिलकर खोज करेंगे।

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परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

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