चीन में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के राज्य के सुसमाचार का प्रसार

14 मई, 2017

1995 में, चीन के मुख्य भूभाग में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के राज्य के सुसमाचार के प्रमाणीकरण का कार्य औपचारिक रूप से शुरु हुआ। परमेश्वर के प्रति हमारे आभार और एक ऐसे प्रेम के साथ जो सच्चा था, हमने विभिन्न सम्प्रदायों के भाई-बहनों के सामने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के स्वरूप और कार्य का प्रमाण प्रस्तुत किया। हमने यह उम्मीद नहीं की थी कि उनके नेताओं से अत्यधिक विरोध और लांछन का सामना करना होगा। हम केवल सर्वशक्तिमान परमेश्वर के सामने आकर निष्ठापूर्वक प्रार्थना कर सकते थे, परमेश्वर से उनके व्यक्तिगत रूप में आने का अनुनय करते हुए। 1997 से आगे, हमने पवित्र आत्मा को एक भव्य स्तर पर कार्य करते हुए देखा। विभिन्न स्थानों पर स्थित कलीसियाओं के सदस्यों की संख्या में तेज बढ़ोतरी हुई। साथ ही, कई शुभ संकेत और चमत्कार हुए, और विभिन्न सम्प्रदायों के कई लोग सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास लौट आये, उनके प्रकटीकरण और इन शुभ संकेतों और चमत्कारों को देख कर। यदि पवित्र आत्मा ने कार्य नहीं किया होता, तो मनुष्य क्या कर सकता था? इसने हमें यह बोध करा दिया: हालाँकि हमें कुछ सत्य समझ में आ रहे थे, हम केवल अपनी मानवीय ताकत के भरोसे सर्वशक्तिमान परमेश्वर के सामने प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सकते थे। विभिन्न सम्प्रदायों के इन लोगों के द्वारा सर्वशक्तिमान परमेश्वर को स्वीकार करने के बाद, वे सर्वशक्तिमान परमेश्वर के ही वचनों को खाने-पीने और उनसे आनंदित होकर, क्रमशः अपने दिलों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के विषय में निश्चयबद्ध हो गए, और कुछ समय के बाद, उनमें एक सच्ची आस्था और आज्ञाकारिता का उदय हुआ। इस तरह हर सम्प्रदाय के लोगों का सिंहासन के सामने उत्थान हुआ, और अब उन्हें प्रतीक्षा नहीं रही थी "परमेश्वर से आसमान में मिलने" की, जैसी कि उन्होंने कल्पना की थी।

जब से राज्य का सुसमाचार फैलने लगा, चीन की सरकार के द्वारा हमारा पीछा किया गया एवं हमें क्रूरता से सताया गया। और भी अधिक दुःख की बात यह है कि हमें धिक्कारा गया, हम पर झूठे आरोप लगाये गए, हमारी निंदा की गई और कैथोलिक समुदायों और अन्य सभी ईसाई सम्प्रदायों द्वारा हमें बहिष्कृत किया गया। इससे हमें बहुत कष्ट हुआ, और यहाँ तक कि इससे सुसमाचार का कार्य भी कुछ समय के लिए रुक गया। ऐसी परिस्थिति का सामना करते हुए हम हैरान हो गए कि क्या करें; ऐसा लगा मानों हम सभी ओर से घिर गए हों। साथ ही, हमें दोहरी फटकार भी मिली: हमें परमेश्वर से एक महान उद्धार का आनंद मिला और हम कई सत्य समझ पाए, पर हम सुसमाचार का प्रसार नहीं कर सकते। हम वास्तव में परमेश्वर के गवाह बनने के योग्य नहीं हैं, एवं उनके आदेश के स्तर तक जी नहीं पाए हैं। मन की इस स्थिति में, हम सभी को लगा कि हम जैसे अपने कर्तव्य में असफल हो गए थे, हम यही नहीं तय कर पा रहे थे कि हमें कौन-सा रास्ता लेना चाहिए, और हमें मालूम न था कि कैसे परमेश्वर को इसका हिसाब दें—हम और भी कम जानते थे कि कैसे परमेश्वर के सत्योपदेश और विश्वास का सामना करें। इस तरह हम उलझन में पड़े थे पर फिर भी हमें लग रहा था कि परमेश्वर का ह्रदय हमें पुकार रहा था, और हर उस भेड़ को पुकार रहा था जिसकी उन्हें चाह थी। इस तरह हम सभी परमेश्वर के समक्ष आये आभार लेकर, अपराध-बोध और परमेश्वर से प्रार्थना करने की एक प्यास लेकर, अपने ह्रदय परमेश्वर के सामने उंडेल देने के लिए: "हे परमेश्वर! हमें आप शक्ति दें एवं हमें ज्ञान प्रदान करें, ताकि हम आपकी भेड़ें ढूंढ निकालें! आपकी इच्छा ही हम में पूर्ण हो और आपके राज्य के सुसमाचार का प्रसार हो। आपके वचन और अधिक लोगों को मुक्ति देकर आपके 'घर' तक पहुँचाये। जब तक हम आपके सुसमाचार का प्रसार कर सकें, हम और भी कष्टों को सहन करने के लिए तैयार हैं, अपने प्राण तक बलिदान कर देने पड़ें तो भी। हमारी एक मात्र प्रार्थना है कि आप हमें और भी शक्ति दें। हम आपके क्रमवार मार्गदर्शन के साथ अपना सहयोग देने के इच्छुक हैं। हे परमेश्वर, हमारी हैसियत कम है और हम कमज़ोर हैं, इसलिए हम आपके सत्यादेश को भली-भांति पूरा नहीं कर पा रहे हैं। आपके सुसमाचार के प्रसार में बाधा डालने वाली विरोधी ताकतों को वश में ले लें, जो आपके नहीं हैं उन शैतानों के समूह का विनाश कर दें, उन सभी अवरोधों को मिटा दें जो आपके सुसमाचार के प्रसार में बाधा बने हुए हैं, और आप हमारे लिए एक मार्ग खोल दें।" हमें विश्वास था कि हमारी प्रार्थना परमेश्वर के कानों तक पहुँच गयी, क्योंकि हमारा निवेदन परमेश्वर की इच्छा के अनुरूप था एवं उनकी ही इच्छा को पूरा करने के लिए किया गया था। अधिक समय नहीं हुआ, परमेश्वर ने सचमुच महान कार्य पूरे किये, जिससे इतना जोश और आनंद मिला जितना हमने पहले कभी भी अनुभव नहीं किया था। परमेश्वर ने हमें ज्ञान प्रदान किया और हमें विश्वास और शक्ति भी दी, जिससे सुसमाचार का कार्य तेजी से फैला और अपने चरम उत्कर्ष तक पहुँच गया। हममें से हर कोई जानता था, और उससे भी अधिक विश्वास करता था, कि यह एक सुसमाचार था जो परमेश्वर हमारे लिए लाये, और यह भी कि यह हमारे लिए परमेश्वर का एक प्रोत्साहन और पुरस्कार था। जो कष्ट हमने उठाये थे, उनका प्रतिफल दे दिया गया। इन शब्दों के सच्चे अर्थ की हमने हमारे दिलों की गहराई में और भी अधिक सराहना की: "मात्र परमेश्वर ही अपना कार्य कर सकता है।" परमेश्वर ने हमारे लिए मुश्किलें नहीं बनायीं, न ही उन्होंने कभी भी हमें शर्मिंदा करना चाहा। उन्होंने तो केवल शुरू में हमें कुछ छोटे-छोटे इम्तहान दिए। प्रसन्नता के साथ, हम परमेश्वर के मार्गदर्शन, मदद, देखभाल और सरंक्षण के लिए ह्रदय से आभारी थे। साथ ही, हमने परमेश्वर के कार्यों की महानता देखी, और उनके स्वभाव की आदरणीयता को भी देखा; उससे भी कहीं अधिक, हमने परमेश्वर के धर्माचरण और मनुष्य की लापरवाही के प्रति उनकी असहिष्णुता को भी देखा, क्योंकि मनुष्य को बचाने के साथ-साथ, परमेश्वर ने उन कई दुश्मनों को सजा भी दी, जो उनके विरुद्ध चल रहे थे। मुख्यभूमि चीन के 24 प्रान्तों और नगरपालिका वाले शहरों की सभी श्रेणियों के नायकों में अनूठे मामले पाए गए हैं जिनमें लोगों को सर्वशक्तिमान परमेश्वर के विरुद्ध उन्मत्त रुकावट, दोषारोपण और निंदा करने के बदले सज़ा दी गयी है। इनकी संख्या कानून के युग में परमेश्वर के कार्य में बाधा डालने के लिए दण्डित लोगों की तुलना में कई गुना बड़ी है। यह देखा जा सकता है कि इन पिछले दिनों में, मानवजाति में अत्यधिक भ्रष्टाचार हुआ है, और मनुष्य परमेश्वर का विरोध करने में पहले से भी अधिक प्रबल हो गया है। कितने सारे लोगों को दण्डित और बहिष्कृत किया गया है, जिस बात ने बाइबिल में लिखी गयी इस भविष्यवाणी की पूर्णतः पुष्टि की है कि "बुलाए हुए तो कई हैं, परन्तु चुने हुए थोड़े हैं।" यदि पवित्र आत्मा ने इतने महान कार्य नहीं किये होते, तो मनुष्य राज्य के सुसमाचार को फ़ैलाने के कार्य में निर्बल होता। प्रारंभ से अंत तक, परमेश्वर के कार्य और उनके राज्य के सुसमाचार को फ़ैलाने के प्रयास ने सत्तारूढ़ चीनी साम्यवादी पार्टी (खूंखार लाल अजगर) के उन्मत्त विरोध और क्रूर उत्पीड़न को झेला है। कम से कम भी, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कलीसियाएं से एक लाख से भी अधिक लोगों को पकड़ा और बंदी बनाया गया है, और उन्होंने सभी तरह के उजाड़ और उत्पीड़न को झेला है। चीनी साम्यवादी पार्टी ने कितने ही लोगों को ढूँढा और उनका शिकार किया है; घर लौटने में असमर्थ, वे परमेश्वर के लिए काम में आने की दिशा में यूं ही बहते हुए केवल खप सकते थे। कितने ही लोगों पर नज़र रखी जा रही है, और वे अपना कर्तव्य पूरा नहीं कर पा रहे हैं। चीनी साम्यवादी पार्टी ने कितनों को नियंत्रण में ले रखा है, जिससे वे अपने घरों के बाहर कदम तक नहीं रख सकते... परमेश्वर के कार्य को रोकने और बर्बाद करने में, खूंखार लाल अजगर के शासन ने सभी तरह के निंदनीय तरीके अपनाये हैं, और मानवीय तथा आर्थिक संसाधनों का व्यय किया है। अपनी सारी दुर्भावनापूर्ण और कपटी साजिशों को लगा देने के बावजूद, यह परमेश्वर के कार्य की गति को कभी भी नहीं रोक सकता। परमेश्वर उनकी इच्छा को पूरा करने के लिए सारी युक्तियों को आज़माते हैं। बड़ा लाल अजगर पूरी तरह से परमेश्वर के प्रकटीकरण के अधीन है, परमेश्वर के द्वारा पूरी तरह से भ्रमित हो जाने को बाध्य, जिससे बच निकलने का कोई भी मार्ग न होगा। कई बार, बड़ा लाल अजगर राष्ट्रव्यापी गिरफ्तारी पर उतारू था, लेकिन इसकी योजना परमेश्वर की व्यवस्था से तितर-बितर हो गयी; कितनी बार, बड़े लाल अजगर ने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कलीसिया को दूर करने के लिए अपना हाथ फैलाना चाहा, लेकिन वह सफल नहीं हुआ; कितनी बार, बड़े लाल अजगर ने परमेश्वर के कार्य को खत्म करने के लिए अधिक से अधिक कार्यवाही करने का प्रयास किया, लेकिन वह परमेश्वर की सार्वभौमिकता और युक्तियों के तहत गिर पड़ा। ऐसे समय में बड़ा लाल अजगर क्रोध से बेक़ाबू था, लेकिन उसके पास प्रयोग के लिए कोई योजनाएँ नहीं थीं। तो उसे इसको अपना दुर्भाग्य मान लेना पड़ा - स्वर्ग मदद नहीं करता! यह सच है कि स्वर्ग चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को नष्ट कर देता है! राज्य के सुसमाचार के प्रसार से, हमने परमेश्वर के सर्वसामर्थ्य को देखा है: चाहे शैतान की ताकतें कितनी भी भयंकर हो, और परमेश्वर के कार्य में अवरोध डालने के लिए वे ताकतें चाहे आपस में जुट जाएँ, इससे कोई लाभ नहीं होता। करीब दस वर्षों में ही, राज्य का सुसमाचार चीन के पूरे मुख्यभूभाग में फैल गया है। परमेश्वर का नाम और उनके वचन सैकड़ों लाखों परिवारों में प्रसारित हो गए हैं, और लाखों—करोड़ों लोग सर्वशक्तिमान परमेश्वर के नाम की शरण में आए हैं। मुख्यभूभाग चीन के विभिन्न संप्रदायों में से जो लोग सच्चाई का अनुसरण करते हैं और वास्तव में ईश्वर की ख़ोज करते हैं, उनमें से अधिकांश सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास लौट आए हैं। लाखों लोग सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन का आनंद ले रहे हैं, परमेश्वर से कार्य और उद्धार प्राप्त कर रहे हैं, और परमेश्वर के अद्भुत कार्यों की प्रशंसा कर रहे हैं। परमेश्वर ने चीन में विजयी लोगों का एक समूह बना लिया है और एक ऐसे लोगों के समूह को पा लिया है जो उनके साथ दिलोदिमाग से एक हैं। इस बात ने परमेश्वर की सार्वजनिक उपस्थिति के लिए मार्ग खोल दिया है। परमेश्वर का कार्य अंततः गौरव में पूरा हो गया है। परमेश्वर ने बड़े लाल अजगर को अनुशासित करने की शुरुआत की है, जिसके बाद वे सार्वजनिक रूप से हर देश, हर जगह में प्रकट होंगे।

1992 में, सर्वशक्तिमान परमेश्वर—आखिरी दिनों के यीशु—ने औपचारिक रूप से अपनी आवाज़ में कहना और परमेश्वर की निहित पहचान में बोलना शुरू कर दिया। उन्होंने लाखों शब्दों को व्यक्त किया है और चीन में परमेश्वर के चुने हुए लोगों को पूरी तरह से जीता और बचाया है। मुख्यभूभाग चीन में इसके बाद आखिरी दिनों के परमेश्वर के कार्य की गवाही में तेजी से विस्तार हुआ और परमेश्वर के चुने हुए लोगों के लिए पवित्र आत्मा का कार्य साथी बन गया। कई तरह के संप्रदायों के लोग परमेश्वर के वचन से जीत लिए गए, यह स्वीकार करते हुए कि यह पूरी तरह से परमेश्वर का शब्द था और पूरी तरह से आश्वस्त हो कर। परमेश्वर की भेड़ों ने अंततः परमेश्वर की आवाज़ सुनी और परमेश्वर के समक्ष लौट आईं। इस अवधि के दौरान, पवित्र आत्मा ने कई संकेतों और आश्चर्यों का प्रदर्शन किया, विभिन्न संप्रदायों से परमेश्वर के चुने हुए लोगों का सर्वशक्तिमान परमेश्वर के घर लौट आने में मार्गदर्शन किया। जैसे-जैसे परमेश्वर के चुने हुए लोग दिन-प्रतिदिन लौटने लगे, सभी संप्रदाय ढह गए, उनका अस्तित्व समाप्त हो गया, और ऐसा लगता था कि समस्त धार्मिक संसार स्वच्छ हो गया था।

राज्य के सुसमाचार को फैलाने के दरम्यान, सभी प्रकार के शैतान और यीशु-विरोधियों ने जिन्होंने परमेश्वर का प्रतिरोध किया, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की उचित सज़ा प्राप्त की। इस प्रकार लोगों ने परमेश्वर के विरुद्ध जाने का परिणाम देखा। बड़े लाल अजगर ने परमेश्वर के कार्य का गला घोंटने और मिटाने का प्रयास किया, लेकिन अंत में विफल रहा। परमेश्वर का विरोध करने वाली सभी बुरी ताकतें पूरी तरह शर्मिंदा की गईं और असफल रहीं। बड़े लाल अजगर ने अंत में अपना कार्य बंद कर दिया है और परमेश्वर का दण्ड पाना शुरू कर दिया है। सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने एक बार कहा था: "क्या तुम लोग सच में विशाल लाल अजगर से घृणा करते हो? क्या तुम सच में निष्ठा से घृणा करते हो? मैंने तुम लोगों से इतनी बार क्यों पूछा है? मैं तुमसे यह प्रश्न बार-बार क्यों पूछता हूँ? तुम सबके हृदय में उस विशाल लाल अजगर की क्या आकृति है? क्या उसे वास्तव में हटा दिया गया है? क्या तुम लोग सचमुच में उसे अपना पिता नहीं मानते हो। सभी लोगों को मेरे प्रश्नों में मेरे अभिप्राय को जानना चाहिए। यह लोगों के क्रोध को भड़काने के लिए नहीं है न ही मनुष्यों के मध्य विद्रोह को उत्तेजित करने के लिए है न ही इसलिए कि मनुष्य अपना मार्ग स्वयं ढूँढ़ सके, परन्तु यह लोगों को अनुमति देना है कि वे अपने आपको उस बड़े लाल अजगर से छुड़ा लें। फिर भी किसी को चिंता नहीं करनी चाहिए। सब कुछ मेरे वचनों के द्वारा पूरा हो जाएगा। चाहे कोई मनुष्य भागी न हो, और न कोई मनुष्य वह काम कर सकता है जिसे मैं करूँगा। मैं सारी भूमि की हवा पोंछ के स्वच्छ करूँगा और पृथ्वी पर से दुष्टात्माओं का पूर्ण रूप से नाश कर दूँगा। मैं पहले से ही शुरू कर चुका हूँ, और अपनी ताड़ना कार्य के पहले कदम को उस विशाल लाल अजगर के निवास स्थान में आरम्भ करूँगा। इस प्रकार यह देखा जा सकता है कि मेरी ताड़ना पूरे ब्रह्माण्ड के ऊपर आ गई है, और वह विशाल लाल अजगर और सभी प्रकार की अशुद्ध आत्माएँ मेरी ताड़ना से बच पाने में सामर्थी नहीं होंगे क्योंकि मैं समूची भूमिपर निगाह रखता हूं। जब मेरा कार्य पृथ्वी पर पूरा हो जाएगा अर्थात्, जब न्याय का युग समाप्त होगा मैं औपचारिक रूप से उस विशाल लाल अजगर को ताड़ना दूँगा। मेरे लोग उस विशाल लाल अजगर की न्याय परायण ताड़ना को देखेंगे, वे मेरी धार्मिकता के कारण अपनी स्तुति को उड़ेल देंगे, और मेरी धार्मिकता के कारण सदा सर्वदा मेरे पवित्र नाम की बड़ाई करते रहेंगे। अब से तुम लोग अपने कर्तव्यों को औपचारिक तौर पर निभा पाओगे, और सारी धरती पर औपचारिक तौर पर मेरी स्तुति करोगे, हमेशा-हमेशा के लिए!

जब न्याय का युग अपने शिखर पर पहुंचेगा, तो मैं अपने कार्य को पूर्ण करने में जल्दबाजी नहीं करूँगा, किन्तु उस में ताड़ना के युग के प्रमाण को जोडूँगा और अपने सभी लोगों को इस प्रमाण को देखने की अनुमति दूँगा; और इस से अत्यधिक फल उत्पन्न होंगे। यह प्रमाण वह माध्यम है जिसके द्वारा मैं उस विशाल लाल अजगर को ताड़ना दूँगा, और मैं अपने लोगों को अपनी आँखों से उसे देखने दूँगा ताकि वे मेरे स्वभाव को और भी अच्छी तरह से जान सकें। जब उस विशाल लाल अजगर को ताड़ना दी जाती है तब उस समय मेरे लोग मुझ में आनंद करते हैं। उस बड़े लाल अजगर के लोगों को उसके ही विरूद्ध उभारना और विद्रोह करवाना मेरी योजना है, और वह तरीका है जिस से मैं अपने लोगों को पूर्ण करता हूँ, और मेरे सभी लोगों के लिए जीवन में आगे बढ़ने के लिए यह एक बड़ा अवसर है" (सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड के लिये परमेश्वर के कथन "वचन देह में प्रकट होता है" के "अट्ठाइसवाँ कथन")

राज्य के सुसमाचार का प्रसार एक अभूतपूर्व स्थिति में आ पहुंचा है। लाखों लोग सर्वशक्तिमान परमेश्वर के नाम के अधीन आ गए हैं। सर्वशक्तिमान परमेश्वर का नाम पूरे मुख्यभूभाग चीन में फैल गया है, और सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कलीसिया प्रत्येक प्रान्त और क्षेत्र में प्रकट हुए हैं। जिन सभी ने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार किया है, वे परमेश्वर के वचन की चरवाही का आनंद ले रहे हैं और परमेश्वर के उद्धार-रुपी कार्य का अनुभव कर रहे हैं। जैसा कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने कहा था: "पूर्ण ब्रह्माण्ड में मैं अपना कार्य कर रहा हूं, और पूर्व में गर्जना करते हुए धमाके निरंतर होते हैं और सभी सम्प्रदायों और पंथों को हिला देते हैं। मेरी वाणी ने सभी लोगों को वर्तमान में लाने में अगुवाई की है। मैं अपनी वाणी से सभी लोगों को जीत लूंगा, ताकि वे इस धारा में आएं, मेरे सामने नतमस्तक हों, क्योंकि मैंने बहुत पहले अपनी महिमा सारी धरती से वापस ले ली है और इसे नए रूप में पूर्व में जारी कर दिया है। ऐसा कौन है जो मेरी महिमा नहीं देखना चाहता? कौन है जिसे उत्सुकता से मेरी वापसी की प्रतीक्षा नहीं है? कौन है जिसे मेरे पुन: प्रकटन की प्यास नहीं है? कौन है जिसे मेरी मनोरमता की अभिलाषा नहीं है? कौन है जो रोशनी में नहीं आना चाहेगा? कौन है जो कनान की समृद्धि नहीं देखना चाहेगा? कौन है जो उद्धारक के लौटने की इच्छा नहीं रखता? कौन है जो महान सर्वशक्तिमान की आराधना नहीं करता? मेरी वाणी समस्त धरती पर फैल जाएगी; मैं चाहता हूं कि मैं अपने पसंदीदा लोगों के सामने अपने अधिक वचन व्यक्त करूं। भयंकर गर्जना की तरह जो पर्वतों और नदियों को हिलाकर रख देती है, मैं अपने वचन पूर्ण ब्रह्माण्ड और मानवता के सामने बोलता हूँ। अत: मेरे मुख के वचन इंसान के लिए खज़ाना बन गए हैं, और सभी लोग मेरे वचनों को संजोकर रखते हैं। बिजली पूर्व से लेकर पश्चिम तक चमकती है। मेरे वचन ऐसे हैं कि इंसान इन्हें त्यागना नहीं चाहता और साथ ही उन्हें कल्पना से परे पाता है, लेकिन उसमें भरपूर आनंद लेता है। किसी नवजात शिशु की तरह, लोग मेरे आगमन की खुशियां और आनंद मना रहे हैं। अपनी वाणी के ज़रिए मैं सभी लोगों को अपने सामने लाऊंगा। उसके बाद, मैं औपचारिक रूप से इंसानी नस्ल में प्रवेश करूंगा ताकि वे आकर मेरी आराधना करें। उस महिमा के साथ जो मुझसे प्रसारित होती है और उन वचनों के साथ जो मेरे मुख में हैं, मैं इसे ऐसा बनाऊंगा कि सभी लोग मेरे सामने आएं और देखें कि बिजली पूर्व से चमकती है और मैं पूर्व के 'जैतून के पर्वत' पर्यंत अवतरित हो चुका हूं। वे देखेंगे कि मैं बहुत पहले से ही इस धरती पर हूं, यहूदियों का पुत्र होकर नहीं बल्कि पूर्व की बिजली होकर क्योंकि मैं बहुत पहले ही पुनर्जीवित हो चुका हूं, और लोगों के बीच से जा चुका हूं, और लोगों के बीच पुन: अपनी महिमा के साथ प्रकट हुआ हूं। मैं वो हूं जिसे अनंत युगों पहले पूजा जाता था, और मैं वो शिशु भी हूं जिसे अनंत युगों पहले इस्राएलियों द्वारा त्याग दिया गया था। इसके अलावा, मैं आज के युग का सर्व-महिमामय सर्वशक्तिमान परमेश्वर हूं! सभी मेरे सिंहासन के समक्ष आओ और मेरी महिमामयी मुखाकृति का अवलोकन करो, मेरी वाणी सुनो, और मेरे कर्मों को देखो। यही मेरी इच्छा की समग्रता है; यही मेरी योजना का अंत और चरम है, तथा मेरे प्रबंधन का प्रयोजन है। सभी देश मेरी आराधना करें, सभी जिह्वा मुझे स्वीकृति दें, हर व्यक्ति मुझमें निष्ठा रखे, और प्रत्येक व्यक्ति मेरी प्रजा बने!" ("वचन देह में प्रकट होता है" से "सात गर्जनाएँ—भविष्यवाणी करती हैं कि राज्य के सुसमाचार पूरे ब्रह्माण्ड में फैल जाएंगे")

मुख्यभूभाग चीन में परमेश्वर का काम अंततः महिमा में सम्पूर्ण हो गया है। परमेश्वर प्रत्येक राष्ट्र और जगह पर सार्वजनिक रूप से प्रकट होने वाले हैं। हर राष्ट्र और जगह के उन लोगों ने, जो परमेश्वर की उपस्थिति के लिए इंतज़ार कर रहे थे, कभी नहीं सोचा था कि वे परमेश्वर जिनके सार्वजनिक तौर पर प्रकट होने की वे लालसा रखते थे, पहले ही चीन में गुप्त रूप से आ गए थे और विजय और उद्धार के कार्य का एक चरण बना चुके थे। ऐसे कई लोग हैं जो अभी भी चीन में परमेश्वर के कार्य की निंदा करते हैं, और इतने सारे लोग ऐसे हैं जो अभी भी पवित्र आत्मा के वहाँ के कार्य के विरोध में निंदा करते हैं। केवल जब परमेश्वर सब के सामने प्रकट हो जाएंगे तो वे जैसे एक स्वप्न से जाग उठेंगे, और पश्चाताप से भर जाएँगे: मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर जिसका मैंने विरोध किया, वे ही प्रभु यीशु हैं जो फिर से आये हैं। लेकिन तब वे केवल रोते और अपने दांतों को पीसते रह सकते हैं। इसने बाइबिल के रहस्योद्घाटन के शब्दों को पूरी तरह से परिपूर्ण किया है: "देखो, वह बादलों के साथ आनेवाला है, और हर एक आँख उसे देखेगी, वरन् जिन्होंने उसे बेधा था वे भी उसे देखेंगे, और पृथ्वी के सारे कुल उसके कारण छाती पीटेंगे" (प्रकाशितवाक्य 1:7)। महान सफेद सिंहासन का न्याय अंततः शुरू हो गया है!

सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने कहा: "राज्य में, सृष्टि की असंख्य चीज़ें पुनः जीवित होना और अपनी जीवन शक्ति फिर से प्राप्त करना आरम्भ करती हैं। पृथ्वी की अवस्था में परिवर्तनों के कारण, एक भूमि और दूसरी भूमि के बीच की सीमाएँ भी खिसकना शुरू करती हैं। पूर्व काल में, मैं भविष्यवाणी कर चुका हूँ: जब भूमि से भूमि विभाजित हो जाती है, और भूमि से भूमि संयुक्त हो जाती है, तो यही वह समय होगा जब मैं राष्ट्र को तोड़-फोड़ कर टुकड़े-टुकड़े कर दूँगा। इस समय, मैं सारी सृष्टि को फिर से नया करूँगा और समस्त ब्रहमाण्ड को पुनः-विभक्त करूँगा, इस प्रकार पूरे विश्व को व्यवस्थित रूप से रखूँगा, और इसकी पुरानी अवस्था को नए में रूपान्तरित कर दूँगा। यह मेरी योजना है। ये मेरे कार्य हैं। जब संसार के सभी राष्ट्र और लोग मेरे सिंहासन के सामने लौटते हैं, तो उसके बाद मैं स्वर्ग के सारी उपहारों को लेकर उन्हें मानवीय संसार को दे दूँगा, ताकि, मेरे कारण, वह बेजोड़ उपहारों से लबालब भर जाएगा। किन्तु जब तक पुराना संसार निरन्तर बना रहता है, मैं सारे विश्व में खुले तौर पर अपनी प्रशासनिक आज्ञाओं की घोषणा करते हुए, अपने प्रचण्ड प्रकोप को इनके राष्ट्रों के ऊपर तेजी से फेंकूँगा, और जो कोई उनका उल्लंघन करता है उनको ताड़ना दूँगा:

जैसे ही मैं बोलने के लिए विश्व की तरफ अपने चेहरे को घुमाता हूँ, सारी मानवजाति मेरी आवाज़ को सुनती है, और उसके बाद उन सभी कार्यों को देखती है जिसे मैंने समूचे ब्रह्माण्ड में गढ़ा है। वे जो मेरी इच्छा के विरूद्ध जाते हैं, अर्थात्, जो मनुष्य के कार्यों से मेरा विरोध करते हैं, वे मेरी ताड़ना के अधीन नीचे गिर जाएँगे। मैं स्वर्ग के असंख्य तारों को लूँगा और उन्हें फिर से नया कर दूँगा, और मेरे कारण सूर्य और चन्द्रमा को नया बना दिया जाएगा—आकाश अब और वैसा नहीं रहेगा जैसा वह था; पृथ्वी पर बेशुमार चीज़ों को फिर से नया बना दिया जाएगा। मेरे वचनों के माध्यम से सभी पूर्ण हो जाएँगे। विश्व के भीतर अनेक राष्ट्रों को नए सिरे से विभक्त कर दिया जाएगा और मेरे राष्ट्र के द्वारा बदल दिया जाएगा, जिसकी वजह से पृथ्वी के राष्ट्र हमेशा हमेशा के लिए विलुप्त हो जाएँगे और एक राष्ट्र बन जाएँगे जो मेरी आराधना करता हो; पृथ्वी के सभी राष्ट्रों को नष्ट कर दिया जाएगा, और उनका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। विश्व के भीतर मनुष्यों में, वे सभी जो शैतान से संबंध रखते हैं उनका सर्वनाश कर दिया जाएगा; वे सभी जो शैतान की आराधना करते हैं उन्हें जलती हुई आग के द्वारा नीचा दिखाया जाएगा—अर्थात्, उनको छोड़कर जो अभी इस धारा के अन्तर्गत हैं, बाकियों को राख में बदल दिया जाएगा। जब मैं बहुत से लोगों को ताड़ना देता हूँ, तो वे जो, भिन्न-भिन्न अंशों में, धार्मिक संसार में हैं, मेरे कार्यों के द्वारा जीत लिए जा कर मेरे राज्य में लौट आएँगे, क्योंकि उन्होंने एक श्वेत बादल पर सवार पवित्र जन के आगमन को देख लिया होगा। समस्त मानवता अपने-अपने स्वभाव का अनुसरण करेगी, और जो कुछ उसने किया है उससे भिन्न-भिन्न ताड़नाएँ प्राप्त करेगी। वे जो मेरे विरूद्ध खड़े हुए हैं सभी नष्ट हो जाएँगे; जहाँ तक उनकी बात है जिन्होंने पृथ्वी पर अपने कार्यों में मुझे शामिल नहीं किया है, वे, क्योंकि उन्होंने जिस प्रकार अपने आपको दोषमुक्त किया है, पृथ्वी पर मेरे पुत्रों और मेरे लोगों के शासन के अधीन निरन्तर बने रहेंगे। मैं अपने महान कार्य की समाप्ति की घोषणा करने के लिए पृथ्वी पर अपनी ध्वनि आगे करते हुए अपने आपको असंख्य लोगों और असंख्य राष्ट्रों के सामने प्रकट करूँगा, ताकि समस्त मानवजाति अपनी आँखों से देखे" (सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड के लिये परमेश्वर के कथन "वचन देह में प्रकट होता है" के "छब्बीसवाँ कथन")

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

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