Hindi Christian Movie | परमेश्वर में आस्था 3 – उठो, जो नहीं हैं गुलाम (Trailer)
18 जून, 2020
मेंग चांगलिन, थ्री-सेल्फ कलीसिया का एक सहकर्मी है। वह पहले सोचता था कि अगर वह थ्री-सेल्फ कलीसिया में रहकर प्रभु में आस्था रखेगा, तो सीसीपी के उत्पीड़न से बचा रहेगा। लेकिन, शी जिंपिंग के सत्ता में आने के बाद, सीसीपी धार्मिक आस्था पर अधिक अत्याचार करने शुरू कर देती है, सरकार द्वारा संचालित थ्री-सेल्फ कलीसिया भी उसके दमन और उत्पीड़न का शिकार होने लगती है; उसके बहुत सारे क्रूसों को उखाड़ दिया जाता है और कलीसियाओं को ढहा दिया जाता है। यहाँ तक कि सीसीपी कलीसियाओं पर दबाव डालने लगती है कि वे राष्ट्रीय झंडा फहराएँ, राष्ट्रगान गाएँ और राष्ट्रपति शी की तस्वीर लगाएँ...। सीसीपी के इस उत्पीड़न के चलते, मेंग का पादरी परमेश्वर की इच्छा की खोज करने के लिए प्रार्थना करने में विश्वासियों का मार्गदर्शन नहीं करता, बल्कि हर बात में सीसीपी का आज्ञापालन करता है। मेंग चांगलिन को लगता है कि यह पूरी तरह से प्रभु के मार्ग से भटकना है, और वे लोग हैवानों के सरदार, शैतान के गुलाम बन गए हैं। वह अपने पादरी से थ्री-सेल्फ कलीसिया छोड़कर गृह-कलीसिया का मार्ग अपनाने की गुहार लगाता है, लेकिन उसका पादरी उसे डपटता है और उसका रास्ता रोकता है। इसी दौरान उसकी मुलाकात सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के ईसाई, शियांग झिहेंग से होती है। खोज और सहभागिता के ज़रिए, मेंग चांगलिंग को पहले से कहीं अधिक स्पष्ट ढंग से यह बात समझ में आ जाती है कि थ्री-सेल्फ नीति सीसीपी की धार्मिक आस्था को पूरी तरह से मिटा देने की योजना के लिए कुछ समय जुटाने की एक चाल मात्र है; वह देखता है कि जब पादरी और एल्डर विश्वासियों को सीसीपी का आज्ञापालन करने के लिए कहते हैं, तो वे परमेश्वर का विरोध कर रहे हैं और उसे धोखा दे रहे हैं, वे सभी शैतान की सेवा में लगे झूठे चरवाहे हैं। साथ ही, मेंग चांगलिन को इस बात के मायने भी समझ में आ जाते हैं कि उत्पीड़न का अनुभव और मुश्किलें प्रभु में आस्था का ही हिस्सा हैं, वह यह भी साफ तौर पर देखता है कि अगर सीसीपी के शैतानी शासन में परमेश्वर में आस्था रखनी है तो परमेश्वर का अनुसरण करने के लिए अपने जीवन को दाँव पर लगाना पड़ेगा। वह समझ जाता है कि परमेश्वर में आस्था रखने के लिए परमेश्वर के वचनों को सुनना और परमेश्वर का आज्ञापालन करना आवश्यक है, परमेश्वर के बजाय लोगों की बात नहीं मानी जा सकती या उनका आज्ञापालन नहीं किया जा सकता। खोज और जाँच-पड़ताल के ज़रिए, मेंग चांगलिन और अन्य लोग समझ जाते हैं कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन पूर्णतया सत्य हैं, परमेश्वर की वाणी हैं, और सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही लौटकर आया प्रभु यीशु है! वे लोग बेहद आनंदित हो जाते हैं और अंतत: सीसीपी के शैतानी शासन, धार्मिक जगत के झूठे चरवाहों और मसीह-विरोधियों से अपना पिंड छुड़ा लेते हैं। वे लोग परमेश्वर के सिंहासन के समक्ष लौट आते हैं।
परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?
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