23 परमेश्वर राज्य में शासन करता है
राज्य में ईश्वर का राज है, कायनात पर उसका राज है।
वो राज्य का राजा है, वो कायनात का राजा है।
1
जिन्हें चुना नहीं गया है अब से उन्हें जोड़ेगा ईश्वर।
अब से अन्यजातियों में काम करेगा ईश्वर।
अब से पूरी दुनिया में अपनी प्रशासनिक आज्ञाओं का
ऐलान करेगा ईश्वर, ताकि कामयाबी से अगले चरण का काम कर सके ईश्वर।
2
अन्यजातियों में अपना काम फैलाने के लिए
अब से ताड़ना का उपयोग करेगा ईश्वर।
अब से सभी अन्यजातियों के ख़िलाफ़, शक्ति का उपयोग करेगा ईश्वर।
चुने हुए लोगों में काम करते हुए, अब से इस काम को करेगा ईश्वर।
सभी जीते जा चुके होंगे धरती पर, जब सामर्थ्य का उपयोग करेंगे ईश्वर-जन,
विश्राम करेगा, और विजित-जन के सामने प्रकट होगा ईश्वर।
राज्य में ईश्वर का राज है, कायनात पर उसका राज है।
वो राज्य का राजा है, वो कायनात का राजा है।
पवित्र राज्य में प्रकट होता, ख़ुद को मलिन धरती से छिपाता ईश्वर।
ईश्वर के आज्ञाकारी और विजित-जन, कर पाते ईश्वर-दर्शन।
अपनी आँखों से उसे देखते, अपने कानों से उसकी वाणी सुनते।
अंत के दिनों में पैदा हुए लोगों के लिए ईश्वर द्वारा पूर्व-नियत है ये आशीष।
राज्य में ईश्वर का राज है, कायनात पर उसका राज है।
वो राज्य का राजा है, वो कायनात का राजा है।
3
उस दिन ताड़ना दी जाएगी लोगों को जिस दिन सूची-पत्र खोलेगा ईश्वर।
उस दिन परीक्षण होगा दुनिया के लोगों का जिस दिन सूची-पत्र खोलेगा ईश्वर।
चरम पर होगा उसका कार्य, जब सूची-पत्र खोलेगा ईश्वर।
बे-रोशनी होंगे धरती पर सब जन; भय के माहौल में ज़िंदगी जिएँगे सब जन।
राज्य में ईश्वर का राज है, कायनात पर उसका राज है।
वो राज्य का राजा है, वो कायनात का राजा है।
चूँकि करीब है, नज़र के सामने है ईश्वर का दिन,
कौन है जो न डरेगा? कौन है जो इससे ख़ुश न होगा?
बेबीलोन की मलिन धरती का अंत आ गया।
भेंट हो गयी इंसान की नयी दुनिया से। धरती-स्वर्ग सब नए हो गए।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के वचन, अध्याय 29 से रूपांतरित