227 क्या पूरी बाइबल ईश्वर की प्रेरणा से लिखी गयी है?
इंसान आज बाइबल और ईश्वर को एक माने।
ईश्वर ने बस बोले बाइबल में लिखे वचन ही, इंसान ऐसा माने।
इंसान माने, वो सब ईश्वर ने कहा।
1
विश्वासी तो यह भी मानें, नया-पुराना नियम लिखा भले ही इंसान ने,
पर वे लिखे गए ईश्वर की ही प्रेरणा से, पवित्रात्मा के वचन दर्ज किए इंसान ने।
ऐसा सोचना इंसान की भूल है। यह असल तथ्यों के अनुसार नहीं है।
असल में, भविष्यकथन की किताबों के अलावा
पुराना नियम बीती बातों का अभिलेख है।
नए नियम के कुछ धर्मपत्र आए लोगों के अनुभवों से;
कुछ आए पवित्रात्मा द्वारा दिए प्रबोधन से।
यह मानना है ईश-निंदा और बड़ी भूल
कि इंसान के अभिलेख और धर्मपत्र
हैं वचन जो पवित्र आत्मा ने कलीसियाओं से कहे।
2
पौलुस के धर्मपत्र हैं एक इंसान का काम,
किया गया जो पवित्रात्मा के प्रबोधन से।
लिखे गए थे वे कलीसियाओं के लिए
भाई-बहनों का उत्साह बढ़ाने के लिए।
नहीं थे ये वचन पवित्रात्मा के।
पवित्रात्मा की जगह पौलुस नहीं बोल सकता था।
समझी नहीं थी उसने यूहन्ना की दृष्टि, न था वो कोई नबी।
वे धर्मपत्र थे उस युग की कलीसियाओं के लिए।
इंसान से कहे गए उसके उपयोगी वचन, थे सही मगर
दर्शा नहीं सकते थे वे ईश्वर को या पवित्रात्मा के वचनों को।
यह मानना है ईश-निंदा और बड़ी भूल
कि इंसान के अभिलेख और धर्मपत्र
हैं वचन जो पवित्र आत्मा ने कलीसियाओं से कहे, कलीसियाओं से कहे।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, बाइबल के विषय में (3) से रूपांतरित