Christian Song | कोई भी परमेश्वर के आगमन से अवगत नहीं है
14 अप्रैल, 2024
परमेश्वर के आगमन के बारे में कोई नहीं जानता,
कोई उसके आगमन का स्वागत नहीं करता,
और इतना ही नहीं, कोई नहीं जानता कि वह क्या करने वाला है,
और इतना ही नहीं, कोई नहीं जानता कि वह क्या करने वाला है।
मनुष्य का जीवन पहले जैसा चलता रहता है;
उसका हृदय नहीं बदलता, और दिन हमेशा की तरह बीतते जाते हैं।
परमेश्वर हमारे बीच अन्य मनुष्यों की तरह एक मनुष्य के रूप में,
एक सबसे महत्वहीन अनुयायी की तरह और
एक साधारण विश्वासी के समान रहता है।
उसके पास अपने काम-काज हैं, अपने लक्ष्य हैं,
और इससे भी बढ़कर, उसमें दिव्यता है, जो साधारण मनुष्यों में नहीं है।
किसी ने भी उसकी दिव्यता की मौजूदगी पर ध्यान नहीं दिया है,
और किसी ने भी उसके सार और
मनुष्य के सार के बीच का अंतर नहीं समझा है।
हम उसके साथ, बिना किसी बंधन और भय के, मिलकर रहते हैं,
क्योंकि हमारी दृष्टि में
वह एक महत्वहीन विश्वासी से अधिक कुछ नहीं है।
वह हमारी हर चाल देखता है,
और हमारे सभी सोच-विचार उसके सामने बेपर्दा हैं।
कोई भी उसके अस्तित्व में रुचि नहीं लेता,
कोई भी उसके कार्य के बारे में कोई कल्पना नहीं करता,
और इससे भी बढ़कर,
किसी को उसकी पहचान के बारे में रत्ती भर भी संदेह नहीं है।
हम बस अपने-अपने लक्ष्यों के पीछे लगे रहते हैं,
मानो उसका हमसे कुछ लेना-देना न हो ...
और फिर भी, लोगों के बीच छिपा हुआ यही वह साधारण मनुष्य है,
जो हमें बचाने का नया काम कर रहा है,
जो हमें बचाने का नया काम कर रहा है।
उसके वचन और कथन अब ज्यादा बार सुनाई देते हैं।
सांत्वना देने, उत्साह बढ़ाने, स्मरण कराने और चेतावनी देने से
लेकर डाँटने-फटकारने और अनुशासित करने तक;
दयालु और नरम स्वर से लेकर प्रचंड और प्रतापी वचनों तक—
यह सब मनुष्य पर दया करता है और उसमें कँपकँपी भरता है।
जो कुछ भी वह कहता है,
वह हमारे अंदर गहरे छिपे रहस्यों पर सीधे चोट करता है;
उसके वचन हमारे हृदयों में डंक मारते हैं,
हमारी आत्माओं में डंक मारते हैं,
और हमें असहनीय शर्म से भर देते हैं,
हम समझ नहीं पाते कि कहाँ मुँह छिपाएँ।
हमारे बिना जाने ही, यह मामूली व्यक्ति
हमें परमेश्वर के कार्य के एक कदम के बाद
दूसरे कदम में ले गया है।
हम अनगिनत परीक्षणों से गुजरते हैं,
अनगिनत ताड़नाएँ सहते हैं
और मृत्यु द्वारा परखे जाते हैं।
हम परमेश्वर के धार्मिक और प्रतापी स्वभाव के बारे में
जानकारी प्राप्त करते हैं,
उसके प्रेम और दया का आनंद भी लेते हैं;
परमेश्वर के महान सामर्थ्य और बुद्धि की समझ हासिल करते हैं,
परमेश्वर की सुंदरता निहारते हैं,
और मनुष्य को बचाने की परमेश्वर की उत्कट इच्छा देखते हैं।
इस साधारण मनुष्य के वचनों में
हम परमेश्वर के स्वभाव और सार को जान जाते है;
परमेश्वर की इच्छा समझ जाते हैं, मनुष्य का प्रकृति सार जान जाते हैं,
और हम उद्धार और पूर्णता का मार्ग देख लेते हैं।
उस क्षण से हमारे मन सचेत हो गए हैं,
और हमारी आत्माएँ पुर्नजीवित होती लगती हैं :
क्या यह साधारण व्यक्ति, जो हमारे बीच रहता है
और जिसे हम लंबे समय से ठुकराते आए हैं—
प्रभु यीशु नहीं है; जो सोते-जागते हमेशा हमारे विचारों में रहता है
और जिसके लिए हम रात-दिन लालायित रहते हैं?
यह वही है! यह वास्तव में वही है!
यह हमारा परमेश्वर है!
यह सत्य, मार्ग और जीवन है!
यह सत्य, मार्ग और जीवन है!
इसने हमें फिर से जीने और ज्योति देखने लायक बनाया है,
और हमारे हृदयों को भटकने से रोका है।
हम परमेश्वर के सिंहासन के सामने लौट आए हैं,
हम उसके आमने-सामने हैं,
हमने उसका मुखमंडल देखा है,
और हमने आगे का मार्ग देखा है।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परिशिष्ट 4: परमेश्वर के प्रकटन को उसके न्याय और ताड़ना में देखना
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