236 क्या पवित्रात्मा के नए कार्य को स्वीकार न करने वाले परमेश्वर के प्रकटन को देख सकते हैं?
प्रबंधन कार्य की समाप्ति तक,
ईश्वर का काम कभी रुका नहीं, वो रहा है व्यस्त हमेशा ही।
ईश्वर न रुका कभी, लेकिन इंसान है अलग।
1
आत्मा का ज़रा-सा काम मिलते ही
सोचता है वो कि ये कभी बदलेगा नहीं।
ज़रा-सा ज्ञान पाते ही
नए काम को जाते ईश्वर के नक्शेकदम पर वो चलता नहीं।
ईश्वर के थोड़े-से काम को जानकर इंसान
सोचे, ईश्वर रहेगा हमेशा एक सा ही।
काम के एक चरण के बारे में हो निश्चित
वो नए काम को न माने, चाहे ऐलान करे कोई।
ये लोग स्वीकार नहीं सकते नया काम; ये हैं लकीर के फकीर।
नयी चीज़ें न अपना सकें। ईश्वर में विश्वास करके भी वे नकारें उसे।
जो चलें मेमने के नक्शेकदम पर
बिलकुल अंत तक, पा सकें अंतिम आशीष।
जो अंत तक पहुँचने के पहले भटक जाएँ रास्ता
फिर भी सोचें कि सब कुछ पा लिया
वे ईश्वर के प्रकटन को देखने के योग्य नहीं।
2
बेवजह वे ईश्वर के काम को रोकें,
फिर भी है उन्हें यकीं, ईश्वर ले जाएगा स्वर्ग उन्हें
बाइबल का पालन करते वे, लेकिन उनके वचन-कर्म हैं गंदे,
क्योंकि वे देते धोखा, करते बुरे काम, लड़ते आत्मा के कार्य से।
पवित्रात्मा के काम का पालन न कर पाते वे।
पुराने काम से चिपके रहते हैं।
वे हैं निष्ठाहीन, बन जाते हैं ईश-विरोधी और वे लोग सज़ा पाएंगे।
क्या उनसे दयनीय है कोई?
जो चलें मेमने के नक्शेकदम पर
बिलकुल अंत तक, पा सकें अंतिम आशीष।
जो अंत तक पहुँचने के पहले भटक जाएँ रास्ता
फिर भी सोचें कि सब कुछ पा लिया
वे ईश्वर के प्रकटन को देखने के योग्य नहीं।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का अभ्यास से रूपांतरित