88 अंत के दिनों में देहधारी परमेश्वर मुख्यत: वचन का कार्य करता है
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अंत के दिनों का देहधारी परमेश्वर
अनुग्रह के युग का अंत करता है,
वचन को व्यक्त करता है,
वचन जो इंसान को, पूर्ण और प्रबुद्ध करता है,
वचन जो इंसान के दिल से परमेश्वर की,
अज्ञात धारणा दूर करता है।
यीशु ने जो किया, वो काम अलग था।
उसने किये चमत्कार,
और जो थे बीमार, उनका किया उपचार,
किया स्वर्ग के राज्य के, सुसमाचार का प्रचार,
और चढ़ गया सूली पे, करने लोगों का उद्धार।
तो इंसान ने एक धारणा बना ली,
परमेश्वर बस ऐसा ही होगा सदा।
अंत के दिनों का परमेश्वर सब कुछ
वचन से पूर्ण और उजागर करता है।
उसके वचनों में दिखता है उसका स्वरूप,
उसके वचनों में दिखता है, वो परमेश्वर है।
2
अंत के दिनों का परमेश्वर
इंसान के दिल से, परमेश्वर की,
अज्ञात धारणा दूर करता है।
उसके वचनों से, कर्मों से,
लोगों के बीच उसके सच्चे-सहज कामों से,
इंसान परमेश्वर की सच्चाई को है जानता,
जो अज्ञात है उस परमेश्वर को नहीं मानता।
देहधारी परमेश्वर के वचनों से,
इंसान को पूर्ण बनाता है, पूरा हर काम करता है।
दिनों के अंत में परमेश्वर, यही काम पूरा करेगा।
अंत के दिनों का परमेश्वर सब कुछ
वचन से पूर्ण और उजागर करता है।
उसके वचनों में दिखता है उसका स्वरूप,
उसके वचनों में दिखता है, वो परमेश्वर है।
3
देहधारी परमेश्वर केवल वचन व्यक्त करता है,
क्योंकि यही है काम उसका,
जो वो धरती पे करता है।
परमेश्वर के वचनों में, उसका दमदार,
दीन, सर्वोच्च स्वरूप दिखता है।
देहधारी परमेश्वर केवल वचन व्यक्त करता है,
क्योंकि यही है काम उसका,
जो वो धरती पे करता है।
अंत के दिनों का परमेश्वर सब कुछ
वचन से पूर्ण और उजागर करता है।
उसके वचनों में दिखता है उसका स्वरूप,
उसके वचनों में दिखता है, वो परमेश्वर है।
उसके वचनों में दिखता है उसका स्वरूप,
उसके वचनों में दिखता है, वो परमेश्वर है।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, आज परमेश्वर के कार्य को जानना से रूपांतरित