10 मसीह का राज्य इंसानों के बीच साकार हुआ है
1
अंत के दिनों में, देहधारी सर्वशक्तिमान परमेश्वर,
पूरब में धार्मिकता के सूर्य सा प्रकट होता है।
इन्सान ने सच्ची ज्योति को प्रकट होते देखा है।
धर्मी, प्रतापी, प्रेमी, कृपालु है परमेश्वर।
छुपकर, दीन बन कर लोगों के बीच आता है परमेश्वर।
लोगों के बीच सत्य कहने, बोलने,
काम करने आता है परमेश्वर,
हमसे रूबरू है सर्वशक्तिमान परमेश्वर!
2
जिस परमेश्वर के लिए तरसते थे तुम,
जिस परमेश्वर का इंतजार करता था मैं,
वो प्रकट हो गया है।
हम सत्य खोजते थे, हम ज्योति के लिए तरसते थे,
अब सत्य और ज्योति लोगों के बीच आ गये हैं।
मानवजाति के पास उद्धार की आशा है,
हम परमेश्वर को एक जैसा प्रेम करते हैं।
व्यवहारिक देहधारी परमेश्वर का लोग कहा मानते हैं,
राष्ट्र उसकी आराधना करते हैं।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर सत्य व्यक्त करता
और अपना न्याय लाता है,
अपने धर्मी स्वभाव को वो प्रकट करता है।
3
अपने वचनों के न्याय और ताड़ना से, परीक्षण से,
परमेश्वर विजेताओं का समूह बनाता है, उन्हें जीत लेता है।
क्रोध से भरे और प्रतापी हैं वचन परमेश्वर के,
इन्सान की अनीति को शुद्ध करते, उसका न्याय करते,
और अंधकार के युग का अंत करते हैं वे।
सत्य और धार्मिकता अब धरा पर राज्य करते हैं!
सारी दुनिया जयकार करती है!
सभी आनंद मनाते हैं!
परमेश्वर का डेरा लोगों के बीच आता है।
कायनात जोश से झूमती है,
सारे देश आराधना करते हैं।
धरती पर परमेश्वर की इच्छा पूरी होती है।
मसीह का राज्य धरा पर साकार होता है।