अंत के दिनों में परमेश्वर शैतान के प्रभुत्व वाले अंधकारमय युग का अंत कैसे करता है
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन :
जब सभी लोगों को संपूर्ण बना लिया गया होगा और पृथ्वी के सभी राष्ट्र मसीह का राज्य बन गए होंगे, तब वह समय होगा जब सात गर्जनाएँ गूँजेंगी। वर्तमान दिन उस चरण की दिशा में एक लंबा कदम है; आने वाले उस दिन की ओर बढ़ने के लिए धावा बोल दिया गया है। यह परमेश्वर की योजना है, और निकट भविष्य में ये साकार हो जाएगा। हालाँकि, परमेश्वर ने जो कुछ भी कहा है, वह सब पहले ही पूरा कर दिया है। इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि धरती के देश केवल रेत के किले हैं जो ज्वार आने पर काँप जाते हैं : अंत का दिन सन्निकट है और बड़ा लाल अजगर परमेश्वर के वचन के नीचे गिर जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि परमेश्वर की योजना का सफलतापूर्वक क्रियान्वन होता है, परमेश्वर को संतुष्ट करने का भरपूर प्रयास करते हुए, स्वर्गदूत पृथ्वी पर उतर आए हैं। स्वयं देहधारी परमेश्वर दुश्मन से लड़ाई करने के लिए युद्ध के मैदान में तैनात हुआ है। जहाँ कहीं भी देहधारण प्रकट होता है, उस जगह से दुश्मन पूर्णतया विनष्ट किया जाता है। सबसे पहले चीन का सर्वनाश होगा; यह परमेश्वर के हाथों बर्बाद कर दिया जाएगा। परमेश्वर वहाँ कोई भी दया बिलकुल नहीं दिखाएगा। बड़े लाल अजगर के उत्तरोत्तर ढहने का सबूत लोगों की निरंतर परिपक्वता में देखा जा सकता है; इसे कोई भी स्पष्ट रूप से देख सकता है। लोगों की परिपक्वता दुश्मन की मृत्यु का संकेत है। यह "इसके साथ प्रतिस्पर्धा करने" के अर्थ का थोड़ा स्पष्टीकरण है।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, “संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के वचनों” के रहस्यों की व्याख्या, अध्याय 10
सब कुछ मेरे वचनों के द्वारा पूरा हो जाएगा; कोई मनुष्य भागी न हो, और कोई मनुष्य वह काम नहीं कर सकता है जिसे मैं करूँगा। मैं सारी भूमि की हवा को स्वच्छ करूँगा और पृथ्वी पर से दुष्टात्माओं का पूर्ण रूप से नाश कर दूँगा। मैं पहले से ही शुरू कर चुका हूँ, और अपने ताड़ना कार्य के पहले कदम को उस बड़े लाल अजगर के निवास स्थान में आरम्भ करूँगा। इस प्रकार यह देखा जा सकता है कि मेरी ताड़ना पूरे ब्रह्माण्ड के ऊपर आ गई है, और बड़ा लाल अजगर और सभी प्रकार की अशुद्ध आत्माएँ मेरी ताड़ना से बच पाने में असमर्थ होंगी क्योंकि मैं समूची भूमि पर निगाह रखता हूँ। जब मेरा कार्य पृथ्वी पर पूरा हो जाएगा अर्थात्, जब न्याय का युग समाप्त होगा, तब मैं औपचारिक रूप से उस बड़े लाल अजगर को ताड़ना दूँगा। मेरे लोग उस बड़े लाल अजगर की धर्मी ताड़ना को अवश्य देखेंगे, मेरी धार्मिकता के कारण स्तुति बरसाएँगे, और मेरी धार्मिकता के कारण सदा सर्वदा मेरे पवित्र नाम की बड़ाई करते रहेंगे। अब से तुम लोग अपने कर्तव्यों को औपचारिक तौर पर निभा पाओगे, और सारी धरती पर औपचारिक तौर पर मेरी स्तुति करोगे, हमेशा-हमेशा के लिए!
जब न्याय का युग अपने शिखर पर पहुँचेगा, तो मैं अपने कार्य को समाप्त करने में जल्दबाजी नहीं करूँगा, बल्कि मैं उसमें ताड़ना के युग के प्रमाण को जोडूँगा और अपने सभी लोगों को इस प्रमाण को देखने दूँगा; और इस से अत्यधिक फल उत्पन्न होंगे। यह प्रमाण वह माध्यम है जिसके द्वारा मैं उस बड़े लाल अजगर को ताड़ना दूँगा, और मैं अपने लोगों को उनकी आँखों से यह सब देखने दूँगा ताकि वे मेरे स्वभाव को और भी अच्छी तरह से जान सकें। जब उस बड़े लाल अजगर को ताड़ना दी जाती है, तब उस समय मेरे लोग मुझ में आनंद करते हैं। उस बड़े लाल अजगर के लोगों को उसके ही विरुद्ध उभारना और विद्रोह करवाना मेरी योजना है, और वह तरीका है जिस से मैं अपने लोगों को पूर्ण करता हूँ, और मेरे सभी लोगों के लिए जीवन में आगे बढ़ने के लिए यह एक बड़ा अवसर है। ... आज, मैं मनुष्य के साथ-साथ चलते हुए ताड़ना के युग में आगे बढ़ता हूँ। मैं अपना कार्य कर रहा हूँ, यानी कि, मैं मनुष्यों के मध्य अपनी लाठी से प्रहार करता हूँ और मनुष्यों में जो कुछ विद्रोही है, यह उस पर गिरती है। ऐसा लगता है कि मनुष्य की नज़रों में मेरी लाठी में विशेष शक्तियाँ हैं : यह उन सभी पर आ पड़ती है जो मेरे शत्रु हैं और आसानी से उन्हें छोड़ती नहीं; उन सब पर जो मेरा विरोध करते हैं, यह लाठी अपना अंतर्निहित कार्य करती है; वे सभी जो मेरे हाथों में हैं वे मेरे इरादों के अनुसार अपने कर्तव्यों को निभाते हैं, और उन्होंने कभी मेरी इच्छाओं की अवहेलना नहीं की है या अपने मूल तत्व को नहीं बदला है। परिणाम स्वरूप, पानी गरजेंगे, पहाड़ गिर जायेंगे, बड़ी-बड़ी नदियाँ विभाजित हो जायेंगी, मनुष्य सदा सर्वदा बदलता रहेगा, सूर्य धुँधला हो जाएगा, चाँद अंधकारमय हो जाएगा, मनुष्य के पास शांति से जीने के लिए और अधिक दिन नहीं होंगे, भूमि पर शान्ति का और अधिक समय नहीं होगा, स्वर्ग फिर दोबारा कभी शांत और खामोश नहीं रहेगा, और अधिक सहन नहीं करेगा। सभी चीज़ें नई कर दी जाएँगी और अपने मूल रूप को फिर से पा लेंगी। पृथ्वी पर सारे घर-परिवार अलग-अलग बिखेर दिए जाएँगे, और पृथ्वी पर सारे राष्ट्र अलग-अलग कर दिए जाएँगे; पति और पत्नी के बीच पुनर्मिलन के वे दिन चले जाएँगे, माँ और बेटा दोबारा आपस में नहीं मिलेंगे, और न ही पिता और बेटी फिर कभी आपस में मिल पाएँगे। जो कुछ भी पृथ्वी पर पाया जाता है वह मेरे द्वारा नष्ट कर दिया जाएगा।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के वचन, अध्याय 28
यह कहा जा सकता है कि आज के सभी कथन भावी मामलों की भविष्यवाणी करते हैं; ये कथन बताते हैं कि परमेश्वर अपने कार्य के अगले चरण के लिए किस प्रकार व्यवस्थाएँ कर रहा है। परमेश्वर ने कलीसिया के लोगों में अपना काम लगभग पूरा कर लिया है, और बाद में वह सभी लोगों के सामने क्रोध के साथ प्रकट होगा। जैसा कि परमेश्वर कहता है, "मैं धरती के लोगों से अपने कार्यों को स्वीकार करवाऊंगा और 'न्यायपीठ' के सामने मेरे कर्म साबित होंगे, ताकि उन्हें पृथ्वी के लोगों के बीच स्वीकार किया जाए, जो सभी मानेंगे।" क्या तुम लोगों ने इन वचनों में कुछ देखा? इनमें परमेश्वर के कार्य के अगले हिस्से का सारांश है। पहले, परमेश्वर उन सभी संरक्षक कुत्तों को, जो राजनीतिक शक्ति को संचालित करते हैं, गंभीरता से विश्वास कराएगा और उन्हें बाध्य करेगा कि वे इतिहास के मंच से स्वयं पीछे हट जाएँ, और फिर कभी प्रतिष्ठा के लिए लड़ाई न करें, और फिर कभी कुचक्रों और षड्यंत्रों में संलग्न न हों। यह कार्य परमेश्वर द्वारा पृथ्वी पर विभिन्न आपदाएँ ढाकर किया जाना चाहिए। परंतु यह ऐसा मामला बिलकुल नहीं है कि परमेश्वर प्रकट होगा। क्योंकि, इस समय, बड़े लाल अजगर का राष्ट्र अभी भी मलिनता की भूमि होगा, और इसलिए परमेश्वर प्रकट नहीं होगा, परंतु केवल ताड़ना के रूप में उभरेगा। ऐसा है परमेश्वर का धर्मी स्वभाव, जिससे कोई बच नहीं सकता। इस दौरान, बड़े लाल अजगर के राष्ट्र में बसे सभी व्यक्ति विपत्तियों का सामना करेंगे, जिसमें स्वाभाविक रूप से पृथ्वी पर राज्य (कलीसिया) भी शामिल है। यह वही समय है, जब तथ्य सामने आएँगे, और इसलिए इसका अनुभव सभी लोगों द्वारा किया जाएगा, और कोई बच नहीं पाएगा। यह परमेश्वर द्वारा पूर्वनिर्धारित किया गया है। यह ठीक कार्य के इस चरण के कारण है, जिसके बारे में परमेश्वर कहता है, "यही समय है महान योजनाओं को पूरा करने का।" क्योंकि भविष्य में पृथ्वी पर कोई कलीसिया नहीं होगा, और तबाही के आगमन के कारण लोग केवल उसी के बारे में सोच पाएँगे, जो उनके सामने होगा, और बाकी हर चीज़ को वे नज़रअंदाज़ कर देंगे, और तबाही के बीच परमेश्वर का आनंद लेना उनके लिए मुश्किल होगा। इसलिए, लोगों से कहा जाता है कि इस अद्भुत समय के दौरान अपने पूरे दिल से परमेश्वर से प्रेम करें, ताकि वे इस अवसर को गँवा न बैठें। जब यह तथ्य गुज़र जाएगा, तो परमेश्वर ने बड़े लाल अजगर को पूरी तरह हरा दिया होगा, और इस प्रकार परमेश्वर के लोगों की गवाही का कार्य समाप्त हो गया होगा; इसके बाद परमेश्वर कार्य के अगले चरण की शुरुआत करेगा, वह बड़े लाल अजगर के देश को तबाह कर देगा, और अंततः ब्रह्मांड के सभी लोगों को सलीब पर उलटा लटका देगा, जिसके बाद वह पूरी मानवजाति को नष्ट कर देगा—ये परमेश्वर के कार्य के भावी चरण हैं।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, “संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के वचनों” के रहस्यों की व्याख्या, अध्याय 42
एक के बाद एक सभी तरह की आपदाएँ आ पड़ेंगी; सभी राष्ट्र और स्थान आपदाओं का सामना करेंगे : हर जगह महामारी, अकाल, बाढ़, सूखा और भूकंप आएँगे। ये आपदाएँ सिर्फ एक-दो जगहों पर ही नहीं आएँगी, न ही वे एक-दो दिनों में समाप्त होंगी, बल्कि इसके बजाय वे बड़े से बड़े क्षेत्र तक फैल जाएँगी, और अधिकाधिक गंभीर होती जाएँगी। इस दौरान, एक के बाद एक सभी प्रकार की कीट-जनित महामारियाँ उत्पन्न होंगी, और हर जगह नरभक्षण की घटनाएँ होंगी। सभी राष्ट्रों और लोगों पर यह मेरा न्याय है।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, आरंभ में मसीह के कथन, अध्याय 65
जब परमेश्वर अपने महान कोप को बंधन से मुक्त करेगा, तो परिणामस्वरूप, पूरी दुनिया, ज्वालामुखी के फटने की तरह, सभी प्रकार की आपदाओं का अनुभव करेगी। आकाश में ऊपर खड़े हो कर, यह देखा जा सकता है कि पृथ्वी पर सभी प्रकार की आपदाएँ, दिन प्रति दिन मानवजाति को घेर रही हैं। ऊपर से नीचे देखने पर, पृथ्वी भूकंप से पहले के विभिन्न दृश्यों को प्रदर्शित करती है। तरल अग्नि अनियंत्रित बहती है, लावा बेरोकटोक बहता है, पहाड़ सरकते हैं, और हर जगह उदासीन प्रकाश चमकता है। पूरी दुनिया आग में डूब गई है। यह परमेश्वर के कोप के उत्सर्जन का दृश्य है, और यह उसके न्याय का समय है। वे सभी जो मांस और रक्त वाले हैं भागने में असमर्थ होंगे। इस प्रकार, पूरी दुनिया को नष्ट करने के लिए देशों के बीच युद्ध और लोगों के बीच संघर्ष की आवश्यकता नहीं होगी; इसके बजाय दुनिया परमेश्वर की ताड़ना के पालने में "स्वयं का होशहवास में आनंद" लेगी। कोई भी बच निकलने में सक्षम नहीं होगा; हर एक व्यक्ति को, एक के बाद एक, इस कठिन परीक्षा से गुजरना होगा। इसके बाद संपूर्ण ब्रह्माण्ड एक बार पुनः पवित्र कांति से जगमगाएगा और समस्त मानवजाति एक बार पुनः एक नया जीवन शुरू करेगी। और परमेश्वर ब्रह्मांड के ऊपर आराम करेगा और हर दिन मानवजाति को आशीष देगा।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, “संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के वचनों” के रहस्यों की व्याख्या, अध्याय 18
जब तक पुराने संसार का अस्तित्व बना रहता है, मैं अपना प्रचण्ड रोष इसके राष्ट्रों के ऊपर पूरी ज़ोर से बरसाऊंगा, समूचे ब्रह्माण्ड में खुलेआम अपनी प्रशासनिक आज्ञाएँ लागू करूँगा, और जो कोई उनका उल्लंघन करेगा, उनको ताड़ना दूँगा:
जैसे ही मैं बोलने के लिए ब्रह्माण्ड की तरफ अपना चेहरा घुमाता हूँ, सारी मानवजाति मेरी आवाज़ सुनती है, और उसके उपरांत उन सभी कार्यों को देखती है जिन्हें मैंने समूचे ब्रह्माण्ड में गढ़ा है। वे जो मेरी इच्छा के विरूद्ध खड़े होते हैं, अर्थात् जो मनुष्य के कर्मों से मेरा विरोध करते हैं, वे मेरी ताड़ना के अधीन आएँगे। मैं स्वर्ग के असंख्य तारों को लूँगा और उन्हें फिर से नया कर दूँगा, और, मेरी बदौलत, सूर्य और चन्द्रमा नये हो जाएँगे—आकाश अब और वैसा नहीं रहेगा जैसा वह था और पृथ्वी पर बेशुमार चीज़ों को फिर से नया बना दिया जाएगा। मेरे वचनों के माध्यम से सभी पूर्ण हो जाएँगे। ब्रह्माण्ड के भीतर अनेक राष्ट्रों को नए सिरे से बाँटा जाएगा और उनका स्थान मेरा राज्य लेगा, जिससे पृथ्वी पर विद्यमान राष्ट्र हमेशा के लिए विलुप्त हो जाएँगे और एक राज्य बन जाएँगे जो मेरी आराधना करता है; पृथ्वी के सभी राष्ट्रों को नष्ट कर दिया जाएगा और उनका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। ब्रह्माण्ड के भीतर मनुष्यों में से उन सभी का, जो शैतान से संबंध रखते हैं, सर्वनाश कर दिया जाएगा, और वे सभी जो शैतान की आराधना करते हैं उन्हें मेरी जलती हुई आग के द्वारा धराशायी कर दिया जायेगा—अर्थात उनको छोड़कर जो अभी धारा के अन्तर्गत हैं, शेष सभी को राख में बदल दिया जाएगा। जब मैं बहुत-से लोगों को ताड़ना देता हूँ, तो वे जो धार्मिक संसार में हैं, मेरे कार्यों के द्वारा जीते जाने के उपरांत, भिन्न-भिन्न अंशों में, मेरे राज्य में लौट आएँगे, क्योंकि उन्होंने एक श्वेत बादल पर सवार पवित्र जन के आगमन को देख लिया होगा। सभी लोगों को उनकी किस्म के अनुसार अलग-अलग किया जाएगा, और वे अपने-अपने कार्यों के अनुरूप ताड़नाएँ प्राप्त करेंगे। वे सब जो मेरे विरुद्ध खड़े हुए हैं, नष्ट हो जाएँगे; जहाँ तक उनकी बात है, जिन्होंने पृथ्वी पर अपने कर्मों में मुझे शामिल नहीं किया है, उन्होंने जिस तरह अपने आपको दोषमुक्त किया है, उसके कारण वे पृथ्वी पर मेरे पुत्रों और मेरे लोगों के शासन के अधीन निरन्तर अस्तित्व में बने रहेंगे। मैं अपने आपको असंख्य लोगों और असंख्य राष्ट्रों के सामने प्रकट करूँगा, और अपनी वाणी से, पृथ्वी पर ज़ोर-ज़ोर से और ऊंचे तथा स्पष्ट स्वर में, अपने महा कार्य के पूरे होने की उद्घोषणा करूँगा, ताकि समस्त मानवजाति अपनी आँखों से देखे।
जैसे-जैसे मेरी आवाज़ की तीव्रता गहरी होती जाती है, मैं ब्रह्माण्ड की दशा का भी अवलोकन करता हूँ। मेरे वचनों के माध्यम से, सृष्टि की असंख्य चीज़ें बिल्कुल नई बना दी जाती हैं। स्वर्ग बदलता है, और पृथ्वी भी बदलती है। मानवता अपने मूल रूप में उजागर होती है और, धीरे-धीरे, प्रत्येक व्यक्ति को उसके प्रकार के अनुसार पृथक कर दिया जाता है और वह एकाएक अपने परिवारों के आलिंगन में वापस जाने का अपना रास्ता खोज लेता है। इससे मुझे अत्यधिक प्रसन्नता होगी। मैं व्यवधान से मुक्त हूँ, और, अलक्षित रूप से, मेरा महा कार्य संपन्न होता है, और सृष्टि की सभी असंख्य चीज़ें रूपान्तरित हो गई हैं। जब मैंने संसार की सृष्टि की थी, मैंने सभी चीज़ों को उनकी किस्म के अनुसार ढाला था, रूपाकृतियों वाली सभी चीज़ों को उनकी किस्म के अनुसार एक साथ रखा था। मेरी प्रबन्धन योजना का अंत ज्यों-ज्यों नज़दीक आएगा, मैं सृष्टि की पूर्व दशा बहाल कर दूँगा, मैं प्रत्येक चीज़ को पूर्णतः बदलते हुए हर चीज़ को उसी प्रकार बहाल कर दूँगा जैसी वह मूलतः थी, जिससे हर चीज़ मेरी योजना के आलिंगन में लौट आएगी। समय आ चुका है! मेरी योजना का अंतिम चरण संपन्न होने वाला है। आह, पुराना अस्वच्छ संसार! तू पक्का मेरे वचनों के अधीन आएगा! तू पक्का मेरी योजना के द्वारा अस्तित्वहीन हो जाएगा! आह, सृष्टि की अनगिनत चीज़ो! तुम सब मेरे वचनों के भीतर नया जीवन प्राप्त करोगी—तुम्हारे पास तुम्हारा सार्वभौम प्रभु होगा! आह, शुद्ध और निष्कलंक नये संसार! तू पक्का मेरी महिमा के भीतर पुनर्जीवित होगा! आह, सिय्योन पर्वत! अब और मौन मत रह। मैं विजयोल्लास के साथ लौट आया हूँ! सृष्टि के बीच से, मैं समूची पृथ्वी को बारीक़ी से देखता हूँ। पृथ्वी पर मानवजाति ने नए जीवन की शुरुआत की है, और नई आशा जीत ली है। आह, मेरे लोगो! ऐसा कैसे हो सकता है कि तुम लोग मेरे प्रकाश के भीतर पुनर्जीवित न हो? ऐसा कैसे हो सकता है कि तुम लोग मेरे मार्गदर्शन के अधीन आनन्द से न उछलो? भूमि उल्लास से चिल्ला रही है, समुद्र उल्लासपूर्ण हंसी से उफन रहे हैं! आह, पुनर्जीवित इस्राएल! मेरे द्वारा पूर्वनियत किए जाने की वजह से तुम कैसे गर्व महसूस नहीं कर सकते हो? कौन रोया है? किसने विलाप किया है? पहले का इस्राएल समाप्त हो गया है, और आज के इस्राएल का उदय हुआ है, जो संसार में सीधा और बहुत ऊँचा खड़ा है, और समस्त मानवता के हृदय में तनकर डटा हुआ है। आज का इस्राएल मेरे लोगों के माध्यम से अस्तित्व का स्रोत निश्चित रूप से प्राप्त करेगा! आह, घृणास्पद मिस्र! निश्चित रूप से तू अब भी मेरे विरुद्ध खड़ा तो नहीं है? तू कैसे मेरी दया का लाभ उठा सकता है और मेरी ताड़ना से बचने की कोशिश कर सकता है? ऐसा कैसे हो सकता है कि तू मेरी ताड़ना के के दायरे में विद्यमान न हो? वे सभी जिनसे मैं प्रेम करता हूँ, निश्चय ही अनन्त काल तक जीवित रहेंगे, और वे सभी जो मेरे विरुद्ध खड़े हैं, निश्चय ही अनन्त काल तक मेरे द्वारा ताड़ित किए जाएँगे। क्योंकि मैं एक ईर्ष्यालु परमेश्वर हूँ, मनुष्यों ने जो किया है, उस सबके लिए उन्हें हल्के में नहीं छोडूँगा। मैं पूरी पृथ्वी पर निगरानी रखूँगा, और धार्मिकता, प्रताप, कोप और ताड़ना के साथ संसार के पूर्व में प्रकट होते हुए, मानवजाति के असंख्य समुदायों के समक्ष स्वयं को उजागर करूँगा!
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के वचन, अध्याय 26
मेरा कार्य केवल छह हज़ार वर्ष तक चलता है और मैंने वादा किया कि समस्त मानवजाति पर उस दुष्ट का नियंत्रण भी छह हजार वर्षों से अधिक तक नहीं रहेगा। इसलिए, अब समय पूरा हुआ। मैं अब और न तो जारी रखूँगा और न ही विलंब करूँगा : अंत के दिनों के दौरान मैं शैतान को परास्त कर दूँगा, मैं अपनी संपूर्ण महिमा वापस ले लूँगा और मैं पृथ्वी पर उन सभी आत्माओं को वापस प्राप्त करूँगा जो मुझसे संबंधित हैं, ताकि ये व्यथित आत्माएँ दुःख के सागर से बच सकें और इस प्रकार पृथ्वी पर मेरे समस्त कार्य का समापन होगा। इस दिन के बाद, मैं पृथ्वी पर फिर कभी भी देहधारी नहीं बनूँगा और फिर कभी भी पूर्ण-नियंत्रण करने वाला मेरा आत्मा पृथ्वी पर कार्य नहीं करेगा। मैं पृथ्वी पर केवल एक कार्य करूँगा : मैं मानवजाति को पुनः बनाऊँगा, ऐसी मानवजाति जो पवित्र हो और जो पृथ्वी पर मेरा विश्वसनीय शहर हो। पर जान लो कि मैं संपूर्ण संसार को जड़ से नहीं मिटाऊँगा, न ही मैं समस्त मानवजाति को जड़ से मिटाऊँगा। मैं उस शेष तृतीयांश को रखूँगा—वह तृतीयांश जो मुझसे प्रेम करता है और मेरे द्वारा पूरी तरह से जीत लिया गया है और मैं इस तीसरे तृतीयांश को फलदायी बनाऊँगा और पृथ्वी पर कई गुना बढ़ाऊँगा, ठीक वैसे जैसे इस्राएली व्यवस्था के तहत फले-फूले थे, उन्हें ख़ूब सारी भेड़ों और मवेशियों और पृथ्वी की सारी समृद्धि के साथ पोषित करूँगा। यह मानवजाति हमेशा मेरे साथ रहेगी, मगर यह आज की बुरी तरह से गंदी मानवजाति की तरह नहीं होगी, बल्कि ऐसी मानवजाति होगी, जो उन सभी लोगों का जनसमूह होगी जो मेरे द्वारा प्राप्त कर लिए गए हैं। इस प्रकार की मानवजाति को शैतान के द्वारा नष्ट, बिगाड़ा या घेरा नहीं जाएगा और ऐसी एकमात्र मानवजाति होगी जो मेरे द्वारा शैतान पर विजय प्राप्त करने के बाद पृथ्वी पर विद्यमान रहेगी। यही वह मानवजाति है, जो आज मेरे द्वारा जीत ली गई है और जिसे मेरी प्रतिज्ञा हासिल है। और इसलिए, अंत के दिनों के दौरान मेरे द्वारा जीती गई मानवजाति वह मानवजाति भी होगी, जिसे बख़्श दिया जाएगा और जिसे मेरे अनंत आशीष प्राप्त होंगे। शैतान पर मेरी विजय का यही एकमात्र सुबूत होगा और शैतान के साथ मेरे युद्ध का एकमात्र विजयोपहार होगा। युद्ध के ये विजयोपहार मेरे द्वारा शैतान के अधिकार क्षेत्र से बचाए गए हैं और ये ही मेरी छह-हज़ार-वर्षीय प्रबंधन योजना के ठोस-रूप और परिणाम हैं। ये विश्वभर के हर राष्ट्र और संप्रदाय, हर स्थान और देश से हैं। ये भिन्न-भिन्न जातियों के हैं, भिन्न-भिन्न भाषाओं, रीति-रिवाज़ों और त्वचा के रंगों वाले हैं और ये विश्व के हर देश और संप्रदाय में और यहाँ तक कि संसार के हर कोने में भी फैले हैं। अंततः वे पूर्ण मानवजाति बनाने के लिए साथ आएंगे, मनुष्यों का ऐसा जनसमूह, जिस तक शैतान की ताकतें नहीं पहुँच सकतीं। मानवजाति के बीच जिन लोगों को मेरे द्वारा बचाया और जीता नहीं गया है, वे ख़ामोशी से समुद्र की गहराइयों में डूब जाएँगे, और मेरी भस्म करने वाली लपटों द्वारा हमेशा के लिए जला दिए जाएँगे। मैं इस पुरानी, अत्यधिक गंदी मानवजाति को जड़ से उसी तरह मिटाऊँगा, जैसे मैंने मिस्र की पहली संतानों और मवेशियों को जड़ से मिटाया था, केवल इस्राएलियों को छोड़ा था, जिन्होंने मेमने का माँस खाया, मेमने का लहू पिया और अपने दरवाज़े की चौखटों को मेमने के लहू से चिह्नित किया। क्या जो लोग मेरे द्वारा जीत लिए गए हैं और मेरे परिवार के हैं, वे भी ऐसे लोग नहीं, जो उस मेमने का माँस खाते हैं जो मैं हूँ और उस मेमने का लहू पीते हैं जो मैं हूँ और जिन्हें मेरे द्वारा छुटकारा दिलाया गया है और जो मेरी आराधना करते हैं? क्या ऐसे लोगों के साथ हमेशा मेरी महिमा नहीं बनी रहती? क्या वे लोग जो उस मेमने के माँस के बिना हैं, जो मैं हूँ, पहले ही चुपचाप सागर की गहराइयों में नहीं डूब गए हैं?
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, कोई भी जो देह में है, कोप के दिन से नहीं बच सकता
परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?