Praise Song | सृष्टिकर्त्ता की सच्ची भावनाएँ मानवता के लिये (Hindi Subtitles)

19 अप्रैल, 2020

सृष्टिकर्त्ता हर वक्त बीच है इंसान के।

वो हर वक्त बात करता है, इंसान और सृष्टि से।

हर रोज़ नया काम कर रहा है वो।

उसका स्वभाव और सार व्यक्त होते हैं,

व्यक्त होते हैं इंसान के साथ उसके संवाद में।

उसके विचार और ख़्याल प्रकट होते हैं पूरी तरह से।

हाँ, दिखाई देते हैं, वो उसके काम में पूरी तरह से।

नज़र रखता है, साथ रहता है वो हर पल इंसान के,

अपने ख़ामोश वचनों से वो बात करता है

इंसान से और पूरी सृष्टि से।

स्वर्ग में है परमेश्वर अपनी सृष्टि के बीच।

इंतज़ार करता और नज़र रखता है वो।

साथ तुम्हारे है वो।

हाथ स्नेही हैं उसके और सशक्त हैं।

हल्के हैं उसके कदम।

मनोहारी और कोमल है उसकी आवाज़,

उसका रूप पास से गुज़रता है और मुड़ता है,

आगोश में लेता है पूरी इंसानियत को।

सुंदर और सौम्य है उसका चेहरा।

उसने न कभी छोड़ा है, ओझल कभी न हुआ है।

दिन-रात साथ है इंसान के वो।

सतत साथी है इंसान का वो।

समर्पित परवाह, विशेष अनुराग अपना

जो प्रदर्शित करता है वो इंसान के लिये,

अपनी सच्ची चिंता और प्यार इंसान के लिये,

वो सब रोशनी में आए धीरे-धीरे

नीनवे शहर को जब बचाया उसने।

ख़ासकर, यहोवा और योना के संवाद ने,

ज़ाहिर कर दी करुणा की सीमा सृष्टिकर्ता की,

जो वो महसूस करता है अपने रचे इंसान के लिये।

उनके संवाद से जानोगे तुम सच्ची भावनाएँ

परमेश्वर की इंसान के लिये।

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