लाइ शिंगुआंग वरिष्ठ हाई स्कूल का छात्र है। बहुत छोटी उम्र में वह एक समझदार और सुशील लड़का था। उसके माता-पिता और शिक्षक उसको बहुत चाहते थे। माध्यमिक शाला में जाते समय वह इंटरनेट कंप्यूटर खेलों में आसक्त हो गया था। वह इंटर…
याँग झेंग हीलोंगजियाँग प्रांतमैं एक गरीब ग्रामीण परिवार में पैदा हुआ था जो अपनी सोच में पिछड़ा हुआ था। मैं छोटी उम्र से ही घमंडी था और हैसियत पाने की मेरी इच्छा विशेष रूप से प्रबल थी। समय के साथ, सामाजिक प्रभाव और पारंपर…
ज़ियांग वांग सिचुआन प्रांतमैं हर बार अपने हृदय की गहराई से ताड़ना महसूस करता हूँ, जब भी मैं देखता हूँ कि परमेश्वर के वचन कहते हैं कि: "क्रूर मानवजाति! साँठ-गाँठ और साज़िश, एक-दूसरे से छीनना और हथियाना, प्रसिद्धि और संप…
भ्रष्ट मानवता को आवश्यकता है परमेश्वर द्वारा उद्धार कीदूषित मानवता को चाहिये देहधारी परमेश्वर का कार्य।दूषित मानवता को चाहिये देहधारी परमेश्वर का कार्य।देह बना परमेश्वर क्योंकि, शैतान की रूह नहीं है लक्ष्य उसका,ना अन्य क…
साफ़ नहीं था इंसान जीए किसके लिए।अब मिल गया है मुझे उसका जवाब।प्रतिष्ठा और शोहरत की तलाश में, मैं जीता था बस अपने लिए। सुंदर शब्दों से भरी होती थी मेरी दुआ,पर असल में मैं जीता था अपने तरीके से।भविष्य और किस्मत पर था निर्…
लेखक: गांगकियांग, अमेरिकामैं रोज़ी-रोटी कमाने के इरादे से 2007 में अपने दम पर सिंगापुर आया। सिंगापुर का मौसम साल-भर गर्म रहता है। ड्यूटी के वक्त हर रोज़ मैं पसीने में तर-बतर रहता था। मेरी हालत खराब थी। इसके अलावा, यह जगह भ…
कश्ती सा मैं था, भटका समन्दर में।चुन कर मुझे, तूने राह दी तेरे शरण की।तेरे परिवार में स्नेह से मुझे शांति मिली।तू दे आशीष और दे वचन न्याय के।फिर भी हूँ असमर्थ तेरी दया संजोने में।अक्सर किया है विद्रोह, दुखाया तेरा दिल।अन…
मैंने चाहा रोना, कोई जगह नहीं थी सही।मैंने चाहा गाना, मिला नहीं कोई गीत।मैंने चाहा एक निर्मित प्राणी के प्रेम का करना इज़हार।ऊपर-नीचे ढूंढा, पर कोई वचन न बता पाए, न बता पाए मुझे होता जो महसूस।व्यावहारिक और सच्चे परमेश्वर…
वे यहाँ हैं, वे ईश्वर जो इंसान के रूप में हैं। वे जो कहते हैं, जो करते हैं, सब सत्य है। उनके ज्ञान, उनकी सच्चाई, सब से प्यार मैं करता हूँ। उनसे मिलकर, उनके साथ से, मैं तो धन्य हो गया। वे यहाँ हैं, वे ईश्वर जो इंसान के रू…