619 सत्य के लिए अच्छी लड़ाई लड़ो
अगर सच्चाई के लिए लड़ना चाहो,
तो पहले शैतान को काम न करने दो।
इसके लिए एक मन होकर रहो, और मिलकर सेवा करो।
1
अपने विचारों और धारणाओं का, काम करने के तरीकों का त्याग करो,
ईश्वर के आगे अपना दिल शांत करो, पवित्र आत्मा की वाणी पर ध्यान दो।
पवित्र आत्मा के काम पर ध्यान दो, ईश-वचनों का विस्तार से अनुभव करो।
बस ईश्वर की इच्छा-पूर्ति का लक्ष्य रखो। कोई और इरादा न रखो।
पूरे दिल से ईश्वर पर निर्भर रहो,
उसके काम को, करने का तरीका देखो, कभी लापरवाह न बनो।
आत्मा को सतर्क रखो और आँखें खुली रखो। आँखें खुली रखो।
अगर सच्चाई के लिए लड़ना चाहो, तो पहले शैतान को काम न करने दो।
इसके लिए एक मन होकर रहो, और मिलकर सेवा करो।
हाँ, और मिलकर सेवा करो।
2
जिसके इरादे और लक्ष्य गलत हैं, जो बाधा पहुँचाए, प्रशंसा चाहे,
जो कठोर धार्मिक सिद्धांत रखे, जो शैतान का अनुचर हो।
वो जब खड़ा हो, तो कलीसिया को मुश्किल हो;
कलीसियाई जीवन मुश्किल हो।
ऐसे इंसान पर फ़ौरन प्रतिबंध लगे। जो फटकार से न सुधरे वो दुख पाए।
जो अपने तौर-तरीकों पर अड़ा रहे, अपना बचाव करे, पाप छिपाए,
उसे कलीसिया से हटा दिया जाए।
छोटी नहीं, बड़ी सोच रखो, बड़ी सोच रखो।
अगर सच्चाई के लिए लड़ना चाहो, तो पहले शैतान को काम न करने दो।
इसके लिए एक मन होकर रहो, और मिलकर सेवा करो।
और मिलकर सेवा करो। और मिलकर सेवा करो।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, आरंभ में मसीह के कथन, अध्याय 17 से रूपांतरित