608 परमेश्वर की इच्छा के अनुसार सेवा कैसे करें
1
परमेश्वर की इच्छा के अनुसार सेवा कैसे करें?
अगर ईश्वर की इच्छा से सेवा करना चाहो,
तो किनसे नफ़रत है उसे जान लो, किनसे प्यार है उसे जान लो,
कौन उसकी सेवा के, पूर्ण होने के काबिल है।
ईश्वर के काम को जब तुम जान लोगे
उसके वचनों का अनुभव करोगे,
तुम उसकी सेवा के काबिल हो जाओगे,
तुम उसकी सेवा के काबिल हो जाओगे।
ईश्वर के काम को जब तुम जान लोगे
उसके वचनों का अनुभव करोगे,
तुम उसकी सेवा के काबिल हो जाओगे,
तुम उसकी सेवा के काबिल हो जाओगे।
2
आज जो काम करता है ईश्वर,
तुम्हें उस काम के लक्ष्य को जान लेना चाहिये।
फिर ईश्वर के वचनों के मार्गदर्शन से तुम्हें,
वचनों में प्रवेश करना चाहिए, ईश्वर का आदेश मानना चाहिए।
ईश्वर के काम को जब तुम जान लोगे
उसके वचनों का अनुभव करोगे,
तुम उसकी सेवा के काबिल हो जाओगे,
तुम उसकी सेवा के काबिल हो जाओगे।
ईश्वर के काम को जब तुम जान लोगे
उसके वचनों का अनुभव करोगे,
तुम उसकी सेवा के काबिल हो जाओगे,
तुम उसकी सेवा के काबिल हो जाओगे।
3
जब तुम उसकी सेवा करते हो,
वो खोल देता है आत्मिक आँखें तुम्हारी।
उसके काम का ज़्यादा ज्ञान पा लोगे तुम,
जिसे फिर अच्छी तरह जान लोगे तुम।
ईश्वर के काम को जब तुम जान लोगे
उसके वचनों का अनुभव करोगे,
तुम उसकी सेवा के काबिल हो जाओगे,
तुम उसकी सेवा के काबिल हो जाओगे।
ईश्वर के काम को जब तुम जान लोगे
उसके वचनों का अनुभव करोगे,
तुम उसकी सेवा के काबिल हो जाओगे,
तुम उसकी सेवा के काबिल हो जाओगे।
जब वास्तविकता में तुम प्रवेश करोगे,
तुम्हारे अनुभव ज़्यादा सच्चे और गहन होंगे।
जिन्होंने इसका अनुभव कर लिया है वे कलीसिया में जा सकते हैं
दूसरे भाई-बहनों को पोषित कर सकते हैं।
इस तरह एक-दूसरे से सीखकर अपनी कमियों को पूरा कर सकते हो,
आत्मा में तुम्हारे ज्ञान का विस्तार होगा।
4
इस परिणाम को हासिल करके ही,
तुम ईश्वर की इच्छा पूरी कर पाओगे,
और ईश्वर की सेवा के दौरान तुम उसके हाथों पूर्ण हो पाओगे।
ईश्वर के काम को जब तुम जान लोगे
उसके वचनों का अनुभव करोगे,
तुम उसकी सेवा के काबिल हो जाओगे,
तुम उसकी सेवा के काबिल हो जाओगे।
ईश्वर के काम को जब तुम जान लोगे
उसके वचनों का अनुभव करोगे,
तुम उसकी सेवा के काबिल हो जाओगे,
तुम उसकी सेवा के काबिल हो जाओगे।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परमेश्वर की इच्छा के अनुरूप सेवा कैसे करें से रूपांतरित