205 परमेश्वर स्वयं ही सत्य और जीवन है

परमेश्वर स्वयं ही जीवन है, और सत्य है, और उसका जीवन और सत्य साथ-साथ विद्यमान हैं। वे लोग जो सत्य प्राप्त करने में असमर्थ हैं कभी भी जीवन प्राप्त नहीं करेंगे। मार्गदर्शन, समर्थन, और पोषण के बिना, तुम केवल अक्षर, सिद्धांत, और सबसे बढ़कर, मृत्यु ही प्राप्त करोगे। परमेश्वर का जीवन सतत विद्यमान है, और उसका सत्य और जीवन साथ-साथ विद्यमान हैं। यदि तुम सत्य का स्रोत नहीं खोज पाते हो, तो तुम जीवन की पौष्टिकता प्राप्त नहीं करोगे; यदि तुम जीवन का पोषण प्राप्त नहीं कर सकते हो, तो तुममें निश्चित ही सत्य नहीं होगा, और इसलिए कल्पनाओं और धारणाओं के अलावा, संपूर्णता में तुम्हारा शरीर तुम्हारी देह—दुर्गंध से भरी तुम्हारी देह—के सिवा कुछ न होगा। यह जान लो कि किताबों की बातें जीवन नहीं मानी जाती हैं, इतिहास के अभिलेख सत्य नहीं माने जा सकते हैं, और अतीत के नियम वर्तमान में परमेश्वर द्वारा कहे गए वचनों के वृतांत का काम नहीं कर सकते हैं। परमेश्वर पृथ्वी पर आकर और मनुष्य के बीच रहकर जो अभिव्यक्त करता है, केवल वही सत्य, जीवन, परमेश्वर की इच्छा, और उसका कार्य करने का वर्तमान तरीक़ा है।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, केवल अंत के दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनंत जीवन का मार्ग दे सकता है से रूपांतरित

पिछला: 204 हर राष्ट्र सर्वशक्तिमान परमेश्वर की आराधना करता है

अगला: 206 केवल परमेश्वर के पास है जीवन का मार्ग

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें