परमेश्वर के दैनिक वचन : परमेश्वर को जानना | अंश 160

परमेश्वर मनुष्य के साथ जो करता है उससे परमेश्वर की पवित्रता को समझना (चुना हुआ अंश)

परमेश्वर मनुष्य को सुरक्षा की गारंटी देने, और यह गारंटी देने के अतिरिक्त बहुत कुछ करता है कि उन्हें शैतान के द्वारा फाड़ कर खाया नहीं जाएगा; वह किसी को चुनने और उनको बचाने की तैयारी में बहुत सारे कार्य करता है। पहला, तुम्हारे पास किस प्रकार का चरित्र है, किस प्रकार के परिवार में तुम पैदा होगे, तुम्हारे माता-पिता कौन हैं, तुम्हारे कितने भाई और बहन हैं, तुम्हारे परिवार की स्थिति एवं आर्थिक दशा क्या है, तुम्हारे परिवार की परिस्थितियाँ क्या हैं—परमेश्वर के द्वारा तुम्हारे लिए इन सब का प्रबंध कड़ी मेहनत से किया जाता है। जहाँ तक अधिकांश लोगों की बात है, क्या तुम लोग जानते हो कि परमेश्वर के चुने हुए लोग अधिकांशतः किस प्रकार के परिवार में पैदा होते हैं? क्या वे प्रमुख परिवार होते हैं? उनमें से कुछ हो सकते हैं। हम निश्चित रूप से कह नहीं सकते हैं कि कोई भी नहीं होते, परन्तु वे बहुत कम होते हैं। क्या वे असाधारण धन-सम्पत्ति वाले परिवार होते हैं, जैसे कि अरबपति या खरबपति? वे प्रायः कभी इस प्रकार के परिवार नहीं होते हैं। अतः परमेश्वर लोगों के लिए अधिकांशतः किस प्रकार के परिवार की व्यवस्था करता है? (साधारण परिवार।) अतः कौन से परिवार साधारण परिवार होते हैं? वे मुख्य तौर पर काम करने वाले परिवार और कृषक परिवार होते हैं। कर्मचारी जीने के लिए अपने वेतन पर आश्रित होते हैं और आधारभूत आवश्यकताओं को जुटा सकते हैं। वे तुम्हें किसी भी सूरत में भूखा रहने नहीं देंगे, परन्तु तुम यह अपेक्षा नहीं कर सकते कि तुम्हारी सारी भौतिक आवश्यकताओं को पूरा किया जाए। कृषक अपने भोजन के लिए फसल उगाने पर आश्रित होते हैं, उनके पास खाने के लिए अन्न होता है और, चाहे जो भी हो, तुम भूखे नहीं रहोगे, परन्तु तुम्हारे पास बहुत अच्छे कपड़े नहीं हो सकते हैं। फिर कुछ ऐसे परिवार हैं जो व्यवसाय में संलग्न हैं या छोटे व्यवसायों को चलाते हैं, और कुछ मातापिता बुद्धिमान होते हैं, और इन्हें भी साधारण परिवार के रूप में ही गिना जा सकता है। कुछ ऐसे माता पिता भी होते हैं जो ज़्यादा से ज़्यादा कार्यालय के कर्मचारी होते हैं या मामूली सरकारी अधिकारी होते हैं, उन्हें भी प्रमुख परिवारों के रुप में नहीं गिना जा सकता है। अधिकतर लोग साधारण परिवारों में पैदा होते हैं, और इन सब का प्रबंध परमेश्वर के द्वारा किया जाता है। कहने का तात्पर्य है, सबसे पहले तो यह वातावरण जिसमें तुम रहते हो वह पर्याप्त साधनों का परिवार नहीं होता जिसकी तुम कल्पना करते हो, बल्कि यह ऐसा परिवार होता है जिसे परमेश्वर के द्वारा तुम्हारे लिए निर्धारित किया गया है, और अधिकांश लोग इस प्रकार के परिवार की सीमाओं के भीतर जीवन बिताएँगे; हम यहाँ पर अपवादों की चर्चा नहीं करेंगे। अतः सामाजिक रुतबे के विषय में क्या कहें? अधिकांश माता-पिता की आर्थिक स्थितियाँ औसत दर्जे की होती हैं और उनके पास ऊँचा सामाजिक रुतबा नहीं होता है—उनके लिए बस किसी रोजगार का होना ही अच्छा है। क्या कोई ऐसे होते हैं जो राज्यपाल हों? क्या कोई ऐसे होते हैं जो राष्ट्रपति हों? (नहीं।) ज़्यादा से ज़्यादा वे ऐसे लोग होते हैं जैसे छोटे व्यवसाय के प्रबंधक या छोटे-मोटे मालिक, जो औसत सामाजिक रुतबे के होते हैं, जो औसत आर्थिक स्थितियों में रहते हैं। अन्य कारक परिवार के जीवन यापन का वातावरण है। सबसे पहले, ऐसे कोई माता-पिता नहीं होते जो स्पष्ट रूप से अपने बच्चों को भविष्यवाणी और भावी कथन के पथ पर चलने के लिए प्रभावित करते हों; ऐसे भी बहुत ही कम होते हैं। अधिकांश माता-पिता बहुत ही सामान्य होते हैं और तुम लोगों के समान ही होते हैं। परमेश्वर ठीक उसी समय लोगों के लिए इस प्रकार के वातावरण को निर्धारित करता है जब वह उन्हें चुनता है, और यह लोगों को बचाने के उसके कार्य के लिए अत्यंत लाभदायक होता है। बाहरी तौर पर, ऐसा प्रतीत होता है कि परमेश्वर ने मनुष्य के लिए ऐसा कुछ नहीं किया है जो पृथ्वी को हिला दे; वह बस सब-कुछ गुप्त रीति से, विनम्रता से और खामोशी से करता है। परन्तु वास्तव में, वह सब जो परमेश्वर करता है तुम्हारे उद्धार हेतु एक नींव डालने के लिए, आगे के मार्ग को तैयार करने के लिए और तुम्हारे उद्धार के लिए सभी आवश्यक स्थितियों को तैयार करने के लिए करता है। तत्काल ही प्रत्येक व्यक्ति के निर्दिष्ट समय पर, परमेश्वर उन्हें वापस अपने सामने लाता है—जब परमेश्वर की आवाज़ सुनने के लिए तुम्हारा समय आता है, तब यह वह समय होता है जब तुम उसके सामने आते हो। उस समय जब यह घटित होता है, कुछ लोग तो पहले ही स्वयं माता-पिता बन चुके होते हैं, जबकि अन्य लोग तो सिर्फ किसी के बच्चे होते हैं। दूसरे शब्दों में, कुछ लोगों ने विवाह कर लिया होता है और उनके बच्चे हो जाते हैं जबकि अन्य लोग अभी भी अकेले ही होते हैं, उन्होंने अभी तक अपने परिवार शुरू नहीं किये होते हैं। परन्तु लोगों की स्थितियों की परवाह किए बगैर, परमेश्वर ने पहले से ही समय को निर्धारित कर दिया है जब तुम्हें चुना जाएगा और जब उसका सुसमाचार और वचन तुम तक पहुँचेगा। परमेश्वर ने परिस्थितियों को निर्धारित किया है, किसी व्यक्ति या किसी सन्दर्भ को निर्धारित किया है जिसके माध्यम से तुम तक सुसमाचार पहुँचाया जाएगा, ताकि तुम परमेश्वर के वचन को सुन सको। परमेश्वर ने तुम्हारे लिए पहले से ही सभी आवश्यक परिस्थितियों को तैयार कर लिया है ताकि, अनजाने में, तुम उसके सामने आ जाओ और परमेश्वर के परिवार में वापस लौट जाओ। तुम भी अनजाने में परमेश्वर का अनुसरण करते हो और उसके कदम दर कदम कार्य में प्रवेश करते हो, परमेश्वर के कार्य करने के तरीके में प्रवेश करते हो जिसे उसने तुम्हारे लिए कदम दर कदम तैयार किया है। सभी कार्यों में सबसे छोटा कार्य जिसे परमेश्वर करता है और जिसे इस समय मनुष्य को देता है वह सर्वप्रथम वह देखभाल एवं सुरक्षा है जिसका मनुष्य लाभ उठाता है, और यह वास्तव में सच्चा है। अतः परमेश्वर किस प्रकार के तरीकों का इस्तेमाल करता है? परमेश्वर विभिन्न लोगों, घटनाओं, एवं चीज़ों को व्यवस्थित करता है ताकि मनुष्य उनमें परमेश्वर के अस्तित्व एवं कार्यों को देख सके। उदाहरण के लिए, कुछ ऐसे लोग होते हैं जो परमेश्वर पर विश्वास करते हैं क्योंकि उनके परिवार में कोई बीमार है, और वे कहते हैं "मेरे परिवार का एक सदस्य बीमार है, मैं क्या करूं?" तब कुछ लोग कहते हैं "यीशु में विश्वास करो!" अतः वे परमेश्वर पर विश्वास करना प्रारम्भ कर देते हैं, और परमेश्वर में यह विश्वास परिस्थिति के कारण आया है। अतः किसने इस परिस्थिति का निर्माण किया है? (परमेश्वर ने।) उस परिस्थिति के माध्यम से वे परमेश्वर की ओर फिरते हैं। कुछ इस तरह के परिवार होते हैं जहाँ सभी विश्वासी होते हैं, बच्चे और बूढ़े, जबकि कुछ ऐसे भी परिवार होते हैं जहाँ विश्वास व्यक्तिगत होता है। अतः तुम मुझे बताओ, उस विश्वासी ने परमेश्वर से क्या प्राप्त किया है? जाहिर तौर पर बीमारी आई है, परन्तु वास्तव में यह एक परिस्थिति है जिसका निमाण इसलिए किया गया है ताकि वह परमेश्वर के सामने आए—यह परमेश्वर की कृपा है। क्योंकि कुछ लोगों का पारिवारिक जीवन कठिन होता है और वे कोई शान्ति नहीं पा सकते हैं, एक अनपेक्षित अवसर साथ में आता है जहाँ कोई सुसमाचार देगा और कहेगा "तुम्हारे परिवार के लिए यह कठिन समय है। यीशु में विश्वास करो। यीशु में विश्वास करो। और तुम्हें शान्ति मिलेगी।" अवचेतन रूप से, तब यह व्यक्ति अत्यंत स्वाभाविक परिस्थितियों के अंतर्गत परमेश्वर में विश्वास करने लगता है, अतः क्या यह एक प्रकार की परिस्थिति नहीं है? (है।) और क्या उसके परिवार को ऐसे अनुग्रह से शान्ति नहीं मिलती है जिसे परमेश्वर के द्वारा प्रदान किया गया है? (मिलती है।) अच्छा, यहाँ पर कुछ ऐसे लोग भी हैं जो कुछ अन्य कारणों से परमेश्वर पर विश्वास करने लगते हैं, परन्तु इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि कौन-सा कारण तुम्हारे अंदर उसके प्रति विश्वास पैदा करता है, इन सबका प्रबंध एवं मार्गदर्शन वास्तव में बिना किसी सन्देह के परमेश्वर के द्वारा किया जाता है। पहले तो परमेश्वर ने तुम्हें चुनने के लिए और तुम्हें अपने परिवार में लाने के लिए विभिन्न तरीकों का प्रयोग किया। यह पहला कार्य है जिसे वह करता है और यह एक अनुग्रह है जिसे वह हर एक व्यक्ति को देता है।

—वचन, खंड 2, परमेश्वर को जानने के बारे में, स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VI

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