396 परमेश्वर इंसान के सच्चे विश्वास की आशा करता है
1
इंसान के लिए परमेश्वर के हमेशा रहते हैं सख्त मानक।
अगर तुम्हारी वफ़ादारी है सशर्त, उसे चाहिए नहीं तुम्हारा तथाकथित विश्वास।
परमेश्वर को है नफ़रत उन लोगों से जो अपने इरादों से देते हैं उसे धोखा,
बलपूर्वक चाहते हैं उससे मांगें पूरी करवाना।
परमेश्वर चाहता है इंसान न हो उसके अलावा
वफ़ादार और निष्ठावान किसी और के प्रति,
करे सभी चीज़ों को विश्वास के लिए,
साबित करने के लिए सिर्फ़ एक ही शब्द: विश्वास, विश्वास, विश्वास।
विश्वास, विश्वास, विश्वास।
2
परमेश्वर को है घृणा उन सभी मीठे वचनों से
जिसका इस्तेमाल करके करते हो तुम लोग उसे ख़ुश।
क्योंकि वो हमेशा करता है बर्ताव तुम लोगों के साथ ईमानदारी से,
हाँ ईमानदारी से,
वो चाहता है तुम लोग सच्चे विश्वास से पेश आओ उसके साथ,
सच्चे विश्वास से पेश आओ उसके साथ।
परमेश्वर चाहता है इंसान न हो उसके अलावा
वफ़ादार और निष्ठावान किसी और के प्रति,
करे सभी चीज़ों को विश्वास के लिए,
साबित करने के लिए सिर्फ़ एक ही शब्द:
विश्वास, विश्वास, विश्वास। विश्वास, विश्वास, विश्वास।
साबित करने के लिए सिर्फ़ एक ही शब्द:
विश्वास, विश्वास, विश्वास। विश्वास, विश्वास, विश्वास।
साबित करने के लिए सिर्फ़ एक ही शब्द:
विश्वास, विश्वास, विश्वास। विश्वास, विश्वास, विश्वास।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, क्या तुम परमेश्वर के सच्चे विश्वासी हो? से रूपांतरित