परमेश्वर के दैनिक वचन : मंज़िलें और परिणाम | अंश 612

क्या अब तुम समझ गए हो कि न्याय क्या है और सत्य क्या है? अगर तुम समझ गए हो, तो मैं तुम्हें न्याय किए जाने के लिए आज्ञाकारी ढंग से समर्पित होने की नसीहत देता हूँ, वरना तुम्हें कभी भी परमेश्वर द्वारा सराहे जाने या उसके द्वारा अपने राज्य में ले जाए जाने का अवसर नहीं मिलेगा। जो केवल न्याय को स्वीकार करते हैं लेकिन कभी शुद्ध नहीं किए जा सकते, अर्थात् जो न्याय के कार्य के बीच से ही भाग जाते हैं, वे हमेशा के लिए परमेश्वर की घृणा के शिकार हो जाएँगे और नकार दिए जाएँगे। फरीसियों के पापों की तुलना में उनके पाप संख्या में बहुत अधिक और ज्यादा संगीन हैं, क्योंकि उन्होंने परमेश्वर के साथ विश्वासघात किया है और वे परमेश्वर के प्रति विद्रोही हैं। ऐसे लोग, जो सेवा करने के भी योग्य नहीं हैं, अधिक कठोर दंड प्राप्त करेंगे, जो चिरस्थायी भी होगा। परमेश्वर ऐसे किसी भी गद्दार को नहीं छोड़ेगा, जिसने एक बार तो वचनों से वफादारी दिखाई, मगर फिर परमेश्वर को धोखा दे दिया। ऐसे लोग आत्मा, प्राण और शरीर के दंड के माध्यम से प्रतिफल प्राप्त करेंगे। क्या यह हूबहू परमेश्वर के धार्मिक स्वभाव का प्रकटन नहीं है? क्या मनुष्य का न्याय करने और उसे उजागर करने में परमेश्वर का यह उद्देश्य नहीं है? परमेश्वर उन सभी को, जो न्याय के समय के दौरान सभी प्रकार के दुष्ट कर्म करते हैं, दुष्टात्माओं से आक्रांत स्थान पर भेजता है, और उन दुष्टात्माओं को इच्छानुसार उनके दैहिक शरीर नष्ट करने देता है, और उन लोगों के शरीरों से लाश की दुर्गंध निकलती है। ऐसा उनका उचित प्रतिशोध है। परमेश्वर उन निष्ठाहीन झूठे विश्वासियों, झूठे प्रेरितों और झूठे कार्यकर्ताओं का हर पाप उनकी अभिलेख-पुस्तकों में लिखता है; और फिर जब सही समय आता है, वह उन्हें गंदी आत्माओं के बीच में फेंक देता है, और उन अशुद्ध आत्माओं को इच्छानुसार उनके संपूर्ण शरीरों को दूषित करने देता है, ताकि वे कभी भी पुन: देहधारण न कर सकें और दोबारा कभी भी रोशनी न देख सकें। वे पाखंडी, जो किसी समय सेवा करते हैं, किंतु अंत तक वफ़ादार बने रहने में असमर्थ रहते हैं, परमेश्वर द्वारा दुष्टों में गिने जाते हैं, ताकि वे दुष्टों की संगति में पड़ जाएँ, और उनकी उपद्रवी भीड़ का हिस्सा बन जाएँ; अंत में परमेश्वर उन्हें जड़ से मिटा देगा। परमेश्वर उन लोगों को अलग फेंक देता है और उन पर कोई ध्यान नहीं देता, जो कभी भी मसीह के प्रति वफादार नहीं रहे या जिन्होंने अपने सामर्थ्य का कुछ भी योगदान नहीं किया, और युग बदलने पर वह उन सभी को जड़ से मिटा देगा। वे अब और पृथ्वी पर मौजूद नहीं रहेंगे, परमेश्वर के राज्य का मार्ग तो बिलकुल भी प्राप्त नहीं करेंगे। जो कभी भी परमेश्वर के प्रति ईमानदार नहीं रहे, किंतु उसके साथ बेमन से व्यवहार करने के लिए परिस्थिति द्वारा मजबूर किए जाते हैं, वे परमेश्वर के लोगों की सेवा करने वालों में गिने जाते हैं। ऐसे लोगों की एक छोटी-सी संख्या ही जीवित बचेगी, जबकि बड़ी संख्या उन लोगों के साथ नष्ट हो जाएगी, जिनके द्वारा प्रदान की गई सेवा मानक स्तर की नहीं होती। अंतत: परमेश्वर उन सभी को, जिनका मन परमेश्वर के समान है, अपने लोगों और पुत्रों को, और परमेश्वर द्वारा याजक बनाए जाने के लिए पूर्वनियत लोगों को अपने राज्य में ले आएगा। वे परमेश्वर के कार्य के परिणाम होंगे। जहाँ तक उन लोगों का प्रश्न है, जो परमेश्वर द्वारा निर्धारित किसी भी श्रेणी में नहीं आ सकते, वे अविश्वासियों में गिने जाएँगे—तुम लोग निश्चित रूप से कल्पना कर सकते हो कि उनका क्या परिणाम होगा। मैं तुम सभी लोगों से पहले ही वह कह चुका हूँ, जो मुझे कहना चाहिए; जो मार्ग तुम लोग चुनते हो, वह केवल तुम्हारी पसंद है। तुम लोगों को जो समझना चाहिए, वह यह है : परमेश्वर का कार्य ऐसे किसी शख्स का इंतज़ार नहीं करता, जो उसके साथ कदमताल नहीं कर सकता, और परमेश्वर का धार्मिक स्वभाव किसी भी मनुष्य के प्रति कोई दया नहीं दिखाता।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, मसीह न्याय का कार्य सत्य के साथ करता है

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

परमेश्वर के दैनिक वचन : इंसान की भ्रष्टता का खुलासा | अंश 363

अब तुम सभी लोगों को अपने अंदर यथाशीघ्र पता लगाना चाहिए कि तुम लोगों के अंदर मेरे प्रति कितनी विश्वासघात बाक़ी है। मैं बेसब्री से तुम्हारी...

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें