महान क्लेश के माध्यम से, मैंने बड़े लाभ प्राप्त किए हैं

14 सितम्बर, 2019

रोंगुआंग झेंगझाउ सिटी, हेनान प्रांत

सर्वशक्तिमान परमेश्वर का अनुसरण करने के बाद, मुझे जेल में डाल दिया गया था क्योंकि मैं परमेश्वर पर विश्वास करती थी। उस समय मैं एक विश्वास में नयी थी और परमेश्वर ने मुझे ताक़त दी थी ताकि मैं अपनी गवाही में अडिग रह सकूँ। हालाँकि, मैं यह ग़लत विश्वास करती थी कि मेरे पास कद-काठी है; मैं सोचती थी कि मुझमें परमेश्वर के लिए बहुत अधिक विश्वास, प्रेम और वफ़ादारी है, इसलिए मैं न्याय और ताड़ना के परमेश्वर के वचनों को खाने और पीने पर विशेष ध्यान नहीं देती थी। यद्यपि मैं पढ़ती थी, फिर भी जिस वचन के द्वारा परमेश्वर मनुष्य को उजागर करता है, मैं उसकी अन्य लोगों के साथ तुलना करती थी और अपने आप को परमेश्वर के न्याय करने वाले वचनों से अलग रखती थी। मैं केवल परमेश्वर द्वारा प्रकट किये गये रहस्यों को, भविष्यवाणियों को और साथ ही आशीषों को प्राप्त करने से संबंधित वचनों को पढ़ने की इच्छुक थी; ये वे वचन हैं जिनमें मुझे सबसे अधिक रुचि थी। मैंने परमेश्वर के वचन पढ़े: "अपने विभिन्न कार्यों और गवाहियों के आधार पर राज्य के भीतर विजेता लोग याजकों और अनुयायियों के रूप में सेवा करेंगे, और जो क्लेश के बीच विजेता होंगे, वे राज्य के भीतर याजकों का एक निकाय बन जाएँगे। ... याजकों के निकाय में महायाजक और याजक होंगे, और शेष लोग परमेश्वर के पुत्र और उसके लोग होंगे। यह सब क्लेश के दौरान परमेश्वर के प्रति उनकी गवाहियों से निर्धारित होता है, ये ऐसी उपाधियाँ नहीं हैं जो सनक के आधार पर दी जाती हैं" (वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का अभ्यास)। "क्लेश का समय बहुत अधिक लंबा नहीं होगा—यह एक वर्ष का भी नहीं होगा। यदि यह एक वर्ष जितना हो तो यह कार्य के अगले चरण में विलंब कर देगा, और लोगों की क्षमता अपर्याप्त होगी। यदि यह बहुत अधिक लंबा हो तो वे इसको सहन नहीं कर पाएँगे—उनकी क्षमता की अपनी सीमितताएँ हैं" (वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, अपने मार्ग के अंतिम दौर में तुम्हें कैसे चलना चाहिए)। मैं सोचती थी: राज्य में पद का निर्धारण इस आधार पर किया जाएगा कि लोग क्लेश के दौरान गवाही कैसे देते हैं; ये गवाहियाँ किसी के भाग्य को प्रभावित कर सकती थीं। जब क्लेश मेरे ऊपर आएगा, तो मुझे उसे स्वीकार करते हुए पर्याप्त ऊर्जा लगानी पड़ेगी, और मैं निश्चित रूप से एक सुंदर गवाही दूँगी। इस तरह मैं महान आशीषों को प्राप्त करने में सक्षम हो जाऊँगी; इसके अलावा, क्लेश बहुत लंबे समय तक नहीं रहेगा—यह एक वर्ष से कम समय तक रहेगा। चाहे कुछ भी हो जाये, मैं इस कठिनाई की अवधि को सहन करने में समर्थ हो जाऊँगी। आशीषों को प्राप्त करने के विचारों द्वारा हावी हो कर, मैंने युद्ध हेतु तैयार होने के लिए अपना मन बना लिया; मैं सोचती थी कि अपने "विश्वास" और "इच्छाशक्ति" पर भरोसा करके, मैं क्लेश में एक विजेता बनने में समर्थ हो जाऊँगी।

लोगों को बचाने का परमेश्वर का कार्य बहुत आश्चर्यजनक और बहुत बुद्धिमत्तापूर्ण है। 1996 में, हम सभी ने परमेश्वर की व्यवस्था के माध्यम से महान क्लेश में प्रवेश किया। किन्तु जब हम पर क्लेश आया, किसी को भी इसके बारे में पता नहीं था; सब कुछ इतने स्वाभाविक ढंग से हुआ, कि क्लेश के दौरान एक अवसरवादी होने का मेरा वास्तविक स्वरूप और मेरी शर्मनाक स्थिति प्रकाश में आयी।

जून और जुलाई 1996 में, मैं देश के दूसरे हिस्से में अपना लेखन सम्बन्धी कर्तव्य पूरा कर रही थी। एक दिन, उस इलाके के अगुआ ने आ कर हमें बताया कि हाल की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है और अमुक बहन बड़े लाल अजगर के द्वारा गिरफ्तार कर ली गई है। जब हमने इस बारे में सुना तो हम इस बहन के लिए प्रार्थना करना चाहते थे, हमने किसी और चीज़ के बारे में नहीं सोचा, क्योंकि हम सभी जानते थे कि चीन में, जो कि ऐसा देश है जहाँ परमेश्वर को इस तरह से सताया जाता है; वहाँ परमेश्वर पर विश्वास करने के लिए लोगों की गिरफ्तारी एक आम घटना थी। किन्तु, ज़्यादा दिन नहीं बीते थे कि हमने सुना कि कुछ और भाई-बहनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। कुछ और दिनों के बाद, हमने सुना कि एक दर्जन के लगभग को गिरफ्तार किया गया है, और कई जाने-माने विश्वासियों को, जो परमेश्वर के परिवार में अगुवों के रूप में सेवा कर रहे थे, गोपनीय ढंग से वांछित के रूप में सूचीबद्ध कर दिया गया है। इनमें कुछ ऐसे भी थे जिनकी गिरफ्तारी के लिए इनाम थे। स्थानीय अगुआ भी बड़े लाल अजगर की काली सूची में थे। मुझे महसूस हुआ कि हालात अच्छे नहीं हैं: ऐसा लगता था कि बड़ा लाल अजगर विश्वासियों को एक ही झपट्टे में नष्ट करने का प्रयास कर रहा है। हमने उस वातावरण में एक तरह का आतंक महसूस किया जिसमें हम घिरे हुए थे; हमें नहीं पता था कि इस तरह की स्थिति में क्या किया जाए; हम अपने ऊपर के व्यक्ति से संपर्क करना और उससे पूछना चाहते थे कि कैसे आगे बढ़ना है, किन्तु हम उससे संपर्क नहीं पाए। बाद में मुझे पता चला कि क्लेश एक महीने पहले शुरू हो चुका था। किन्तु उस समय हम आत्मा में सुन्न थे और हमने बेबुनियाद अनुमान लगाने और परमेश्वर के कार्य को परिभाषित करने का साहस नहीं किया। इसलिए हमें नहीं पता था कि यही बड़ा क्लेश था। हम अपने समीप बढ़ते हुए बड़े लाल अजगर के काले हाथ को ही महसूस कर सकते थे और हम वस्तुनिष्ठ कारणों से अपने कार्य में प्रगति नहीं कर सके। इस तरह की दुर्दशा का सामना करने में, हम इस बात से थोड़ा अवगत हो गए कि कार्य को परमेश्वर के हाथ से बाधित किया गया था; परमेश्वर हमारी अगुआई कर रहा था कि हम कार्य को रोक दें, अपने आप को छिपा लें और अपने गृहदेश वापस लौटने में कोई समय नहीं खोयें। इस तरह से हम सुरक्षित हो जाएँगे। परिणामस्वरूप, हमें तितर-बितर होने और अपने गृहदेश लौटने के लिए बाध्य किया गया।

मुझे घर आये हुए केवल एक हफ्ता ही हुआ था, जब एक बहन आई और उसने मुझे एक पत्र दिया, जिसमें कहा गया था कि हमारी कलीसिया के एक भाई को गिरफ्तार कर लिया गया है, और मुझे तुरंत घर छोड़ना होगा। इस समय मैं एक ऐसे हिरण जैसी थी जिस पर हेडलाईट चमक रही थी; मुझमें थोड़ा भी विश्वास नहीं था और मेरे हृदय में केवल एक ही विचार था: जल्दी से छुप जाऊँ और बड़े लाल अजगर को स्वयं को पकड़ने न दूँ; बड़ा लाल अजगर बहुत निंदनीय और क्रूर है, विश्वासियों को बर्बाद करने के लिए जिन क्रूरतापूर्ण तरीकों का यह उपयोग करता है वे निष्ठुर हैं। यदि मैं दानव के हाथों में पड़ जाती हूँ, तो परिणाम अकल्पनीय होंगे। इसके बाद, एक बहन ने मुझे खनिकों के लिए खाना पकाने के लिए पहाड़ों सेमेरा परिचय कराया। मैं वहाँ दो बहनों के साथ थी और हम परमेश्वर के वचनों को खाने और पीने के लिए, संगति करने और भजन गाने के लिए उस समय का फायदा उठाते थे जब आसपास कोई नहीं होता था। क्योंकि हमें परमेश्वर के वचनों की आपूर्ति थी, इसलिए प्रत्येक दिन बहुत समृद्ध बनाने वाला होता था। हालाँकि, एक महीने से भी कम समय में, उस क्षेत्र में पुलिस आ गई और मेरे पास शीघ्रता से छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। इसके बाद मैं कार्य करने के लिए एक अन्य रेस्तराँ में आई। वहाँ जिस किसी के भी संपर्क में मैं आई वे सभी अविश्वासी थेऔर मेरे और उनके बीच कोई समान भाषा नहीं थी; और तो और, मेरे पास इस प्रकार के वातावरण में परमेश्वर का वचन भी नहीं था, और संगति करने के लिए भी कोई नहीं था, बात इस हद तक गम्भीर थी कि उचित प्रार्थना अर्पण करना भी मुश्किल था। मैंने अकेलापन और उजाड़ महसूस किया और मेरा हृदय शिकायत किये बिना न रह सका। मैं परमेश्वर के साथ विश्वासघात भी करना चाहती थी: "परमेश्वर में विश्वास करना वास्तव में आसान नहीं है, मैं पूरे दिन घबराई रहती हूँ; मैं एक ऐसी दुनिया में भटक रही हूँ जिसमें न्याय का अभाव है; ये दिन कब खत्म होंगे? यदि मैं परमेश्वर पर विश्वास नहीं करती, अविश्वासियों की तरह एक आसान और स्थिर जीवन शैली जी रही होती, तो क्या यह अद्भुत नहीं होता?" भले ही मेरे हृदय ने इस तरह से सोचा था, किन्तु मुझे डर लगा और परमेश्वर को छोड़ने का साहस नहीं हुआ; मुझे ऐसा भी लगा कि मैं परमेश्वर को छोड़ नहीं सकती हूँ, परमेश्वर को छोड़ने का विचार ही मुझमें दर्द उत्पन्न करता था। फिर भी चूँकि मैं अतीत में परमेश्वर के वचनों को पढ़ना पसंद नहीं करती थी, सत्य की खोज नहीं करती थी, और केवल आशीषों को प्राप्त करने के लिए अपने कर्तव्यों को पूरा करती थी, इसलिए, जिस क्षण मैंने परमेश्वर के वचन की किताबों को छोड़ा, मेरे हृदय में परमेश्वर के वचन की एक भी पंक्ति नहीं रही। जीवन के परमेश्वर के वचनों के सहारे के बिना, मैं केवल एक मूर्ख की तरह थी जो अपनी बुद्धिखो चुकी है। मुझे नहीं पता था कि स्वयं के साथ क्या करूँ या किसका अनुसरण करूँ। मैं बस निराशा में प्रत्येक दिन संघर्ष करती थी। परमेश्वर की इच्छा क्या थी? उसने मेरे लिए यह व्यवस्था क्यों की? मैं कैसे परमेश्वर का अभ्यास और उसे संतुष्ट कर सकती हूँ? मेरे पास इस पर विचार करने की ताक़त नहीं थी, मैं केवल अपनी कठिनाइयों के बारे में सोचती थी। उस समय, परमेश्वर की सर्वशक्तिमत्ता और सर्वज्ञता में, परमेश्वर के सार्वभौमिक प्रभुत्व में, मेरा विश्वास पूरा खो चुका था। बात इस हद तक जा चुकी थी कि जब एक बहन मुझे कुछ भाईयों और बहनों से मिलने जाने के लिए आमंत्रित करने के लिए आई, तो मैंने मना कर दिया, क्योंकि मेरा हृदय भयभीत और कायर था। मेरे पास विश्वास या ताक़त नहीं थी, मैं केवल अपने दिमाग और विचारों पर भरोसा करती थी, यह सोचती थी कि हांगकांग की चीन में वापसी से पहले वातावरण बेहतर नहीं होगा। इस अवधि के दौरान, बड़ा लाल अजगर ईमानदारी से परमेश्वर पर विश्वास करने वाले हर एक को पागलपन से कुचल देगा और समाप्त कर देगा। चूँकि, हांगकांग की वापसी में एक लंबा समय लगेगा, इसलिए मुझे निश्चित रूप से अपने आप की अच्छी तरह से रक्षा करनी चाहिए। रेस्तराँ में कार्य करने के ढाई महीने के दौरान, मेरा हृदय परमेश्वर से अधिकाधिक दूर हो गया था, लगभग इस हद तक कि मैं केवल परमेश्वर के नाम को स्वीकार करती थी, किन्तु परमेश्वर मेरे हृदय में नहीं था। मेरा हृदय प्रायः इन्द्रिय सुखों के प्रति आकर्षित होता था; मैं परमेश्वर से दूर भाग जाना और अविश्वासियों का जीवन जीना चाहती थी। लेकिन, अगले कुछ दिनों में, मैं विशेष रूप से परमेश्वर को और भाईयों और बहनों की कमी महसूस करती थी; मैं कलीसिया के अपने पूर्व जीवन को याद करती थी। अकेले होने पर, मैं हमेशा रोये बिना नहीं रह पाती थी। मेरा हृदय दुःखी था: हे परमेश्वर, सारा दिन मैं अविश्वासियों के साथ होती हूँ; यदि मैं कार्य नहीं कर रही होती हूँ, तो मैं खा रही होती हूँ या उबाऊ बातचीत कर रही होती हूँ। मेरे हृदय के खालीपन और दर्द को केवल तू ही जानता है। हे परमेश्वर, यह लंबी रात कब गुज़रेगी? हम कब परमेश्वर पर विश्वास करने के लिए स्वतंत्र होंगे, जैसे कि अतीत में, जब हम तेरे स्नेही परिवार में रहते थे? मेरा हृदय ऐसे उत्पीड़ित हो रहा था जैसे इसमें झाड़-पतवार बहुतायत से उग रही हो, मैं अब और वहाँ नहीं रह सकती थी। संयोग से बसंत महोत्सव नजदीक आ रहा था और मैंने अवसर का फायदा उठाया और अपनी नौकरी छोड़ दी और शीघ्रता से अपने भाईयों और बहनों के पास लौट गयी। इसके बाद मुझे एहसास हो गया कि सिर्फ मैं नहीं थी जिसे ऐसे विचार आए थे; कई भाई और बहन, जो अन्य क्षेत्रों में भाग जाने से बड़े लाल अजगर द्वारा गिरफ्तार किए जाने से बच गए थे, उन्होंने भी ऐसी ही बात का अनुभव किया था। वे सभी घर लौट आए थे क्योंकि वे एक सी बात सोच रहे थे। यह पवित्र आत्मा का चमत्कारी मार्गदर्शन था।

मेरे घर लौट आने के कुछ दिनों बाद, एक बहन मुझे कलीसिया की सभा के बारे में सूचित करने के लिए आयी। जब मैंने बहन को यह कहते सुना कि क्लेश खत्म हो गया है, सब कुछ वापस सामान्य हो गया है, और मैं जाकर अपने पूर्व कर्तव्य को पूरा कर सकती हूँ, तो मुझे इसे समझने में एक पल लगा: "क्या? क्लेश खत्म हो गया है? क्या यह क्लेश था? अभी भी हांगकांग की चीन में वापसी में कुछ महीने बाकी हैं। क्लेश कैसे खत्म हो सकता था? यह वह नहीं है जिसकी मैंने अपेक्षा की थी! इस पूरे समय हम जिन चीजों को अनुभव करते रहे थे, वे क्लेश थे, मेरा तो काम खत्म समझो! क्लेश के दौरान मैंने क्या प्रकट किया? डरपोक और भयभीत होने के अलावा, मैंने शिकायत की, भाग गयी और विश्वासघात किया। मेरे पास विश्वास के कोई अंश नहीं थे, वफादारी और प्रेम का तो ज़िक्र ही मत करो। इस बार परमेश्वर ने मेरे कार्य की परीक्षा ली है और मैं पूरी तरह असफल रही हूँ।" हृदय में सभी तरह की भावनाओं के साथ मेरा सिर निराशा से लटक गया। इस बार मैं वह समझने में सक्षम थी जो परमेश्वर ने क्लेश शुरू होने से पहले कहा था: "जब मेरा अपना कार्य समाप्त हो जाएगा, तो अगला चरण लोगों के लिए उस मार्ग पर चलना होगा जिसमें उन्हें चलना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति को यह समझना आवश्यक है कि उन्हें किस मार्ग पर चलना चाहिए—यह दुःख सहने का मार्ग है और दुःख सहने की प्रक्रिया है, और यह परमेश्वर से प्रेम करने की तुम्हारी इच्छा को शुद्ध करने का भी मार्ग है। कौनसे सत्यों में तुम्हें प्रवेश करना है, किन सत्यों को तुम्हें जोड़ना है, तुम्हें कैसे अनुभव करना है, और किस सत्य से तुम्हें प्रवेश करना है—तुम्हें ये सब बातें समझनी आवश्यक हैं। तुम्हें अभी अपने आपको लैस करना है। यदि तुम तब तक प्रतीक्षा करते हो जब क्लेश तुम पर आ पड़ता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होगी" (वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, अपने मार्ग के अंतिम दौर में तुम्हें कैसे चलना चाहिए)। यह दुःखद सबक मुझसे कहता है: यदि लोगों के पास सत्य नहीं है और यदि वे अपनी अभिलाषाओं पर भरोसा करते हैं तो वे क्लेश में गवाही नहीं दे सकते हैं। जो लोग परमेश्वर के कार्य में सत्य के बिना रहते हैं, वे निश्चित रूप से पूरी तरह से प्रकट कर दिए जाएँगे; वे अपने आप को जरा सा भी छुपाने में या और ढोंग करने में समर्थ नहीं हो पाएँगे। सत्य के बिना, आप रेत की नींव पर खड़े हैं, जो कि थोड़ी सी भी परीक्षा का सामना नहीं करेगी। केवल सत्य के साथ ही आप चीज़ों को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं, विश्वास और ताक़त प्राप्त कर सकते हैं, शैतान पर विजय प्राप्त करने में समर्थ हो सकते हैं और परमेश्वर को संतुष्ट करने और परमेश्वर के लिए गवाही देने के लिए सत्य को व्यवहार में लाने में सक्षम हो सकते हैं। मुझे वास्तव में अपने आप से नफ़रत हुई: परमेश्वर बहुत समय पहले ही धैर्य के साथ हमें इन चीजों के बारे में बता चुका है, मुझे इस पर विश्वास क्यों नहीं हुआ, मैंने इसे गंभीरता से क्यों नहीं लिया? कुछ भी वापस नहीं लिया जा सकता है; आगे मार्ग पर मेहनत से सत्य की तलाश करने के अलावा और अन्य कोई विकल्प नहीं है।

जब हमारी सभा समाप्त हुई, तो मैंने एक बहन को कुछ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की आंतरिक खबर को बताते हुए सुना: बड़ा लाल अजगर अभी भी आक्रामक रूप से विश्वासियों को गिरफ्तार करता फिर रहा है और यह और भी अधिक तीव्र हो रहा है। जब मैंने यह सुना, तो थोड़े से विश्वास वाला मेरा हृदय पुनः फुसफुसाया: आसपास ऐसा तनाव है और भाई-बहन सभी अपने कर्तव्यों को पूरा कर रहे हैं। क्या यह ठीक है? किन्तु इस तथ्य ने मुझे यह देखने की इजाजत दी: यद्यपि हालात तनावपूर्ण हैं, किन्तु हम उतने भयभीत नहीं हैं जितने क्लेश के दौरान थे; जब हम अपने कर्तव्यों को पूरा करते हैं, तो हमारे हृदय विशेष रूप से स्थिर और शांतिपूर्ण हो जाते हैं मानो कि हर कोई उस खबर को भूल गया जो उस बहन ने हमें बताया था। पवित्र आत्मा भी कलीसिया में एक बहुत बड़ा कार्य कर रहा है; हर देश में सुसमाचार के विस्तारण के भव्य अवसर को आने में ज़्यादा समय नहीं लगेगा। हमारा कार्य बढ़ता जा रहा है और हर कर्तव्य को निर्बाध ढंग से किया जा रहा है। लगभग सभी भाई-बहन अपने कर्तव्यों को अपने-अपने पदों से अपने सर्वोत्तम प्रयासों के साथ पूरा कर रहे हैं। यह दृश्य बड़े लाल अजगर की नाक के ठीक नीचे पूरे ज़ोरों पर प्रगति कर रहा है, किन्तु कार्य के इतनी ज़ोर-शोर से विस्तार करने के साथ, कोई बड़ी गिरफ़्तारियाँ नहीं हुई हैं जैसी महान क्लेशों के बीच हुई थीं। इन तथ्यों ने मुझे एक सत्य को सचमुच स्पष्ट रूप से देखने दिया: वास्तव में, बड़ा लाल अजगर हमेशा परमेश्वर का विरोध करने, परमेश्वर का उत्पीड़न करने और परमेश्वर के चुने हुए लोगों के साथ ज़बरदस्ती करने के लिए कार्य कर रहा है; वह कभी नहीं रुका है और परमेश्वर और उसके चुने हुए लोगों की हत्या करना चाहता है। कभी-कभी उसके हाथों में जो कसाई का चाकू है, वो हम पर नहीं गिरता, क्योंकि परमेश्वर हमारी निगरानी कर रहा है और हमें बचा रहा है। कभी-कभी हम उसके मारने के इरादे को भी नहीं समझते हैं, और यह परमेश्वर है जो हमें आश्रय देने के लिए अपने महान सामर्थ्य का उपयोग कर रहा है, ऐसा नहीं है कि बड़े लाल अजगर ने अपने कसाई के चाकू को नीचे रख दिया है और अपने उत्पीड़न को बंद कर दिया है। बड़े लाल अजगर ने कभी भी अपने कसाई के चाकू को नीचे नहीं रखा है, वह इसे कभी भी नीचे नहीं रखेगा; यह अंत तक परमेश्वर का विरोध करना चाहता है और जितना यह अंत के करीब आता है, यह उतना ही अधिक उन्मत्त हो जाता है, क्योंकि बड़ा लाल अजगर शैतान, दुष्ट आत्मा है। वह जानता है कि वह महिमामय दिन जब परमेश्वर उद्धार के अपने कार्य को पूरा करता है, उसका अंतिम दिन है। इसलिए, मृत्यु जितना निकट आती है, यह उतना ही अधिक संघर्ष करता है। हालाँकि, चाहे जो हो जाए, परमेश्वर का कार्य बड़े लाल अजगर का विषमता के रूप में उपयोग करता है, यह परमेश्वर के हाथों में एक सेवा करने वाली वस्तु है, यह परमेश्वर के चुने हुए लोगों की परीक्षा लेने के लिए एक उपकरण है। परमेश्वर की अनुमति के बिना, इसकी क्रूरता परमेश्वर के कार्य को नहीं रोक सकती है, परमेश्वर के चुने हुए लोगों पर इसका कोई अधिकार नहीं है। जब परमेश्वर इसे शिकार करने की अनुमति नहीं देता है, तो परमेश्वर के चुने हुए लोग उसकी नाक के नीचे होंगे लेकिन यह उन्हें पकड़ने में समर्थ नहीं होगा। इसके पास परमेश्वर की दया पर होने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। बिल्कुल वैसे ही जैसे परमेश्वर का वचन कहता है: "जब मैं औपचारिक रूप से अपना कार्य शुरू करता हूँ, तो सभी लोग वैसे ही चलते हैं जैसे मैं चलता हूँ, इस तरह कि समस्त संसार के लोग मेरे साथ कदम मिलाते हुए चलने लगते हैं, संसार भर में 'उल्लास' होता है, और मनुष्य को मेरे द्वारा आगे की ओर प्रेरित किया जाता है। परिणामस्वरूप, स्वयं बड़ा लाल अजगर मेरे द्वारा उन्माद और व्याकुलता की स्थिति में डाल दिया जाता है, और वह मेरा कार्य करता है और अनिच्छुक होने के बावजूद अपनी स्वयं की इच्छाओं का अनुसरण करने में समर्थ नहीं होता, और उसके पास मेरे नियंत्रण में समर्पित होने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहता" (वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के वचन, अध्याय 29)। महान क्लेश में, परमेश्वर ने बड़े लाल अजगर को परमेश्वर के चुने हुए लोगों को उत्पीड़ित करने की अनुमति दी, क्योंकि वह बड़े लाल अजगर का उपयोग करना चाहता था और परमेश्वर के चुने हुए लोगों को लाभ पहुँचाने के लिए इसका उपयोग करना चाहता था ताकि वे स्पष्ट रूप से परमेश्वर के विरुद्ध बड़े लाल अजगर के प्रतिरोध के सार को देखें। यदि परमेश्वर ने हमें उत्पीड़न झेलने की अनुमति नहीं दी होती, तो हम उन वचनों पर सचमुच विश्वास करने में समर्थ नहीं होते जो परमेश्वर ने बड़े लाल अजगर की भ्रष्टता के सार के बारे में प्रकट किए थे; और हम परमेश्वर की विश्वसनीयता के बारे में अवगत नहीं होते। इसलिए, जब उचित होता है, परमेश्वर हमें तथ्यों की सच्चाई देखने की अनुमति देता है। केवल इसी तरह से हम यह देख सकते हैं कि परमेश्वर जो कुछ भी कहता है वह सत्य है, कि बड़ा लाल अजगर वास्तव में परमेश्वर का दुश्मन है, कि यह एक दुष्ट आत्मा है, और कि यह लोगों का वध करता है और लोगों की आत्माओं को निगल जाता है। यदि इन तथ्यों को प्रकट नहीं किया जाता, तो मैं अभी भी उसके द्वारा बेवकूफ बनायी और धोखा दी गई होती; जब उसने कहा, "धर्म की आजादी" और "नागरिकों के कानूनी अधिकार", तो मैं अभी भी उस पर विश्वास करती। आज, मैंने व्यक्तिगत रूप से बड़े लाल अजगर के प्रयासों और उत्पीड़न का अनुभव किया है, मैंने अपनी आँखों से बड़े लाल अजगर द्वारा परमेश्वर के चुने हुए लोगों के वध के नृशंस चेहरे को देखा है। और अब मैं जानती हूँ कि जिस स्वतंत्रता और लोकतंत्र की यह घोषणा करता है वह सब लोगों को धोखा और चकमा देने के लिए छल है। अब मैं स्पष्ट रूप से बड़े लाल अजगर के दुष्ट और निंदनीय राक्षसी सार को देखती हूँ, और मेरा हृदय वास्तव में इससे घृणा करता है। मैंने इसके साथ विश्वासघात करने और अंत तक परमेश्वर का अनुसरण करने के लिए अपना मन बना लिया है।

क्लेश परमेश्वर से आते हैं, और उनके समाप्त होने का समय निश्चित रूप से परमेश्वर के हाथों में है। जब परमेश्वर का कार्य परिणाम पैदा करेगा, तो परमेश्वर निश्चित रूप से समय में विलम्ब नहीं करेगा। बिल्कुल वैसे ही जैसे परमेश्वर ने कहा: "क्लेश का समय बहुत अधिक लंबा नहीं होगा—यह एक वर्ष का भी नहीं होगा। यदि यह एक वर्ष जितना हो तो यह कार्य के अगले चरण में विलंब कर देगा, और लोगों की क्षमता अपर्याप्त होगी। यदि यह बहुत अधिक लंबा हो तो वे इसको सहन नहीं कर पाएँगे—उनकी क्षमता की अपनी सीमितताएँ हैं।" परमेश्वर को हमारी पूरी समझ है, वह हमारी कद-काठियों को जानता है, वह हमारी परिस्थितियों को जानता है, और वह हमारी ज़िंदगी में नुकसान होने की अनुमति देने के लिए तैयार नहीं है। इसलिए, परमेश्वर एक क्षण की भी देरी नहीं करेगा और हम यह सब कुछ सहने में समर्थ हैं। परमेश्वर ने अपने कार्य में हमारे लिए सटीक योजना बनायी है, उसने हर तरीके से हमारे जीवन के बारे में सोचा है; किन्तु मेरे क्लेश में, मैंने जिस चीज़ के बारे में सोचा था वह मेरी अपनी सुरक्षा थी और चाहे मैं कठिनाइयाँ झेल रही थी या नहीं; मैं परमेश्वर के बारे में बिल्कुल नहीं सोचती थी। मैं वास्तव में स्वार्थी और निंदनीय हूँ; मेरे पास तर्कसंगत विवेक नहीं है और मैं परमेश्वर की उपस्थिति में रहने के योग्य नहीं हूँ। मेरे क्लेश में, परमेश्वर ने मेरी वास्तविक कद-काठी को प्रकट किया, जो मुझे अपने बारे में वास्तविक समझ प्राप्त करने का कारण बना। मैंने देखा कि मैं कितनी बुरी, दयनीय और अंधी थी; मैंने देखा था कि मुझमें परमेश्वर के लिए कोई विश्वास या प्रेम नहीं था, बल्कि इस हद तक केवल विद्रोह और प्रतिरोध था कि मैं किसी भी समय और किसी भी स्थान पर विश्वासघात कर देती। इस समय, मैं जिस खतरे में थी, उसे देखने में सक्षम थी, और मैंने सत्य से सुसज्जित होने के महत्व को महसूस किया; तब से मुझे सत्य के लिए प्यास रही है। इस समय मैंने मनुष्य की भ्रष्ट प्रकृति के बारे में परमेश्वर द्वारा प्रकट किए गए वचनों को पढ़ा और महसूस किया कि परमेश्वर का वचन, दोधारी तलवार की तरह मेरी संधियों और मज्जा का भेदन करते हुए और मेरे हृदय की गहराइयों में गंदगी और अन्याय को प्रकट करते हुए, मुझमें जीवंत हो गया। इसके कारण मैं देख पाई कि, मैं दुःखी और करूप थी, शैतान के द्वारा गहराई तक भ्रष्ट की गई थी। मैं स्वयं से घृणा करने लगी और स्वयं को बदलने की इच्छा करती थी; मैं एक वास्तविक व्यक्ति होने की प्यासी थी। मैं महसूस करती थी कि परमेश्वर के न्याय और ताड़ना का कार्य वास्तव में लोगों को शुद्ध कर रहा था और जब तक मैं ईमानदारी से सत्य की खोज करूँगी, तब तक मुझे निश्चित रूप से शुद्ध किया और बचाया जाएगा। पहली बार जब मुझे परमेश्वर के वचनों की अनमोलता और सत्य का महत्व महसूस हुआ, तो मेरा हृदय अंदर से हर्षित हो गया: मैंने अंततः परमेश्वर पर अपने विश्वास में प्रवेश कर लिया है, मैं एक नई शुरुआत की ओर लंबे कदम रख रही हूँ और उद्धार प्राप्त करने की आशा देख सकती हूँ। परिणामस्वरूप, मैंने एक संकल्प लिया: चाहे मेरे आगे कितने ही ऊबड़-खाबड़ मार्ग क्यों न हों, मैं परमेश्वर का अनुसरण करने में हमेशा दृढ़ रहूँगी और जीवन के सही मार्ग पर चलूँगी।

परमेश्वर की अद्भुत व्यवस्थाओं ने अनजाने में क्लेश में प्रवेश करने की और अनजाने में क्लेश में से ऊपर उठने की अनुमति दी। इससे हमने जो फसल काटी वह स्पष्ट और देखने में आसान थी। क्लेश के माध्यम से, हम देख सकते हैं कि परमेश्वर सर्वशक्तिमान और बुद्धिमान है; हम देखते हैं कि बड़ा लाल अजगर अक्षम और मूर्ख है। वह उच्छृंखल और बर्बर है, और इसके पास परमेश्वर के कार्य द्वारा अनिच्छा से आगे-पीछे उछाले जाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है; वह परमेश्वर के हाथों में हमेशा के लिए पराजित रहेगा। बड़ा लाल अजगर क्रूर उत्पीड़न के माध्यम से परमेश्वर के चुने हुए लोगों को डराने और परेशान करने तथा परमेश्वर के कार्य को ढहाने का व्यर्थ प्रयास करता है। वो यह नहीं समझता है कि परमेश्वर इसे परमेश्वर के लोगों को सिद्ध बनाने के लिए उपयोग कर रहा है। यद्यपि बाहर से ऐसा दिखाई देता है कि बड़े लाल अजगर का उत्पीड़न लोगों पर आ गया है, किन्तु वास्तव में, यह सब परमेश्वर के सर्वशक्तिमान हाथ से व्यवस्थित किया जाता है। वह लोगों को तितर-बितर करता है और लोगों को इकट्ठा करता है, वह लोगों को क्लेशों में ले जाता है और लोगों को क्लेशों से बाहर निकालता है; वह लोगों को तब तक सहने की अनुमति देता है जब तक वे जाना नहीं चाहते हैं, किन्तु उसने हमेशा लोगों का समर्थन किया है, लोगों को खींचा है, और लोगों को छोड़ने में समर्थ नहीं होने का कारण बना है। परमेश्वर की इन्हीं अद्भुत व्यवस्थाओं के बीच, लोग बड़े लाल अजगर के कुरूप चेहरे को स्पष्ट रूप से देखने में और अपने हृदय की गहराई से बड़े लाल अजगर को वास्तव में घृणा करने में समर्थ होते हैं। लोग परमेश्वर की महान सामर्थ्य को देखने में और परमेश्वर के प्यार, सर्वशक्तिमत्ता और उसकी बुद्धि का अनुभव करने में भी समर्थ होते हैं। वे परमेश्वर का अनुसरण करने में अधिक दृढ़ और अटल हैं, और अपनी वास्तविक कद-काठी और न्यूनताओं को देख सकते हैं; उनके हृदय में परमेश्वर और सत्य के लिए अधिक प्यास है। परमेश्वर के महान क्लेश को उठाने में बहुत अधिक महत्व है; परमेश्वर के कार्य में बहुत अधिक बुद्धिमत्ता है। कोई इसकी गहराई को नहीं नाप सकता है। मैं परमेश्वर द्वारा आयोजित महान क्लेश में भाग लेने में समर्थ थी; यह वास्तव में परमेश्वर का उत्कर्ष और अतिशय प्रेम था और इस जीवन में मेरे लिए सम्मान की बात थी। हर बार जब मैं इस पर चिंतन करती हूँ तो मैं भावनाओं से अभिभूत हो जाती हूँ और परमेश्वर को अपने हृदय से धन्यवाद देना और उसकी स्तुति करना चाहती हूँ। यदि मुझे क्लेश का अनुभव नहीं हुआ होता, तो मेरे पास आखें बंद करके अनुसरण करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होता, अंत में, अपना भ्रष्ट स्वभाव बदल न पाने और सत्य हासिल न कर पाने के कारण गिर पड़ती और पतन को प्राप्त होती। यदि मुझे क्लेश का अनुभव नहीं हुआ होता, तो मुझे परमेश्वर पर सच्चा विश्वास नहीं होता और परमेश्वर के कार्य की कठिनाई को नहीं समझ पाती और यह भी नहीं कि लोगों को बचाना आसान नहीं था। यदि मुझे क्लेश का अनुभव नहीं हुआ होता, तो मैं बड़े लाल अजगर का असली चेहरा देखने में समर्थ नहीं होती और मुझे इस अंधकारमय समाज के बारे में अभी भी भ्रम होते, मुझे अभी भी इस दुनिया के लिए लगाव होता और एक दृढ़ हृदय से परमेश्वर का अनुसरण करने में समर्थ नहीं होती। यह परमेश्वर का अद्भुत और बुद्धिमान कार्य है जिसने मुझे जीत लिया है; यह परमेश्वर की सर्वशक्तिमत्ता और महान प्रेम है जो मुझे वहाँ ले आया है जहाँ मैं आज हूँ! अब से, इस बात की परवाह किए बिना कि मैं कौन से परीक्षणों और क्लेशों का सामना करूँगी, मैं परमेश्वर का गवाह बनने और परमेश्वर के हृदय को सुख पहुँचाने के लिए, परमेश्वर पर अपने विश्वास और उसके लिए अपने प्रेम पर भरोसा करने के लिए तैयार रहूँगी।

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

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