20 तुलना से परे है राज्य के राजा की महिमामय मुखाकृति
1
नई शुरूआत की है परमेश्वर ने धरती पर,
गौरवान्वित हुआ है वो धरती पर।
आख़िरी ख़ूबसूरत नज़ारे की वजह से,
व्यक्त करता है परमेश्वर अपने दिल का जुनून।
उसके दिल की लय का अनुसरण करके,
नाचते हैं जल-स्रोत, कूदते हैं पर्वत, चट्टानों से टकराती हैं लहरें।
परमेश्वर के लिये मुश्किल है ज़ाहिर करना अपने दिल को।
जो योजना बनाई परमेश्वर ने, परमेश्वर ने, उसने पूरा किया है उसी को, उसी को,
और इसे पूर्व-निर्धारित किया था परमेश्वर ने।
इसी को परमेश्वर लोगों को दिखाता है
लोग इसका अनुभव करें, यही वो चाहता है, यही वो चाहता।
बहुत ही सुन्दर है राज्य की संभावना। विजेता है राज्य का राजा।
सिर से पाँव तक नहीं कोई निशान माँस और रक्त का,
पवित्र है परमेश्वर पूरी तरह।
2
सुलैमान के गीत में प्रियतम की तरह,
संतों से भी सुंदर है वो, प्राचीन संतों से भी ऊँचा है वो।
इंसानी नस्ल में मिसाल है वो। इंसानों की तुलना में बेजोड़ है वो।
इस काबिल नहीं इंसान कि निहार सके उसको।
हासिल नहीं किया जा सकता उसकी मुखाकृति को,
न तो उसके स्वरूप को, न ही उसकी छवि को।
इंसानी ख़्यालों से अछूता, दमकता है देह उसका पवित्र महिमा से।
लबालब है सिर से पाँव तक देह उसका स्वर्ग के प्रभामंडल, धार्मिकता से।
होती है प्रवाहित मोहक सुगंध, होती है प्रवाहित मोहक सुगंध।
बहुत ही सुन्दर है राज्य की संभावना। विजेता है राज्य का राजा।
सिर से पाँव तक नहीं कोई निशान माँस और रक्त का,
पवित्र है परमेश्वर पूरी तरह, पवित्र है परमेश्वर पूरी तरह।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, “संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के वचनों” के रहस्यों की व्याख्या, अध्याय 12 से रूपांतरित