2020 Hindi Christian Testimony Video | अपना हृदय परमेश्वर को समर्पित करना

26 नवम्बर, 2020

जब मुख्य पात्र कलीसिया के समवेत गान कार्यक्रम में भाग लेती है, तो वह उत्साह से भरी होती है और शुरू-शुरू में रिहर्सल में पूरी शक्ति लगाती है। लेकिन जब उसे पिछली पंक्ति में रखा जाता है जहां से उसे कोई देख नहीं सकता, तो वह कम से कम मेहनत करने लगती है और उसे इस बात का एहसास भी नहीं होता। वह रिहर्सल में बिना रुचि लिए सिर्फ खानापूर्ति करती है। फिल्मांकन समाप्त होने के बाद ही उसे एहसास होता है कि उसने अपने जीवन में प्रवेश के लिए कुछ भी हासिल नहीं किया, तब वह बेचैन हो उठती है और आत्ममंथन करने लगती है। परमेश्वर के वचनों के न्याय के माध्यम से वह अपने भ्रष्ट स्वभाव को कुछ हद तक समझ पाती है, फिर वह अपना कर्तव्य बखूबी निभाने में विफल होने पर पश्चाताप और अपराध-भावना महसूस करती है। कुछ महीनों बाद, उन्हें कुछ अधिक फिल्मांकन करने की आवश्यकता हुई। इस बार वह कैसे रिहर्सल करती है? अंत में उसे क्या हासिल होता है?

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परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

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