143 हे परमेश्वर, मेरा दिल हमेशा तुझसे जुड़ा रहेगा
1 तूने मानवता को बचाने के लिए सत्य व्यक्त किया है; यह तेरा महान प्रेम है। तेरे वचन सम्पूर्ण सत्य हैं, उन्होंने मेरे दिल को जीत लिया है। मैं शैतान के हाथों बुरी तरह भ्रष्ट हो चुका हूँ, फिर भी तू मुझे मुक्ति दिलाने के लिए पूरी कोशिश करता है, मुझे कभी नहीं त्यागता। हालाँकि कभी-कभी मैं असफल हो जाता हूँ, गिर जाता हूँ, और कमज़ोर हो जाता हूँ, लेकिन तू हमेशा मेरा सिंचन-पोषण करता है, जिससे मुझे दृढ़ रहने की ताकत मिलती है। तेरे वचन जीवन के प्रकाश-पथ पर मेरा मार्गदर्शन करते हैं। तेरा अनुसरण करते हुए, मेरा दिल शांति और आनंद से भरा रहता है। सर्वशक्तिमान परमेश्वर, मेरा दिल हमेशा तुझसे जुड़ा रहेगा!
2 तूने मुझे मेरा कर्तव्य पूरा करने के लिए धूल से निकालकर ऊँचा उठा दिया है। फिर भी मैंने इस अवसर को संजोया नहीं; मैंने लापरवाही से काम किया और तुझे बहुत धोखा दिया। तूने मेरा न्याय करने और मुझे उजागर करने के लिए वचनों का इस्तेमाल किया, जिससे कि मैं आत्म-मंथन कर सकूँ और स्वयं को जान पाऊँ। हालाँकि तेरे वचनों ने मेरे दिल को बेध दिया, लेकिन मैंने उन्हें पूरी तरह से आत्मसात कर लिया। मैंने तेरे करुणामय इरादों को समझकर मुझमें बेहद पश्चाताप जगा है। मैं तेरे सामने झुकता हूँ, तेरे न्याय और शुद्धिकरण को स्वीकार करने के लिए तैयार हूँ। मैंने तेरे न्याय और प्रेम का अनुभव कर लिया है। सर्वशक्तिमान परमेश्वर, मेरा दिल हमेशा तुझसे जुड़ा रहेगा!
3 इंसान को बचाने के लिए तू हर तरह की कठिनाइयों से गुज़रा है; तूने हमारे साथ तूफ़ान को झेला है। जब मुझे गिरफ्तार किया गया और सताया गया, तो तेरे वचनों ने मेरा मार्गदर्शन किया। तूने मुश्किलों में मेरा साथ दिया, तेरे वचन मेरी आत्मा को दिलासा प्रदान करते हैं। मुझे तेरे वचनों में अधिकार और सामर्थ्य दिखाई देता है, मैं तेरी स्तुति करता हूँ। तू हमारे साथ दुख झेलता है, जो तेरे प्रेम की और भी बड़ी अभिव्यक्ति है! विपत्ति और उत्पीड़न के ज़रिए, तेरे लिए मेरा प्रेम और मज़बूत होता है। मैं तेरी गवाही देने और शैतान को शर्मिंदा करने की शपथ लेता हूँ। सर्वशक्तिमान परमेश्वर, मेरा दिल हमेशा तुझसे जुड़ा रहेगा!
4 तेरे वचन मुझे नया जीवन देते हैं, जिससे कि मैं एक नए रूप में जी सकूँ। तेरा न्याय मुझे शुद्ध करता है, मेरे भ्रष्ट स्वभाव को बदलता है। तेरा प्रेम और तेरे वचन मेरे दिल में गहरी पैठ बनाए हुए हैं। आगे की राह चाहे जितनी भी पथरीली हो, मुझे पता है कि तू सत्य और जीवन है, मैं अंत तक तेरा अनुसरण करने का संकल्प लेता हूँ। किसी भी समय, किसी भी जगह, मैं तेरे कर्मों का गवाह बनूँगा। तुझसे से प्रेम करना और तेरी गवाही देना मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान है। सर्वशक्तिमान परमेश्वर, मेरा दिल हमेशा तुझसे जुड़ा रहेगा!