221  क्या परमेश्वर के वचन सचमुच तुम्हारा जीवन बन गए हैं?

इंसान कहे वह ईश्वर को अपना जीवन बनाये,

मगर उसे अभी इसका अनुभव करना बाकी है।


1

वो सिर्फ़ कहता है, ईश्वर उसका जीवन है,

उसे हर दिन राह दिखाता है,

वो हर दिन उसके वचन पढ़े, प्रार्थना करे,

इस तरह ईश्वर उसका जीवन बन गया है।

इंसान का ज्ञान बहुत उथला है।

बहुत से लोग आधारहीन हैं; उनमें ईश-वचन रोपे गए हैं,

मगर अभी अंकुरित नहीं हुए, फल नहीं लगे हैं।

एक हद तक अनुभव कर लेने पर,

तुम्हें मजबूर किया जाए, तो भी तुम छोड़ नहीं सकते।

तुम्हें लगेगा सदा अपने अंतर में ईश्वर बिन तुम रह नहीं सकते।


2

ईश्वर बिन रहना जैसे अपना जीवन खोना। ईश्वर बिन तुम रह नहीं पाते।

इस हद तक अनुभव कर लेने पर, ईश्वर में तुम्हारा विश्वास सफल हो जाएगा।

इस तरह ईश्वर तुम्हारा जीवन बन जाएगा तुम्हारे अस्तित्व का आधार बन जाएगा,

फिर कभी ईश्वर से तुम जुदा न हो पाओगे।

इस मुकाम पर तुम सचमुच ईश-प्रेम का आनंद लोगे,

ईश्वर से तुम्हारा रिश्ता मज़बूत होगा,

ईश्वर तुम्हारा जीवन और प्रेम होगा।

यही इंसान का सच्चा कद है, यही असली जीवन है।


ईश्वर तुम्हारा जीवन है, इसका अनुभव करो,

इस तरह कि अगर ईश्वर तुम्हारे दिल से चला जाए,

तो लगे तुमने अपना जीवन गँवा दिया।

ईश्वर तुम्हारा जीवन है, उसे छोड़ न सको तुम।

इस तरह सचमुच ईश्वर का अनुभव करते हो तुम।

इस समय, जब फिर से चाहोगे ईश्वर को तुम,

तो उसे सचमुच प्रेम कर पाओगे तुम।

ये एकमात्र, निर्मल प्रेम होगा।

जब अनुभव एक हद तक पहुँचे,

जब तुम प्रार्थना करो, ईश-वचनों को खाओ-पियो,

तो तुम्हारा दिल ईश्वर को छोड़ न पाए, तुम्हारा दिल उसे भूल न पाए।


3

वो तुम्हारा जीवन बन चुका होगा।

भुला सकते हो दुनिया, जीवनसाथी, बच्चों को तुम;

मगर ईश्वर को न भुला पाओगे तुम।

यही तुम्हारा सच्चा जीवन, ईश्वर के लिए प्रेम होगा।

जब इंसान का ईश-प्रेम एक मुकाम पर पहुँच जाये,

तो उसके ईश्वर-प्रेम की तुलना किसी से न हो पाए।

इस तरह वो सबकुछ त्याग पाए,

और ईश्वर के व्यवहार को स्वीकार कर पाए।

जब ईश्वर के लिए तुम्हारा प्रेम हर चीज़ के परे चला जाए,

तब तुम वास्तविकता में जिओगे, अपने लिए ईश्वर के प्रेम में जिओगे।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परमेश्वर से प्रेम करने वाले लोग सदैव उसके प्रकाश के भीतर रहेंगे से रूपांतरित

पिछला: 220  सच्चाई से जी कर ही तू दे सकता है गवाही

अगला: 222  बहुत प्यारी है परमेश्वर की विनम्रता

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

610  मानवता में परमेश्वर के कार्य का तरीक़ा और सिद्धांत

1जब परमेश्वर देहधारी न था, तो उसके वचन इंसान समझ न पाता था,क्योंकि उसकी दिव्यता से आये थे वचन।न समझ पाता था वो उनका प्रसंग या दृष्टिकोण।वे...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 6) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 7) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 8) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 9) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें